धार में अंबेडकर की प्रतिमा 2 बार क्षतिग्रस्त,लावारिस और असुरक्षित रहती है महू जन्मस्थली की प्रतिमाएं

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धार में अंबेडकर की प्रतिमा 2 बार क्षतिग्रस्त,लावारिस और असुरक्षित रहती है महू जन्मस्थली की प्रतिमाएं

दिनेश सोलंकी की विशेष रिपोर्ट 

इंदौर – अहमदाबाद फोरलेन पर धार के जैतपुरा के समीप डॉक्टर अंबेडकर की प्रतिमा को अज्ञात लोग हाल ही में दो बार कितने ग्रस्त कर चुके हैं। घबराए प्रशासन ने दूसरी मूर्ति लगवाई तो उसे भी अज्ञात लोग उखाड़ ले गए। घटना को लेकर भीम आर्मी वहां पर नाराज है।

यह घटना को भले ही किसी ने सुनियोजित अंजाम दिया दिया हो लेकिन प्रश्न अब महू में अंबेडकर जन्मस्थली को लेकर भी उठ रहे हैं, जहां जन्मस्थली के बाहर और भीतर बाबा साहब अंबेडकर की कई प्रतिमाएं विद्यमान हैं।

उल्लेखनीय है कि अंबेडकर प्रतिमा की स्थापना के बाद से किसी भी प्रकार की सुरक्षा, चाक चौबंद व्यवस्था शासन प्रशासन द्वारा आज तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। बाबासाहेब की जन्मस्थली मुंबई – आगरा राजमार्ग पर स्थित है और यहां स्तूप के बाहर ही डॉक्टर अंबेडकर की दो प्रतिमा है, जो एक आदमकद है और दूसरी उससे छोटी प्रतिमा। इन्हीं प्रतिमाओं पर हर साल 14 अप्रैल, अंबेडकर जयंती पर राज्य शासन भव्य स्तर पर अनुयायियों के लिए खान पान, ठहरने की व्यवस्था करता है। यहां देश के नामी नेता विशिष्ट गण पधारते भी है। लेकिन जयंती के तत्काल बाद ही यह पूज्यनीय स्थल फिर से वीरान हो जाता है।

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गौरतलब है कि जन्मस्थली मुंबई – आगरा राजमार्ग से सिर्फ 50 मीटर की दूरी पर ही खुले में स्थित है। जबकि प्रतिमाएं सुनसान अवस्था में पड़ी रहती हैं और कई बार यह लावारिस स्थिति में भी आ जाती है। सिर्फ यही दो प्रतिमाएं प्रतिमाओं का सवाल नहीं है, स्मारक के भीतर महंगे भित्ति चित्र लगे हैं और कई प्रतिमाएं भी वहां विराजित है। दान पेटियों में भी लाखों रुपए का दान आता है। लेकिन ताजुब होता है की सुरक्षा के नाम पर राज्य शासन आज तक यहां पर विशेष सुरक्षा बल उपलब्ध नहीं करवा पाया है।

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उल्लेखनीय है कि पिछले 3 साल से अंबेडकर स्मारक समितियां के झगड़े भी तूफान की तरह चल रहे हैं और पिछले साल यहां पर दो समितियों के बीच खूनी मारपीट भी हो चुकी है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि राज्य शासन की यह ढील किसी भी दिन भारी पड़ सकती है और धार की ताजी घटना को लेकर इस पर अब गंभीरता से लेना और जरूरी हो गया है।