एमपीसीए के भी संविधान में हुआ संशोधन

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एमपीसीए के भी संविधान में हुआ संशोधन

इंदौर। मध्य प्रदेश क्रिकेट संगठन में अब सांसद, विधायक और दूसरे खेलों से जुड़े व्यक्ति भी पदाधिकारी बन सकेंगे। प्रदेश के क्रिकेट संगठन ने शनिवार को अपने संविधान में संशोधन कर दिया है। जल्द ही एमपीसीए में चुनाव भी होना है, जिसकी घोषणा जल्द की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के 14 सितंबर को दिए आदेश के बाद बीसीसीआई ने अपने संविधान में संशोधन कर दिया था, जिसके बाद सभी राज्यों को अपने बीसीसीआई की तरह संविधान में संशोधन करने को कहा है। इसके लिए होलकर स्टेडियम में शनिवार को विशेष असाधारण सभा (ईओजीएम) रखी गई थी।
एमपीसीए के सीईओ रोहित पंडित ने बताया कि नए बदलावों के बाद कोई भी जनप्रतिनिधि पद ले सकेगा, लेकिन कोई मंत्री पदाधिकारी नहीं बन सकता। 70 साल से ज्यादा उम्र के लोग अब किसी भी तरह के पद नहीं ले सकेंगे। अब तक 70 साल से अधिक आयु के लोग पदाधिकारी नहीं बन सकते थे, लेकिन सह समितियों में उन्हें स्थान मिलता था। इस नियम की जद में बहुत से चेहरे आएंगे, क्योंकि बड़ी संख्या में विभिन्न समितियों में हैं। चयन समितियां भी प्रभावित होंगी। अयोग्यता की शर्तों के अनुसार छह साल चयनकर्ता रहा कोई भी व्यक्ति दोबारा यह पद नहीं ले सकता।
अब कूलिंग ऑफ के नियम भी बदले हैं। पहले एमपीसीए में कोई व्यक्ति छह साल पद पर रहा है तो उसे अगले तीन साल कूलिंग आफ में बिताना होते थे। वह किसी भी पद पर नहीं रह सकता था। लेकिन अब ऐसी स्थिति में वह बीसीसीआइ जा सकेगा।
बैठक शनिवार को शाम छह बजे शुरू होना थी, लेकिन सदस्य समय पर नहीं आने से इसमें देरी हुई। ईओजीएम में केवल संविधान संशोधन के मुद्दे पर चर्चा होगी, कुछ सदस्यों ने अपने सुझाव भी दिए, जिस पर मैनेजिंग कमेटी चर्चा कर एजीएम में रख सकती है। बैठक में लगभग 65 सदस्यों ने हिस्सा लिया।
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