Amit Shah Said : ‘राहुल गांधी की सजा को कांग्रेस ने प्रोपेगेंडा बना दिया, जबकि दोष स्टे नहीं होता!’

अमित शाह ने कहा 'राहुल ने आर्डिनेंस नहीं फाड़ा होता तो आज वे बच जाते!'

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Amit Shah Said : ‘राहुल गांधी की सजा को कांग्रेस ने प्रोपेगेंडा बना दिया, जबकि दोष स्टे नहीं होता!’

New Delhi : मानहानि मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत की कोर्ट से सुनाई गई सजा के बाद उनकी संसद सदस्यता खत्म कर दी गई है। इसके बाद इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई। कांग्रेस ने इसे बदले की कार्रवाई बताया। जबकि, बीजेपी का कहना है कि देश में कोई भी कानून से बड़ा नहीं होता। राहुल गांधी पर हुई कार्रवाई पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी टिप्पणी की। उन्होंने इसे कांग्रेस का प्रोपेगेंडा बताया।

गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस भ्रांति फैलाने का काम कर रही है। हमारे कानून में प्रावधान है कि यदि किसी भी व्यक्ति को 2 साल की सजा होती है तो 3 महीने का समय उसे अपनी सजा को स्टे कराने के लिए मिलता है। सजा को स्टे कराना और दोष को स्टे कराना अलग बातें हैं। कानून में ये प्रोविजन ही नहीं है कि अदालत जब किसी भी व्यक्ति को 2 साल या उससे अधिक सजा देती है, वो उस दोष पर रोक लगा सके।

गृहमंत्री ने कहा कि कन्विक्शन स्टे नहीं हो सकता। 2013 में लिलि थॉमस बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट ने तय कर दिया है कि तीन महीने नहीं मिलेंगे। जिस क्षण से सजा होती है, उसी क्षण से आपकी सदस्यता रद्द हो जानी चाहिए। ये यूपीए के समय में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है, तब हम तो दूर-दूर तक नहीं थे। हम तो आज भी जजमेंट को सुधारना नहीं चाहते। ये बातेंं गृहमंत्री शाह ने एक समाचार चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में कहीं।

 

कांग्रेस का विरोध एरोगेंस

अमित शाह ने कहा कि लालू को बचाने के लिए कांग्रेस मनमोहन सरकार के समय एक ऑर्डिनेंस लाई थी, जिसे राहुल गांधी ने पूरे देश के सामने नॉनसेंस कहकर फाड़ दिया था। उसके बाद उसे विड्रॉ कर लिया गया था। आज यदि वह कानून होता, तो शायद वे बच जाते। शाह ने यह भी कहा कि उन्होंने अब तक अपने दोष पर रोक लगाने के लिए अपील भी नहीं की! ये किस प्रकार की एरोगेंसी है? शाह ने पूछा कि आप मेंबर ऑफ पार्लियामेंट भी बने रहना चाहते हो और अदालत के सामने भी नहीं जाओगे! ये एरोगेंसी कहां से जनरेट होती है?

 

पहले भी लोगों की सांसदी गई

गृहमंत्री ने बताया कि राहुल गांधी पहले शख्स नहीं हैं जिनकी संसद सदस्यता रद्द हुई हो! उनसे पहले भी लोग इस कानून के तहत सांसदी खो चुके हैं। शाह ने कि लालू प्रसाद यादव पहले शख्स बने, उसके बाद जयललिता पर भी कार्रवाई हुई। राशिद अल्वी पर भी कार्रवाई हुई थी। राहुल गांधी के साथ ऐसे 17 लोगों पर कार्रवाई हो चुकी है। गृहमंत्री ने कहा कि किसी ने काले कपड़े नहीं पहने, हाय-तौबा नहीं की। क्योंकि, ये सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट है, देश का कानून है। लेकिन, अब इन पर आ गई तो कांग्रेस वाले कहते हैं कि गांधी फैमिली के लिए एक अलग कानून बनाना चाहिए।

शाह ने आगे कहा कि ये किस मेंटालिटी में जीते हैं। किसी के लिए अलग कानून बनना चाहिए क्या? कुछ भी होता है तो मोदी जी पर आरोप लगा देते हैं। लोकसभा अध्यक्ष पर आरोप लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस के बड़े-बड़े वकील भी नहीं समझाते।