Archana Tiwari Case : पुलिस ने 12 दिन बाद ट्रेन से लापता अर्चना को नेपाल बॉर्डर पर लखीमपुर खीरी से ढूंढ निकाला!

इंदौर से कटनी जाते समय ट्रेन में रहस्यमयी तरीके से लापता हुई थी, पुलिस ने जंगल तक खोजा!

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Archana Tiwari Case : पुलिस ने 12 दिन बाद ट्रेन से लापता अर्चना को नेपाल बॉर्डर पर लखीमपुर खीरी से ढूंढ निकाला!

Bhopal : इंदौर से 7 अगस्त को कटनी के लिए रवाना हुई और बीच रास्ते में गायब हुई अर्चना तिवारी को पुलिस को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से खोज निकाला। यह स्थान नेपाल की सीमा के नजदीक है। यह जानकारी पुलिस ने दी। अर्चना रात को ट्रेन में सफर करते समय भोपाल रेलवे स्टेशन से रहस्यमयी तरीके से लापता हो गई थी।

मंगलावर देर शाम पुलिस ने इसकी पुष्टि की। पुलिस ने बताया कि अर्चना तिवारी नेपाल बॉर्डर के पास मिली हैं। इंदौर में रहकर सिविल जज की तैयारी करने वाली छात्रा 7-8 अगस्त को रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से रहस्यमयी तरीके से लापता हो गई थी। इसकी खोज के लिए पुलिस ने टीम गठित की थी।

राहुल कुमार लोढ़ा (एसआरपी भोपाल) ने बताया कि 7-8 अगस्त की रात इंदौर-बिलासपुर-नर्मदापुरम एक्सप्रेस के D3 कोच से अर्चना तिवारी लापता हो गई थी। इस बारे में रानी कमलापति जीआरपी थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई गई। तभी से पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी। उसे जंगलों और आसपास के राज्यों में भी तलाश किया जा रहा था। खोजबीन में सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए। मंगलवार को जीआरपी ने उसे लखीमपुर से बरामद किया है और वह भोपाल लाई जा रही है। यहां उसके बयान दर्ज किए जाएंगे और फिर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

जंगलों में चलाया सर्च ऑपरेशन

उन्होंने बताया कि अर्चना तिवारी की खोज करने के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई थीं। उन्होंने कहा कि टीम ने जंगलों में भी उसकी तलाश की थी। मंगलवार को मिशन पर निकली एक टीम को सफलता लगी है। अर्चना तिवारी के लापता होने की खबर ने प्रदेशभर में सनसनी फैला दी है। परिवारजन लगातार उसकी खोजबीन में जुटे हुए थे। इस बीच ग्वालियर कनेक्शन सामने आया था। कहा गया कि अर्चना तिवारी ग्वालियर के एक कांस्टेबल के संपर्क में थी।

अर्चना तिवारी रक्षाबंधन का त्योहार बनाने के लिए इंदौर से निकली थी। उसके बाद उसकी लास्ट लोकेशन रानी कमलपति रेलवे स्टेशन थी। परिजन जब उसे लेने के लिए कटनी रेलवे स्टेशन पहुंचे तो वह ट्रेन से नहीं उतरी थी। जिसके बाद परिजनों ने खोजबीन शुरू की थी। अर्चना तिवारी का पर्स उसकी बर्थ पर मिला था। वह थर्ड एसी में सफर कर रही थी।