अमेरिका की प्रकृति को भी लगता है तिरंगा प्यारा!

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अमेरिका की प्रकृति को भी लगता है तिरंगा प्यारा!

भारत के तिरंगे में मौजूद तीन रंगों केसरिया, सफेद और हरे का प्रकृति से करीबी रिश्ता है। यही कारण है कि प्रकृति को भी यह तिरंगा बहुत प्यारा लगता है। भारत ही नहीं अमेरिका की प्रकृति में भी तिरंगे के प्रति यह प्यार शिद्दत के साथ दिखाई देता है। भारत के हृदय स्थल मध्य प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर के व्यवसायी महेश बंसल ने हाल ही में की गई अपनी अमेरिका की यात्रा के दौरान तिरंगे के प्रति अमेरिका की प्रकृति के प्रेम को देखकर इसे अपने कैमरे में कैद कर प्रस्तुत किया है। उन्होंने जानकारी दी, कि अमेरिका स्थित येलोस्टोन नेशनल पार्क में स्थित 11 प्रमुख गीजर बेसिन में से एक प्रमुख बेसिन नॉरिस गीजर बेसिन में प्रकृति ने तिरंगे रंग को अपनी कोख से प्रकट कर दर्शनीय रूप में प्रस्तुत किया है।

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सात समुंदर पार यदि किसी प्राकृतिक संरचना को देखकर आजादी का अमृत महोत्सव याद आ जाएं तो वह क्षण अविस्मरणीय हो जाता है। येलोस्टोन पार्क के नॉरिस गीजर बेसिन में अब भी सक्रिय ज्वालामुखी से निकले लावा से तिरंगे के तीनों रंग और उस पर बहते गर्म पानी को देखकर अचंभित एवं आनंदित होना हर भारतीय के लिए स्वाभाविक है। यहां कई भाप वेंट, नीले झरने और हरे और केसरिया पानी का प्रवाह दिखाई देता है। यह रंग वास्तव में उन लाखों बैक्टीरियाओं से निर्मित होता है, जो केवल बहुत गर्म तापमान में ही जीवित रह सकते हैं। वास्तव में यह दुनिया की किसी भी जगह से भिन्न है। चूंकि यह सबसे गर्म बेसिन है, इसलिए वहाँ पेड़ अच्छी तरह से विकसित नहीं होते। जबकि, येलोस्टोन का अधिकांश भाग लॉजपोल देवदार का जंगल नॉरिस में मौजूद है। पर्यटक इस उजाड़ बंजर भूमि को देखकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं।

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नॉरिस गीजर बेसिन की खासियत यह है कि यह पृथ्वी के नीचे मैग्मा के सबसे निकट है और इसलिए, इसमें पार्क के सबसे गर्म गीजर हैं। यह सबसे ज्यादा बदलता भी है। यह येलोस्टोन काल्डेरा के ठीक बाहर स्थित है। पिछली बार लगभग 6,00,000 साल पहले जब येलोस्टोन सुपर ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था। तब यहां एक विशाल गड्ढा बन गया था। यहां प्रति वर्ष एक हजार से भी अधिक भूकंप आते है। 1959 के प्रसिद्ध हेब्गेन भूकंप का केंद्र नॉरिस के पास स्थित था। नॉरिस का पानी क्षारीय होने के बजाय अम्लीय है। इसमें कुछ बहुत ही दुर्लभ अम्लीय गीजर शामिल हैं, जिनमें इचिनस गीजर भी शामिल है। नॉरिस सबसे बड़े गीज़र बेसिनों में से एक है। आमतौर पर गीजर गर्म झरनों की तरह होते हैं, लेकिन उनके नीचे की पाइपलाइन में रुकावट होती है। इससे गर्म पानी दबाव बनाता है और अंततः उड़ जाता है।

नॉरिस गीजर बेसिन का नामकरण येलोस्टोन पार्क के दूसरे अधीक्षक फ़िलेटस नॉरिस के नाम पर रखा गया है, जो पार्क के दूसरे अधीक्षक थे। जिन्होंने पार्क में जानवरों के अवैध शिकार को रोकने में बहुत योगदान दिया था। उन्होंने लगभग पांच वर्षों तक अधीक्षक के रूप में कार्य किया और जाने से पहले उन्हें प्रति वर्ष दस हजार डॉलर का वेतन मिलता था।