Ambitious Project-Udhampur Srinagar Baramulla Rail Link : क्या है उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट? जिसे आज PM मोदी ने दिखाई हरी झंडी

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Ambitious Project-Udhampur Srinagar Baramulla Rail Link : क्या है उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट?जिसे आज PM मोदी ने दिखाई हरी झंडी

उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री मोदी ने आज हरी झंडी दे दी। भारतीय रेलवे के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को देश के शेष रेल नेटवर्क से जोड़ना है। जानें इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से भारतीय रेलवे ने हासिल कीं कौन सी 6 अचीवमेंट।

उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) दुनिया की सबसे महत्वाकांक्षी और चुनौतीपूर्ण रेलवे परियोजनाओं में से एक है। जम्मू को कश्मीर से जोड़ने वाली 312 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन घाटी को शेष भारत से जोड़ेगी। कटरा से लाओल खंड का 80% हिस्सा सुरंगों और पुलों से बना है, इसलिए परियोजना को सुरक्षित निष्पादन के लिए उन्नत भू-तकनीकी निगरानी की आवश्यकता रही ।यूएसबीआरएल परियोजना दुनिया की सबसे बड़ी और शायद सबसे चुनौतीपूर्ण रेलवे परियोजनाओं में से एक है। 312 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन जम्मू के उत्तर में उधमपुर शहर से कश्मीर घाटी के उत्तर-पश्चिमी छोर पर बारामुल्ला शहर तक बनाईसबसे लम्बी रेल योजना। 

उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट भारतीय रेलवे के इंजीनियरिंग और तकनीकी कौशल का प्रतीक है। 43,780 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 272 किलोमीटर लम्बी यह रेल लाइन हिमालय के सबसे चुनौतीपूर्ण भूभागों से होकर गुजरती है। इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में 3 दशक से अधिक का समय लगा। कश्मीर घाटी को शेष भारत से जोड़ने वाली इस रेल लाइन का विचार पहली बार 1970 के दशक में सामने आया था। इसे औपचारिक रूप से 1994 में मंजूरी दी गई थी और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण के लिए धन स्वीकृत किए जाने के बाद 2002 में निर्माण शुरू हुआ।
Ambitious Project-Udhampur Srinagar Baramulla Rail Link
Ambitious Project-Udhampur Srinagar Baramulla Rail Link
3 साल में 15000 करोड़ बढ़ी लागत

इसकी अनुमानित लागत 2022 में लगभग 28,000 करोड़ रुपये थी, जो 2025 तक बढ़कर 43,780 करोड़ रुपये हो गई। यह 272 किलोमीटर लंबा रेल मार्ग जम्मू तवी को कश्मीर घाटी के बारामूला शहर से जोड़ता है, जिसमें उधमपुर, कटरा, श्रीनगर और बनिहाल जैसे प्रमुख स्थान शामिल हैं। रेलवे प्रोजेक्ट के पूरा होने से बर्फीले मौसम में भी इन इलाकों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी, क्योंकि सड़क परिवहन तो स्नोफॉल ने पर ठप हो जाता था। वहीं, इस प्रोजेक्ट में उन्नत इंजीनियरिंग तकनीकों का उपयोग किया गया है।

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प्रोजेक्ट शुरू होते ही 6 उपलब्धियां

दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल: इस प्रोजेक्ट के तहत दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल चिनाब ब्रिज सबसे बड़ी उपलब्धि है। एफिल टावर से भी 35 मीटर ऊंचा चिनाब ब्रिज 359 मीटर ऊंचाई के साथ दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। यह कटरा और बनिहाल के बीच रेल मार्ग को जोड़ता है। यह पुल 1.3 किमी लंबा है और 260 किमी/घंटा तक की हवा का सामना कर सकता है। इसकी लागत ₹ 1,486 करोड़ है। इसके पूरा होने से कटरा और श्रीनगर के बीच यात्रा का समय लगभग तीन घंटे रह जाएगा।

अंजी खड्ड ब्रिज: कटरा और रियासी के बीच अंजी खड्ड ब्रिज भारत का पहला केबल-स्टे रेलवे ब्रिज है। जम्मू से 80 किलोमीटर दूर स्थित इस पुल के निर्माण में 96 हाई-टेंसिल केबल का इस्तेमाल किया गया है और इसे मात्र 11 महीनों में पूरा किया गया। इसमें 8,200 मीट्रिक टन से अधिक स्टील का इस्तेमाल किया गया। यह पुल नदी तल से 331 मीटर ऊपर है और 725 मीटर तक फैला है। इस पुल का भी आज ही उद्घाटन हुआ।

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Udhampur Srinagar Baramulla Rail Link

सुरंग टी-50: भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग खारी और सुम्बर के बीच बनी है। इसकी लंबाई 12.77 किमी है।

पीर पंजाल रेल सुरंग: भारत की दूसरी सबसे लंबी परिवहन सुरंग बनिहाल और काजीगुंड रेल मार्ग पर बनी है। इसकी लंबाई 11.22 किमी है।

सुरंग टी-44: देश की तीसरी सबसे लंबी रेलवे सुरंग सावलकोट और सांगलदान के बीच बनी है। इसकी लंबाई 11.13 किमी है।

विशाल सुरंग नेटवर्क: प्रोजेक्ट के तहत 36 मुख्य सुरंगें और 8 निकास सुरंगें और 943 पुल बनाए हैं। इसकी संयुक्त लंबाई 186 किलोमीटर से अधिक है।

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