Amritpal Singh Absconding: चाचा और ड्राइवर का सरेंडर, अमृतपाल सिंह अभी भी फरार!

खालिस्तान समर्थक के फोन में कई पाकिस्तान के नंबर मिले!

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Amritpal Singh Absconding: चाचा और ड्राइवर का सरेंडर, अमृतपाल सिंह अभी भी फरार!

Amritsar : अलगाववादी नेता अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के लिए पंजाब पुलिस ने पूरा जोर लगा दिया। अपनी निजी सेना ‘आनंदपुर खालसा फोर्स’ (AKF) रखने वाला खालिस्तानी नेता फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। उसके कई समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया। अमृतलाल के चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर हरप्रीत सिंह ने आज सोमवार को पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। मर्सिडीज कार में बैठकर ये दोनों लोग शाहकोट के उसी गुरुद्वारा के पास पुलिस के सामने पेश हुए जहां शनिवार को पुलिस का जमावड़ा था।

भगोड़े खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर हरप्रीत सिंह ने पुलिस के सामने सरेंडर किया। ये लोग अमृतलाल की कार में बैठकर ही सरेंडर करने आए थे। अमृतलाल के साथ ये दोनों लोग इसी मर्सिडीज कार से भागे थे। कहा जा रहा कि अमृतपाल सिंह भी पुलिस के सामने पेश हो सकता है। पुलिस अधिकारी अमृतलाल के सरेंडर के लिए उसके चाचा हरजीत सिंह से बातचीत कर रहे हैं। हरजीत सिंह से एक 32 बोर की पिस्टल और एक लाख रुपए बरामद हुए।

 

क्या अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया

‘वारिस पंजाब’ दे के एक लीगल एडवाइजर ने दावा किया कि पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। वकील ने ये भी कहा कि पुलिस अलगाववादी नेता का फर्जी एनकाउंटर कर सकती है। इस स्थिति से बचने के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण की एक याचिका लगाई गई है। जबकि, पुलिस का कहना है कि अमृतपाल सिंह अभी फरार है और उसकी गिरफ्तारी के लिए कोशिशें जारी है। अमृतपाल को पकड़ने के लिए उसके हर संभावित ठिकाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

जांच में केंद्रीय एजेंसियां जुटी हैं कि दुबई से सीधे पंजाब आने के बजाए अमृतपाल जॉर्जिया क्यों गया था? सुरक्षा एजेंसियों पड़ताल कर रही है कि कहीं उसके जॉर्जिया जाने के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) का हाथ तो नहीं है, जो उसे ट्रेनिंग देने के लिए जॉर्जिया ले गई! अमृतलाल के ISI कनेक्शन की जांच भी तेजी आई है।

 

कलसी खोलेगा कई राज

अमृतपाल सिंह के नेटवर्क का मुख्य फाइनेंसर दिलजीत कलसी पंजाब पुलिस की गिरफ्त में है। पुलिस दिलजीत से पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि भारत-विरोधी प्रोपेगेंडा और हथियारों को जुटाने की जिम्मेदारी दलजीत कलसी पर ही थी। दलजीत ने तीन साल में अमृतपाल सिंह के ‘वारिस पंजाब दे’ के लिए 30 करोड़ से ज्यादा रुपए जुटाए है।

पुलिस को मिली सूचना के मुताबिक, दिलजीत कलसी के पाकिस्तानियों से भी संबंध हैं। उसके टेलीफोन रिकॉर्ड्स में पाकिस्तान से जुड़े 20 फोन नंबर मिले। शुरुआती जांच में सामने आया कि इनमें से कुछ नंबर पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ISI के हो सकते हैं। अमृतपाल सिंह के गांव जल्लूपुरखेड़ा में भी पुलिस तैनात है। अलगाववादी नेता के छिपने के हर संभावित ठिकाने पर छापेमारी कर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। पंजाब के कई इलाकों में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया।

 

बिना लाइसेंसी हथियार जब्त

पंजाब पुलिस के मुताबिक अब तक अमतृपाल सिंह के 112 करीबियों को पकड़ा जा चुका है। इनके कब्जे से बड़ी संख्या में हथियार भी बरामद किए गए। जबकि, इनके पास हथियारों का कोई लाइसेंस नहीं था। पुलिस ने 12 बोर की 6 बंदूकों के साथ 193 गोलियां जब्त की। सरकार के हथियारों के लाइसेंस रिव्यू करने के फैसले के खिलाफ अमृतपाल सिंह ने लोगों को जमकर भड़काया था। सरकार के इस फैसले की तुलना हिटलर के फैसले से करते हुए उसने कहा था कि जर्मनी में भी इसी तरह यहूदियों से पहले हथियार छीने गए थे और फिर उनका कत्ल कर दिया गया था।

अमृतपाल सिंह की धरपकड़ के लिए 15 दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय की बड़ी बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि अलगाववादी नेता की गिरफ्तारी के बाद संभावित परेशानियों से बचने के लिए पहले से ही उपाय कर लिए जाएं। साथ ही इस बैठक में ये भी कहा गया कि ‘वारिस पंजाब दे’ के चीफ के करीबियों को गिरफ्तार कर पूर्वोत्तर या दक्षिणी राज्यों की जेलों में भेज दिया जाए। उसी के मुताबिक अमृतपाल सिंह के समर्थकों को असम की जेलों में भेजा गया है।