Amendment: गौवंश वध, परिवहन में जप्त वाहनों की कलेक्टर कार्रवाई से पहले न्यायालय से सुपर्दगी नहीं
भोपाल:मध्यप्रदेश में अब गौवंश वध और गौमांश परिवहन करते पकड़े गए वाहनों को न केवल राजसात किया जाएगा बल्कि इन मामलों में कलेक्टर न्यायालय की कार्यवाही पूरी होंने से पहले वाहन स्वामी न्यायालय में अपील कर इन वाहनों को वापस नहीं ले सकेंगे। राज्य सरकार ने इस संबंध में मध्यप्रदेश गौवंध वध प्रतिषेध अधिनियम 2024 में संशोधन कर दिया है।
विधानसभा में पारित हुए मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध संशोधन अधिनियम 2024 को राज्यपाल ने अनुमति दे दी है। इसके बाद अब इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है। इस अधिनियम की दो धाराओं में संशोधन किया गया है। इस धारा के अधीन वाहन अधिहरण का कोई भी आदेश तब तक जारी नहीं किया जाएगा जब तक की कलेक्टर द्वारा अभिगृहित किए गए वाहन, गौवंश और गौ मांस के लिए अभिगृहण के लिए कार्यवाही प्रारंभ करने के लिए विचारण की अधिकारिता रखने वाले न्यायालय को न भेज दी जाए। याने गौवंश वध और परिवहन करते हुए राजसात किए गए वाहनों को अन्य न्यायालायों में याचिका लगाकर पहले ही सुपुर्दगी में नहीं लिया जा सकेगा। जिस न्यायालय में ये मामले आएंगे वे भी कलेक्टर द्वारा इन मामलों में राजसात गौवंश, वाहन को लेकर कलेक्टर की कार्यवाही, वाहनों गौवंश और गौमांस के व्ययन, अभिरक्षा को लेकर जारी नहीं कर सकेंगे।
इसलिए पड़ी जरुरत–
गौवंश वध और गौमांस परिवहन करते वाहन कलेक्टर और उसके अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा सूचना मिलने पर रंगे हाथो पकड़े जाते थे। ऐसे वाहनों को राजसात किया जाता था। कलेक्टर न्यायालय में इन मामलों की सुनवाई होंने के बाद निर्णय लिया जाता था। लेकिन राजसात हुए वाहन के स्वामी न्यायालय में अपील करते थे और तुरंत वहां से इन वाहनो को सुर्पुदगी में वापस लेते थे। इसके चलते वाहन राजसात होंने के अगले ही दिन वाहन स्वामी के पास वापस आ जाते थे। अब ऐसा नहीं हो सकेगा।