संसद के केन्द्रीय कक्ष में दिखा सहयोगी दलों की एकता का रोचक दृश्य,NDA ने सरकार बनाने का दावा किया पेश

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संसद के केन्द्रीय कक्ष में दिखा सहयोगी दलों की एकता का रोचक दृश्य,NDA ने सरकार बनाने का दावा किया पेश

 

गोपेन्द्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट 

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में पुरानी संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में हुई NDA संसदीय दल की पहली संयुक्त बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाजपा संसदीय दल,एनडीए संसदीय दल और लोकसभा के नेता पद पर सर्वसम्मति से नेता चुने जाने के बाद एनडीए के एक प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू से मुलाकात के बाद केन्द्र में सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है।राष्ट्रपति से भेंट करने गये डेलिगेशन में केन्द्रीय रक्षा मन्त्री राजनाथ सिंह, गृह मन्त्री अमित शाह, बिहार के मुख्य मन्त्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आदि नेता शामिल थे।

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उन्होंने राष्ट्रपति मूर्मू को NDA सांसदों के समर्थन पत्र को प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार बनाने का दावा पेश किया। खबर है कि मोदी के साथ मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्य भी शपथ ग्रहण कर सकते हैं।o

इसके पहले शुक्रवार को सुबह नई दिल्ली में पुरानी संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष जिसे संविधान भवन भी कहा जाता है का दृश्य देखने लायक़ था जहां 18वीं लोकसभा के लिए भाजपा सहित एनडीए के नवनिर्वाचित सांसद और नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा संसदीय दल,एनडीए संसदीय दल और लोकसभा के नेता पद पर सर्वसम्मति से नेता चुनने के लिए एकत्रित हुए थे। इस ऐतिहासिक भवन में भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबन्धन (एनडीए) के नेताओं की अटूट एकता का रोचक दृश्य देखने को मिला। एनडीए के एक नेता ने अपने भाषण में इस बात को इंगित करते हुए कहा कि हमारी यह एकता फेविकोल के जोड़ से भी मजबूत है।

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संसदीय बोर्ड की इस बैठक में भाजपा सहित एनडीए के सभी 293 सांसद, राज्यसभा के सांसद और भाजपा एवं एनडीए के वरिष्ठ नेता राज्यों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमन्त्री मौजूद रहें। बैठक में सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा संसदीय दल,एनडीए संसदीय दल और लोकसभा के नेता पद पर नेता चुन लिया गया ।

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NDA की पहली संयुक्त बैठक में भाग लेने प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने ज्योही पुरानी संसद के केन्द्रीय कक्ष में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा,संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और संसदीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के साथ प्रवेश किया तो भारी करतल ध्वनि और मोदी मोदी के नारे के साथ केन्द्रीय कक्ष गूँज उठा। प्रधानमन्त्री मोदी ने सबसे पहले केन्द्रीय कक्ष में रखी संविधान की प्रति को झुक कर प्रणाम किया और उसे उठा कर अपने सिर पर लगाया।

इसके बाद सर्व प्रथम भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता के साथ मोदी का भावभीना स्वागत किया । उसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा,जिसका केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने समर्थन किया और नितिन गडकरी ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया। जेडीएस अध्यक्ष कुमार स्वामी ने प्रस्ताव का समर्थन किया। बाद में सभी एनडीए समर्थक दलों ने उसका एक स्वर में ज़ोरदार ढंग से समर्थन किया। जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमन्त्री नीतीश कुमार ने बहुत ही रोचक ढंग से टीडीपी नेता और आन्ध्रप्रदेश के भावी मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने प्रभावशाली ढंग से अपना भाषण दिया। उनके अलावा एनडीए सहयोगी दलों के नेताओं चिराग पासवान आदि ने बारी बारी से मोदी के समर्थन में अपने विचार प्रकट किए।

इस मौक़े पर टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को सम्मानित किया और उन्हें शॉल ओढ़ायी और उन्हें तिरूपति बालाजी भगवान की एक तस्वीर भेंट की। इस दौरान भाजपा और एनडीए के सहयोगी दलों के नेता भी क़तारबद्ध होकर मोदी के पास आए और उनका अभिवादन किया।