Annoyed Bhupendra Singh Met CM : नाराज भूपेंद्र सिंह की मुख्यमंत्री से मुलाकात से सियासी गलियारों में नई हलचल!

फोन टेपिंग मामले और कांग्रेस से आए नेताओं को स्वीकार न करने के बयान से हंगामा भी हुआ!

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Annoyed Bhupendra Singh Met CM

Annoyed Bhupendra Singh Met CM : नाराज भूपेंद्र सिंह की मुख्यमंत्री से मुलाकात से सियासी गलियारों में नई हलचल!

Bhopal : कुछ दिनों से भाजपा के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह पार्टी से खफा हैं। पूर्व गृहमंत्री और विधायक को इस मुख्यमंत्री बनाए जाने का पूरा भरोसा था, पर उन्हें मंत्रिमंडल में भी शामिल नहीं किया। उनकी यह नाराजी कई बार जाहिर भी हुई। पहले फोन टैपिंग और फिर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले नेताओं को लेकर उनकी नाराजगी से सियासी हलकों में उनकी चर्चा तेजी सामने आई। लेकिन, इस बीच वे अचानक भोपाल पहुंचे और मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिले। इस मुलाकात के बाद अब नए सिरे से कयासों लगाए जाने लगे हैं।

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बताया गया कि भूपेंद्र सिंह ने डॉ मोहन यादव से मुलाकात कर खुरई विधानसभा के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इतना ही नहीं, भूपेंद्र सिंह ने 14 जनवरी से शुरू हो रहे डोहेला महोत्सव-2025 के लिए भी मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया है।

शिवराज सिंह की सरकार में भूपेंद्र सिंह सबसे कद्दावर मंत्री थे। लेकिन, मोहन यादव सरकार में उन्हें मंत्रिमंडल से भी बाहर रखा गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह की इस मुलाकात को पोलिटिकल डैमेज कंट्रोल के रूप में देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच कई मामलों पर बातचीत हुई।

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भूपेंद्र सिंह ने फोन टैपिंग का मुद्दा उप मुख्यमंत्री और सागर के प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्ला के सामने उठाया था। राजेंद्र शुक्ला ने भी जांच कराने की बात कही थी। भूपेंद्र सिंह ने बताया था कि पुलिस के अधिकारी बिना एसपी और आईजी की अनुमति लेकर उनका फोन टैपिंग करा रहे हैं और उसका सीडीआर निकाल रहे हैं। हालांकि, पुलिस ने इस मामले में सफाई भी दी थी। जिस पर विधायक ने कहा था कि सफाई मत दीजिए जांच कराइए।

भूपेंद्र सिंह हाल ही में तब भी चर्चा में आए थे, जब उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले नेताओं का विरोध किया था। भूपेंद्र सिंह का कहना था कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले नेताओं को पार्टी भले ही स्वीकार कर ले, लेकिन मैं उन्हें नहीं स्वीकार कर पाऊंगा। उनके इस बयान के बाद कांग्रेसी नेताओं को भी भाजपा और सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया था। समझा जा रहा है कि भूपेंद्र सिंह का निशाना गोविंद राजपूत की तरफ था।

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बात ये है कि भूपेंद्र सिंह भाजपा के सीनियर नेता माने जाते हैं। पिछली सरकार में उनका अच्छा दबदबा देखा जाता था। इस बार उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया, तो पिछले कुछ मौकों पर उनकी नाराजगी साफ दिखाई दी। इससे बुंदेलखंड इलाके में राजनीतिक हलचल भी हुई।

इस बीच उनकी मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात के कई राजनीतिक मतलब निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक जानकार इस मुलाकात को लेकर अपने-अपने स्तर से विश्लेषित कर रहे हैं। लेकिन, प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात की चर्चा हो रही है। लेकिन, इसके नतीजे के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।

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