An IAS Gave The Credit Of His Success To His Girlfriend: गर्लफ्रेंड ने उनकी बहुत मदद की, मोटिवेट किया

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  An IAS Gave The Credit Of His Success To His Girlfriend : गर्लफ्रेंड ने उनकी बहुत मदद की, मोटिवेट किया

एक Ias अधिकारी ने ऑल इंडिया रैंक में पहला स्थान हासिल कर अपना सपना पूरा कियाऔर उन्होंने अपनी  सफलता का श्रेय गर्लफ्रेंड को दिया.कहा कि गर्लफ्रेंड ने उनकी बहुत मदद की, मोटिवेट किया और इस स्वीकारोक्ति की  देश मे चर्चा है .

ये अधिकारी राजस्थान के जयपुर के रहने वाले हैं. उनका नाम IAS कनिष्क कटारिया हैं, जो फिलहाल कोटा जिले के रामगंज मंडी एसडीओ के पद पर तैनात हैं.

आईएएस कनिष्क कटारिया ने एक IAS अधिकारी बनने की कहानी बहुत से युवाओं को प्रेरित करने वाली हैं. उन्होंने एक IAS बनने के लिए एक अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी थी. UPSC 2018 टॉपर कनिष्क कटारिया ने ऑल इंडिया रैंक में पहला स्थान हासिल कर अपना सपना पूरा किया. कनिष्क के पिता संवर लाल वर्मा भी एक आईएएस ऑफिसर हैं और उनके ताऊ के सी वर्मा भी. उन्होंने बचपन से ही अपने घर में एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेस वाला माहौल देखा था और इसीलिए उन्हें एक आईएएस अधिकारी के रुतबे या क्षमताओं से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता था. जो चीज़ें आसानी से मिल जाती हैं अक्सर उनकी कीमत समझ नहीं आती.

कनिष्क को भी इन बातों की कोई वैल्यू नहीं थी और वे बड़े होकर कोई और काम करना चाहते थे. हालांकि उनके पिताजी का बड़ा मन था कि वे भी आईएएस बनें पर कनिष्क ने कभी इसे गंभीरता से नहीं लिया. कनिष्क की पढ़ाई कोटा से हुयी क्योंकि उनके पापा की पोस्टिंग आसपास के जिले में थी. वहां के सेंट पॉल्स स्कूल से उन्होंने क्लास 12 पास किया. इसके बाद कोचिंग करके उन्होंने जेईई दिया और पहली ही बार में 44वीं रैंक के साथ सेलेक्ट हो गए. उन्होंने आईईटी बॉम्बे चुना और वहां से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया. कनिष्क मैथ्स में कमाल थे.

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उनके मैथ्स में दसवीं और बारहवीं दोनों में 100 अंक आये थे साथ ही उन्होंने ओलम्पियाड में भी ऑल इंडिया रैंक 01 पायी थी. आईआईटी के बाद उनका चयन हो गया और वे प्लेसमेंट के द्वारा साउथ कोरिया की एक कंपनी में बहुत अच्छे पैकेज पर सेलेक्ट हो गए.

कनिष्क ने दिन-रात मेहनत की. आम दिनों में कम से कम आठ घंटे और परीक्षा के पहले 12 से 14 घंटे तक पढ़ाई की. खूब प्रैक्टिस करी, अपनी गलतियों पर फोकस किया, बड़ों का गाइडेंस लिया और अपनी गलर्फ्रेंड सोनल जिन्हें भी वे अपनी सफलता का श्रेय देते हैं से भी दूर रहे. सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करके कनिष्क ने वो कर दिखाया जो उनके मां-बाप से लेकर खुद उन्होंने भी सपने में भी नहीं सोचा था.

विदेश में लाखों के पैकेज पर नौकरी 
राजस्थान के रहने वाले कनिष्क ने अपनी स्कूल की पढ़ाई सेंट पॉल सीनियर सेकेंडरी कोटा से पूरी की. उन्होंने IIT JEE 2010 में 44 वीं रैंक हासिल की और इसके बाद उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे में प्रवेश लिया, जहां उन्होंने कंप्यूटर साइंस में बी.टेक ऑनर्स किया और उसके बाद सेमसंग में कोरिया में लाखों के पैकेज में डेढ़ साल तक नौकरी की. कनिष्क कटारिया ने एक आईएएस बनने के लिए 2 साल तक मेहनत की और किसी तरह की कोई कोचिंग नहीं ली. कनिष्क कटारिया अपने सफलता का श्रेय अपने घरवालों के साथ-साथ अपनी गर्लफ्रेंड को देते हैं. कनिष्क कटारिया का कहना है कि विदेश में नौकरी करने पर पैसा तो बहुत मिलता था, लेकिन आत्म संतुष्टि नहीं मिल पा रही थी. इसके चलते ही वह विदेशी की नौकरी छोड़कर जयपुर आ गए और यूपीएएस की तैयारी करनी शुरू कर दी और पहली ही बारी में टॉप किया.