Another New Post for Kavita : कविता पाटीदार पर पार्टी इतनी मेहरबान क्यों, एक और नया पद दिया!

भाजपा नेताओं में भारी नाराजगी, वे महू से विधानसभा लड़ने की भी कोशिश में!

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Another New Post for Kavita : कविता पाटीदार पर पार्टी इतनी मेहरबान क्यों, एक और नया पद दिया!

Indore : ‘एक व्यक्ति-एक पद’ और भाजपा की राजनीति में वंशवाद नहीं चलेगा का बखान करने वाली पार्टी इन दिनों एक महिला नेता पर बहुत ज्यादा मेहरबान दिखाई दे रही। ये नेत्री हैं भाजपा के वरिष्ठ नेता स्व भेरूलाल पाटीदार की बेटी कविता पाटीदार, जिन पर पार्टी संगठन वारी-वारी जा रहा है। राज्यसभा सांसद जैसा सम्मानजनक पद होने के बाद भी उनके पास संगठन के तीन पद थे। अब उन्हें विशेष जनसंपर्क अभियान की प्रदेश टोली में संयोजक बनाया गया। उन पर हो रही पदों की बारिश से पार्टी के कई वरिष्ठ नेता नाराज हैं। उनकी ये नाराजी पार्टी को भारी पड़ सकती है।

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भाजपा में कुछ दिनों से पुराने नेता संगठन से इसलिए नाराज हैं कि उन्हें तवज्जो नहीं मिल रही। वे अपनी यह शिकायत मीडिया के जरिए भी सामने लाए। इसके बावजूद पार्टी ने उनकी बातों पर कान नहीं धरे। बताते हैं कि महू के कई नेता उन्हें इस तरह तवज्जो मिलने से नाराज हैं और इसके विरोध में उतरने की तैयारी में भी हैं। इसके विपरीत भाजपा के कई नेता इन दिनों फुरसत में है, पर कविता पाटीदार को पदों से लाद दिया गया। वो भी ऐसी स्थिति में जबकि, उन्होंने न तो अभी तक कोई बड़ा चुनाव जीता और न उन्हें मंच पर सक्रिय देखा गया।

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महू की महिला नेत्री को ओबीसी का चेहरा बताते हुए जबरन बढ़ाया जा रहा है, जबकि ऐसा नहीं लगता कि उनको पदों से नवाजने से भाजपा की झोली में ओबीसी के वोट थोकबंद गिरने वाले हैं। अब पार्टी ने एक और नई जिम्मेदारी दी। इंदौर से भोपाल तक पार्टी में यह चर्चा शुरू हो गई कि क्या इंदौर जिले में पार्टी के पास एक ही चेहरा है, जिसे इतने पद देकर उपकृत किया जा रहा। ‘एक व्यक्ति-एक पद का सिद्धांत’ और परिवारवाद को न बढ़ने देने की नीति भी पार्टी ने ताक में रख दिया। इसके अलावा कविता पाटीदार में संगठन को ऐसी कौनसी अपार संभावनाएं नजर आ रही है कि उन्हें लगातार बढ़ाया जा रहा है।

चर्चा है कि कविता की नजर महू विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की भी है। बताते हैं कि यदि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा की चली, तो उन्हें यहां से टिकट दिया भी जा सकता है। क्योंकि, अभी कि विधायक और मंत्री उषा ठाकुर को लेकर स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं में नाराजी है। वे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष जैसे अहम पद पर रह चुकी हैं और उसी के साथ प्रदेश संगठन में मंत्री भी रहीं। बाद में वे महामंत्री भी बनाई गई।

पार्टी ने रफत वारसी को ‘एक व्यक्ति एक पद’ सिद्धांत के तहत प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा से हटा दिया था। वे अब केवल हज कमेटी के अध्यक्ष ही हैं। जबकि, इस भाजपा नेत्री को पार्टी ने पहले प्रदेश महामंत्री बनाया। इस पद पर रहते हुए उन्हें राज्यसभा सदस्य बना दिया गया। हाल ही में पार्टी ने उन्हें विशेष जनसंपर्क अभियान की प्रदेश की टोली में संयोजक बनाया। जबकि, कई वरिष्ठ नेताओं को इसका सदस्य बनाया गया है। इसे लेकर कई वरिष्ठ नेता नाराज हुए, क्योंकि कविता पाटीदार उनसे बहुत जूनियर नेता हैं।

कविता के पास युवा मोर्चा का प्रभार पहले से है। अब उन्हें महिला मोर्चे के प्रभारी की अतिरिक्त जवाबदारी दी गई। फ़िलहाल उनके पास संगठन से जुड़े चार पद हैं और राज्यसभा सदस्य अलग से। पिछले दिनों उन पर इतनी मेहरबानी होने पर कई नेता संगठन के नेताओं से शिकायत भी कर चुके। इसके बावजूद उन्हें तमगों से नवाजना बंद नहीं हुआ। यहां के नाराज नेताओं को मनाने जब केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर इंदौर आए थे, तब भी कई नेताओं ने कविता पाटीदार को लेकर शिकायत की थी। लेकिन, पार्टी संगठन पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।