अमेरिका तीस साल पहले से मोदी की आरती कर रहा था
आप कृपया इस शीर्षक से चौंकिए नहीं और न ही इसे प्रशंसा की अतिशयोक्ति समझें | मैं तथ्य के आधार पर भारतीयों का ध्यान दिलाना चाहता हूँ | साथ ही उन मीडिया के साथियों और नेताओं की इन टिप्पणियों के सन्दर्भ में कि किसी समय नरेंद्र मोदी को अमेरिका में प्रवेश के लिए वीसा न देने वाला देश मोदीजी को अति विशिष्ट मेहमान की तरह राष्ट्रपति द्वारा राजकीय सम्मान दे रहा है | लेकिन भारत और अमेरिका के रिकार्ड्स से यह प्रमाणित हो सकता है कि करीब तीस वर्ष पहले अमेरिका के विदेश मंत्रालय और अमेरिकन काउंसिल ऑफ़ यंग पोलिटिकल लीडर्स के एक विशेष कार्यक्रम के लिए भारत के उभरते नेता के रुप में पहचान कर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के प्रखर युवा नेता नरेंद्र मोदी को सादर आमंत्रित किया | तब 1994 में मोदी इस कार्यक्रम के लिए वाशिंगटन गए | अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने उनके लिए राजनीतिक नेताओं , वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों , अमेरिकी नीति निर्धारकों , व्यापर उद्योग से जुड़े लोगों से मिलने के कार्यक्रम बनाए | इससे मोदीजी को अमेरिकी राजनीति , विदेश नीति और भारत सहित अंतरराष्ट्रीय संबधों पर विस्तार से चर्चा का अवसर मिला | अमेरिकी सरकार और यंग लीडर्स काउन्सिल ने कुछ अन्य शहरों की यात्रा और समाज के लोगों से मिलने की व्यवस्था की |
1994 में मैं दिल्ली में हिंदुस्तान अख़बार का कार्यकारी संपादक था और इससे पहले 1987 में अमेरिकी सरकार के निमंत्रण पर ही एक महीने की यात्रा करके आया था | इसलिए लीडर्स काउन्सिल के सम्बन्ध में अमेरिकी अधिकारियों से बातचीत हुई थी और सचमुच अन्य कई भाजपा नेताओं के बजाय मोदीजी को बुलाए जाने पर थोड़ा आश्चर्य भी हुआ था | हाँ , गुजरात में मोदीजी के संगठन के कार्यों और उनके जुझारुपन की जानकारी थी | बहरहाल , यह तो सबको स्वीकारना चाहिए कि किसी ने 1993 – 94 में कल्पना नहीं की होगी कि यह युवा नेता देश का प्रधान मंत्री बनकर विश्व का अग्रणी नेता बन जाएगा | अपने अनुभव , अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर गहरी पैठ के कारण आज प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका ही नहीं दुनिया के अन्य बड़े देशों के प्रधान मंत्री या राष्ट्रपति के साथ सीधे संवाद कर भारत के संबंधों और प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं |
इस तथ्य पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि अमेरिका , रुस , चीन , जर्मनी जैसे देश दूरगामी रणनीति विदेश नीति बनाने के साथ भारत जैसे देश के भावी राजनीतिक नेताओं और उनके प्रभाव पर गहरा अध्ययन करते रहते हैं | इसीलिए उन्होंने मोदीजी की क्षमता की पहचान की | अमेरिकी विदेश मंत्रालय काउन्सिल ऑफ़ यंग पोलिटिकल लीडर्स जैसे संगठनों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय संबधों को बढ़ाता है | इस संस्था का गठन 1966 में हुआ और अब तक उसने भारत सहित 129 देशों के उभरते करीब 8600 नेताओं को जोड़ने का काम किया है | यही नहीं इस संस्था और विदेश मंत्रालय द्वारा अमेरिका के युवा नेताओं को उन देशों में भेजा जाता है | इसे एक्सचेंज प्रोग्राम कहा जाता है |
नरेंद्र मोदी युवा काल से ही घुमक्कड़ प्रकृति के हैं | राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक के रुप में भी उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों और नेपाल जैसे देशों में निरंतर यात्राएँ की | इसी क्रम में संघ के प्रचारक रहते हुए वह 1993 में भी अमेरिका की यात्रा कर आए थे | तब एक पर्यटक के नाते अमेरिका के व्हाइट हाउस , यूनिवर्सल स्टूडियो और अन्य प्रमुख दर्शनीय स्थलों पर मित्रों के साथ फोटो खिंचवाने का आनंद लेते थे | अमेरिका में बसे भारतीय परिवारों के साथ ठहरने की व्यवस्था होती थी | शुद्ध शाकाहारी होने के कारण बाहर घूमते समय खाने की समस्या होती थी | यही नहीं मात्र दो तीन जोड़ी कुर्ता पायजामा होने से किसीके घर में ठहरने से थोड़ी सुविधा होती थी | लेकिन इस तरह के पारिवारिक संबंधों और अमेरिकी समाज के बारे में गहरी समझ होने से उन्हें प्रवासी भारतीयों को जोड़ने में अब बहुत सुविधा होती है | अब अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की संख्या निरंतर बढ़ती गई है | दुनिया में भारत की साख भी बढ़ती जा रही है |
अमेरिका में इस सप्ताह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बाइडन के साथ शीर्षस्थ वार्ताओं और समझौतों से भारत अमेरिका संबंधों का नया अध्याय लिखे जाने का विश्वास दोनों पक्षों को है | विशेष रुप से सुरक्षा और आर्थिक संबंधों के लिए होने जा रहे समझौतों से दोनों देशों और अंतररार्ष्ट्रीय संबंधों में लाभ होगा | अमेरिका सहित विश्व के अधिकांश देश अब आतंकवाद और चीन के विस्तारवाद से निपटने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को समझने स्वीकारने लगे हैं | प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान के आतंकवादी हमलों और चीन द्वारा सीमा पर अतिक्रमण के प्रयासों को सेना से करारा जवाब दिलवाने में सफलता प्राप्त की है | वहीँ कोविड महामारी से निपटने में भारत के अद्भुत प्रयासों और दुनिया की मदद से भारत का महत्व बढ़ा दिया है | अब जी – 20 देशों के संगठन का नेतृत्व मिलने से अनतर्राष्ट्रीय राजनीतिऔर संयुक्त राष्ट्र संगठन में भारत की अहम भूमिका दूरगामी लाभ देने वाली है |