Amitabh’s Helplessness : उम्र के असर से अमिताभ लाचार, 82 की उम्र की परेशानियों को उन्होंने खुलकर बताया! 

हम सब हार जाएंगे, अमिताभ बच्‍चन ने बताया कि अब तो खुद पैंट पहनने में भी मुश्किल! 

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Amitabh’s Helplessness : उम्र के असर से अमिताभ लाचार, 82 की उम्र की परेशानियों को उन्होंने खुलकर बताया! 

Mumbai : उम्र इंसान को कितना मजबूर और कई मायनों में लाचार बना देता है, इसका खुलासा अमिताभ बच्चन ने अपने नए ब्लॉग में किया है। बिग बी लिखते हैं कि 82 की उम्र में वह बेहद साधारण लगने वाले काम भी लापरवाही से नहीं कर पाते हैं। अमिताभ 82 साल के हो चुके हैं। वह इस उम्र में काम कर रहे हैं। इंडस्‍ट्री से जुड़ा हर कोई इस उम्र में भी उनकी फुर्ती और फिटनेस का कायल है।

इन दिनों ‘कौन बनेगा करोड़पति 17’ को होस्ट कर रहे बिग बी ने अब अपने नए ब्लॉग में बढ़ती उम्र का असर, समय के साथ आ रही लाचारी पर खुलकर बात की है। भारतीय सिनेमा के ‘महानायक’ ने बताया है कि कैसे 80 की उम्र पार करने के बाद अब वह निजी जीवन में अपने वो काम भी ठीक से नहीं कर पा रहे हैं, तो साधारण और पहले सबसे आसान था। अमिताभ ने खुलासा किया है कि अब उन्हें खुद पैंट पहनने में भी दिक्कत होती है, वह लड़खड़ाने लगते हैं। लिहाजा, डॉक्टर ने भी बैठकर पतलून पहनने की सलाह दी।

अमिताभ बच्चन ने लिखा ‘अब दिन के लिए तय की हुई रूटीन और आवश्यक काम भी प्रभावित हो रहे हैं, प्राणायाम करें, हल्का योग, ठीक है, जिम में चहलकदमी बढ़ाने वाले एक्‍सरसाइज करें, ताकि बात करते हुए टहल सकें। सही संतुलन बना सकें, शरीर धीरे-धीरे अपना संतुलन खोने लगता है और इसे जांचने और सुधारने के लिए इसी तरह के काम करने की आवश्यकता है।’

रूटीन के काम से पहले सोचना जरूरी  

बिग बी ने आगे ब्लॉग में बताया ‘कुछ दिनचर्या जो पहले थी, यह कुछ साल पहले शुरू की गई थी, लगता था कि उन्हें फिर से शुरू करना बहुत आसान होगा … नहीं … नहीं बेबी … बस एक दिन की गैरमौजूदगी और दर्द। यह आश्चर्य की बात है कि पहले की सामान्य क्रियाओं को अब अभ्यास में लाने से पहले दिमाग को सोचना पड़ता है।’

अमिताभ बोले ‘हैंडल बार की जरूरत’

अमिताभ ने आगे खुद से पैंट पहनने जैसे साधारण काम का जिक्र किया है। वे लिखते हैं, ‘पतलून पहनना … साधारण सा काम … डॉक्टर सलाह देते हैं कि मिस्टर बच्चन, प्लीज बैठ जाइए और फिर उन्हें पहन लीजिए … पहनते समय खड़े होने की कोशिश मत कीजिए, आप संतुलन खो सकते हैं और गिर सकते हैं … और अंदर ही अंदर मैं अविश्वास में मुस्कुराता हूं … जब तक मुझे पता नहीं चला कि वे बिल्कुल सही थे … यह साधारण सा काम जो पहले स्वाभाविक रूप से आता था, अब एक चुनिंदा रूटीन बन गया है … हैंडल बार की जरूरत पड़ती है… ओह बॉय… !!!!’

‘कागज के टुकड़े उठाना भी मुश्किल 

‘केबीसी 17’ के होस्ट ने आगे बताया है कि कैसे अब किसी भी शारीरिक कार्य से पहले उन्हें अपने शरीर को थामने और स्थिर रखने की जरूरत पड़ती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा है, ‘सबसे सरल काम उस कागज के टुकड़े को उठाने के लिए नीचे झुकना जो हवा के साथ आपकी मेज से उड़ गया था।’ अमिताभ लिखने हैं कि अब इसे करने के लिए भी सोचना पड़ता है, बैलेंस बनाना पड़ता है।