दुष्यंत कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय के प्रतिष्ठित अलंकरणों की घोषणा, राष्ट्रीय अलंकरण डॉ. विजयबहादुर सिंह को
भोपाल| दुष्यंत कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय द्वारा दुष्यंत कुमार जयंती के दूसरे दिन अपने प्रतिष्ठित अलंकरणों की घोषणा कर दी गई| इस बार दुष्यंत कुमार राष्ट्रीय अलंकरण सुप्रसिद्ध आलोचक और दुष्यंत रचनावली के सम्पादक डॉ.विजयबहादुर सिंह, सुदीर्घ साधना सम्मान से वरिष्ठ साहित्यकार एवम साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश सँस्कृति परिषद के पूर्व निदेशक डॉ.देवेंद्र दीपक को आंचलिक भाषा सम्मान श्री उदय सिंह ‘अनुज’ को निमाड़ी भाषा में उनकी सृजनात्मक उपलब्धियों हेतु और राजुरकर राज स्मृति अलंकरण से वरिष्ठ साहित्यकार पत्रकार राकेश पांडेय, नई दिल्ली को विभूषित किया जाएगा| इस अवसर पर कमलेश्वर स्मृति सम्मान (उत्कृष्ट उपन्यास/ कहानी/गद्य लेखन हेतु) अरुण अर्णव खरे, कन्हैय्यालाल नन्दन स्मृति सम्मान (बालसाहित्य) हेतु श्रीमती श्यामा गुप्ता ‘दर्शना’ विट्ठलभाई पटेल सम्मान (समाज सेवा) हेतु महेंद्र सिंह, राजेश्वरी त्यागी स्मृति सम्मान (उत्कृष्ट शिक्षिका) हेतु श्रीमती सुधा दुबे, आर एस तिवारी स्मृति सम्मान (प्रसाशनिक सेवा) के सी श्रीवास्तव, राजेन्द्र जोशी सम्मान (जन सम्पर्क एवं पत्रकारिता) दिनेश मालवीय, अखिलेश जैन स्मृति सम्मान (राजभाषा उन्नयन)राहुल खटे, डॉ.बाबूराव गुजरे स्मृति सम्मान (उत्कृष्ट साहित्यिक संस्था संचालन) हेतु घनश्याम मैथिल ‘अमृत’ को, श्रीमती सुषमा तिवारी स्मृति सम्मान (महिला रचनाकार) सीमा मिश्रा ‘सुशी’ को, अंशलाल पन्द्रे स्मृति सम्मान (लेखन एवम गायन) हेतु श्रीमती अश्विना रंगणेकर को, डॉ विजय श्रीढोनकर स्मृति सम्मान (साहित्यिक पत्रकारिता) हेतु सुनील मिश्रा को मनोहर पटेरिया मधुर सम्मान (आकाशवाणी से सम्बद्ध) सुश्री अनादि को, ब्रजभूषण शर्मा भूषण स्मृति सम्मान (शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य) हेतु डॉ रेखा नायक को, एनलाल जैन स्वदेशी स्मृति सम्मान (साहित्य सेवा) हेतु गोवर्धन यादव को प्रदान किये जायेंगे| उपरोक्त सम्मानों की घोषणा संग्रहालय सभागार में डॉ. विमल कुमार शर्मा, कुलपति सी.वी.रमन विश्विद्यालय वैशाली, रामराव वामनकर अध्यक्ष ,करुणा राजुरकर सचिव, मनोज कुमार मीक संरक्षक, विपिनबिहारी वाजपेई उपाध्यक्ष ने एक पत्रकार वार्ता में की| इस घोषणा के पूर्व वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल द्वारा निर्मित ‘दुष्यंत कुमार’ पर केंद्रित लघु-फ़िल्म का प्रदर्शन किया गया, जिसमें दुष्यंत कुमार के समूचे व्यक्तित्व व कृतित्व पर केंद्रित हर घटना का बहुत प्रभावी व सजीव चित्रण किया गया है| कार्यक्रम का संचालन घनश्याम मैथिल ‘अमृत’ ने किया|