अमित शाह की दो टूक, रिश्तेदारी, भाई-भतीजावाद पर नहीं मिलेगा टिकट,जीत के लिए दिया 15 सूत्रीय फार्मूला
भोपाल: मध्यप्रदेश की चुनावी कमान थामने के बाद केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने साफ कहा है कि मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण रिश्तेदारी, भाई-भतीजावाद के आधार पर नहीं किया जाएगा। उन्होंने इंदौर संभाग के नौ जिलों के पार्टी के कोर सदस्यों से कहा है कि चुनाव वातावरण या माहौल से नहीं जीते जाते बल्कि व्यूह रचना और प्लानिंग के गणित के आधार पर जीते जाते हैं और इसलिए पार्टी ने 15 सूत्रीय जीत का फार्मूला तय किया है। इस पर 15 दिन में एक्शन लेना है जिसके बाद फिर नया प्लान जारी किया जाएगा। शाह ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि पूरे चुनाव में केंद्रीय मंत्री द्वय व प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव व सह चुनाव प्रभारी अश्विनी वैष्णव ही सभी भूमिकाओं में रहेंगे। इनका निर्देश पार्टी हाईकमान का निर्देश माना जाएगा।
शाह ने ये बातें रविवार रात को इंदौर में दिल्ली रवाना होने से पहले इंदौर संभाग के चुनिंदा कोर सदस्यों व पदाधिकारियों से चर्चा में कहीं। उन्होंने कहा कि वे तो इंदौर सिर्फ एजेंडे पर एक्शन के लिए आए थे। कार्यकर्ता सम्मेलन तो बहाना था। हमें जीत के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखनी है। पिछले चुनाव में हमने जो बड़ी गलती की थी वह कुछ मामलों में जानबूझकर हुई थी। इस बार ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। शाह ने कहा कि चुनाव वातावरण बनने या माहौल बनने से नहीं जीते जाते, इसके लिए व्यूह रचना करनी होती है और प्लानिंग के गणित से ही चुनाव में जीत मिलती है। इसलिए पार्टी ने जो प्लान तय किया है उस पर हर हाल में एक्शन लेना है।
बूथों में मिले चार चुनाव परिणामों को कैटगराइज करें
शाह ने पार्टी नेताओं से कहा कि बीजेपी के चुनाव में बूथ ही सर्वोपरि है। इसलिए सारी क्रियाएं यहीं से चलेंगी। सभी पदाधिकारी विधानसभा के हर बूथ में पार्टी को पिछले चार चुनावों में मिले वोटों की समीक्षा करेंगे और उसे ए, बी, सी, डी कैटेगरी में कैटेगराइज करेंगे। जिन बूथों को पूर्व में डी कैटेगरी में रखा गया था, उसे सी में लाना है। सी कैटेगरी वाले को बी में और बी वाले को ए कैटेगरी में लाने के लिए काम करना है। जो बूथ ए कैटेगरी का है उसमें दस प्रतिशत वोट वृद्धि करना है जो ए प्लस कैटेगरी में आ जाएगा।
5 साल के लिए 50 साल के लिए करना है राज
शाह ने यह भी कहा कि हम पांच साल के लिए प्लान नहीं कर रहे बल्कि पचास साल तक राज करने के लिए यह प्लान तैयार कर रहे हैं। इसके लिए पार्टी ने मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र को प्रमुख माना है। चूंकि इन छह राज्यों में से तीन में सबसे पहले चुनाव हो रहे हैं। इसलिए यहां हर हाल में चुनाव पार्टी की प्लानिंग के आधार पर कराए जाएंगे। केंद्रीय संगठन इसके लिए अलग-अलग प्लान जारी करेगा।
जिला प्रभारी, जिला संयोजक, जिला अध्यक्ष की भूमिका
केंद्रीय मंत्री शाह ने यह भी स्पष्ट किया है कि पूरे चुनाव में पार्टी द्वारा घोषित किए गए जिला संयोजक, जिला प्रभारी और जिला अध्यक्ष की भूमिका सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। इसलिए इनको ध्यान रखना है कि जो कार्यक्रम तय किए जाएं उस पर अमल कर प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व को शीघ्र रिपोर्ट दें। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव, प्रदेश चुनाव सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में शाह ने यह भी कहा कि बूथों पर केंद्रीय नेताओं की टीम भी इस बार पहुंचेगी।