Armed Forces To Save Forest: जंगल और जानवरों की रक्षा के लिए वन विभाग बनाएगा आर्म्स फोर्स

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Armed Forces To Save Forest: जंगल और जानवरों की रक्षा के लिए वन विभाग बनाएगा आर्म्स फोर्स

भोपाल। मध्यप्रदेश को टाइगर,तेंदुआ, गिद्ध और घड़ियाल स्टेट दर्जा मिलने के बाद वन विभाग के सामने वन्यजीव प्राणियों की रक्षा करना अब किसी चुनौती से कम नहीं है। वन्य प्राणियों और जंगलों को बचाने के लिए वन विभाग आर्म्स फोर्स गठित करने पर मंथन शुरू कर दिया है। वन विभाग अब इस कोशिश में लगा है कि वन्य प्राणियों के संरक्षित मामले में जिस तरह से दुनिया में प्रदेश की ख्याति बढ़ रही है, विभाग उस ख्यति को निरंतर बनाए रखने के लिए सुरक्षा के लिहाज से कड़े कदम उठाने की दिशा में रणनीति बनाकर काम करना शुरू कर दी है।

वन मुख्यालय ने सीसीएफ और जिलों में तैनात डीएफओ को पत्र भेजकर इस संदर्भ में प्रस्ताव बनाने के लिए कहा गया है। वृत्त क्षेत्र और जिलों से प्रस्ताव तैयार होने के बाद विभाग प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजेगा। शासन से हरी झंडी मिलने के बाद मुख्यालय इस दिशा में काम करना शुरू कर देगा।

गौरतलब है कि लटेरी कांड के बाद वनकर्मियों ने अपना हथियार मालखाने में जमा कर दिया है। प्रशासन शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि सीसीएफ और डीएफओ अपने-अपने क्षेत्र में ऐसे रेजर्स और फॉरेस्ट गार्ड की चिंहित भी करेंगे जो आर्म्स फोर्स का हिस्सा बनना चाहते है। आर्म्स फोर्स में विभाग करीब 3000 से 5000 हजार जवानों की एक बटालियन बनाने पर मंथन कर रही हैं।

पुलिस की तरह दी जाएगी ट्रैनिंग-

वन विभाग अपने बटालियन में शामिल फॉरेस्ट रेजर्स क्षेत्रपाल और वनरक्षकों को अर्द्धसैनिक बल की तरह ट्रेनिंग कराने पर विचार कर रही है। अगर शासन प्रस्ताव पर मंजूरी देता है तो वन विभाग वनकर्मियों को ट्रेनिंग के लिए ग्वालियर जिले के टेकनपुर और नीमच जिले में स्थित अद्धसैनिक बल के सेंटर में भेजने पर विचार कर रही है। जिससे वनकर्मी तस्करों और माफियाओं से आसानी से लड़ सकें।