दिवाली पर दिल्ली- NCR में ग्रीन पटाखों के निर्माण और बिक्री की परमिशन पर सुप्रीम कोर्ट में हुई दिलचस्प सुनवाई, कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा

जानिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिलचस्प दलीलें देते हुए सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया- बच्चों को उत्साह के साथ जश्न मनाने दे

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दिवाली पर दिल्ली- NCR में ग्रीन पटाखों के निर्माण और बिक्री की परमिशन पर सुप्रीम कोर्ट में हुई दिलचस्प सुनवाई, कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा 

विक्रम सेन 

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में दिवाली पर पटाखों की गूंज पर अब सुप्रीम कोर्ट में

चीफ जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच के सामने बहस के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुस्कुराते हुए कहा, “मीलॉर्ड हम भी तो बच्चे थे… आधा समय तो बच्चों को पेरेंट्स को मनाने में ही चला जाता है, बच्चों को उत्साह से जश्न मनाने दें।’” इस पर कोर्ट ने फिलहाल निर्णय सुरक्षित रखते हुए कहा कि वे जल्द ही अपना फैसला सुनाएंगे ।

बता दें कि दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा सहित कुल 16 जिले एनसीआर में आते हैं।

शुक्रवार को अदालत में हुई सुनवाई के दौरान एक अहम सवाल उठा कि क्या सिर्फ दो घंटे में दिवाली की असली रौनक महसूस की जा सकती है? सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि “ग्रीन पटाखे” को चलाने की इजाजत दी जाए और समय सीमा को लेकर पाबंदी हटाई जाए।

*“सिर्फ लाइसेंस वाले बेचें, ऑनलाइन बिक्री पूरी तरह बंद”* 

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोर्ट इस मामले में संतुलित रवैया अपनाए।

उन्होंने कहा कि पटाखे और लड़ियां जैसी चीजें एनसीआर में नहीं बन रही हैं और ना ही ई-कॉमर्स के जरिए बिक रही हैं. दिल्ली के अलावा एनसीआर क्षेत्र में आने वाले राज्यों ने भी बैन लगा रखा है।

उन्होंने कहा कि एक संतुलित समाधान निकाला जा सकता है जिससे पर्यावरण और परंपरा-दोनों सुरक्षित रहें।

उन्होंने सुझाव दिया कि एनसीआर राज्यों, दिल्ली सरकार और पेट्रोलियम एवं एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन जीएनसीटीडी और पीईएसओ द्वारा प्रमाणित ग्रीन पटाखे ही बनाए और बेचे जाएं। पटाखों की बिक्री केवल लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों के जरिए ही होनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वे केवल अनुमति प्राप्त पटाखे ही बेच रहे हों। उन्होंने कहा, “एनसीआर में फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि सहित कोई भी ई-कॉमर्स वेबसाइट कोई भी ऑनलाइन ऑर्डर स्वीकार न करे और न ही कोई ऑनलाइन बिक्री करे।”

*त्योहारों पर सीमित समय के लिए छूट की मांग* 

SG मेहता ने कहा कि सिर्फ दिवाली ही नहीं, बल्कि क्रिसमस ईव, न्यू ईयर और गुरुपुरब जैसे त्योहारों पर भी सीमित समय में पटाखों की अनुमति दी जानी चाहिए। जैसे 31 दिसंबर की रात 11:55 से 12:30 बजे तक और गुरुपुरब पर सुबह 4 से 5 और रात 9 से 10 बजे तक।

सिर्फ पटाखों से हवा प्रदूषित नहीं होतीः याचिकाकर्ता

सुनवाई के दौरान एक याचिकाकर्ता ने कहा कि सिर्फ पटाखों से ही हवा प्रदूषित नहीं होती, बल्कि पराली और गाड़ियों के प्रदूषण को लेकर भी कोर्ट ने कई आदेश जारी किए हैं। पिछले आदेशों के अनुपालन की अवहेलना पर गौर किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ग्रीन पटाखों और उद्योगों के लिए फॉर्मूलेशन स्थापित करने में भारी मात्रा में धनराशि खर्च की गई है।

शीर्ष अदालत ने पिछले महीने 26 सितंबर को प्रमाणित निर्माताओं को इस शर्त के साथ ‘ग्रीन’ पटाखे बनाने की अनुमति दे दी थी कि वे बिना उसकी अनुमति के प्रतिबंधित दिल्ली-एनसीआर में इन्हें नहीं बेचेंगे। उसने केंद्र से दिल्ली-एनसीआर में पटाखों के निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध पर नए सिरे से विचार करने को कहा।

*कोर्ट ने कहा- फैसला जल्द* 

पीठ ने इस मुद्दे पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता समेत विभिन्न हितधारकों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया।