Army Trainee Officer Missing : महू इन्फैंट्री स्कूल का एक प्रशिक्षु अधिकारी लापता, पुलिस में रिपोर्ट!

उनकी मोटर साइकिल भी आवास पर खड़ी, परिवार को जानकारी दे दी गई!

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Army Trainee Officer Missing : महू इन्फैंट्री स्कूल का एक प्रशिक्षु अधिकारी लापता, पुलिस में रिपोर्ट!

Mhow : महू पुलिस स्टेशन के कार्यवाहक प्रभारी दीपक राठौड़ मुताबिक, शनिवार को महू पुलिस स्टेशन में एक गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। प्रारंभिक जांच के अनुसार, लेफ्टिनेंट मोहित गुप्ता शुक्रवार सुबह 6 बजे से लापता हैं। अधिकारी ने कहा कि अन्य रैंक के सभी अधिकारियों और कर्मियों को सुबह 6 बजे शारीरिक प्रशिक्षण (पीटी) में भाग लेना था। लेकिन, वे वहां नहीं आए। इसके बाद प्रशिक्षकों ने उनके साथ के साथियों से पूछताछ करके पता लगाया कि क्या वे बीमार हैं!

सुबह लगभग 7.30 बजे, उसके कमरे की जाँच की गई और जब वे नहीं मिले, तो अधिकारियों को उसके लापता होने के बारे में सूचित किया गया। आसपास भी ढूंढा गया, पर जब वे कहीं नहीं मिले, तो पुलिस में शिकायत की गई। इन्फैंट्री स्कूल के अधिकारियों ने पुलिस को लापता अधिकारी का मोबाइल नंबर और पता दिया है। लेकिन, उनका मोबाइल नंबर बंद मिला।

उत्तर प्रदेश के एटा शहर के श्रीनगर इलाके में रहने वाले लेफ्टिनेंट गुप्ता के माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को उनके लापता होने के बारे में सूचित कर दिया गया है। उनके कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) से यह जानकारी लेने के लिए कहा गया कि उनके संपर्क में कौन-कौन थे। अधिकारी ने कहा कि इन्फैंट्री स्कूल के यंग ऑफिसर्स विंग में प्रशिक्षक के रूप में तैनात सूबेदार जरमल सिंह की लिखित शिकायत पर महू पुलिस ने यह मामला दर्ज किया है और मामले की जांच शुरू कर दी।

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लेफ्टिनेंट गुप्ता को आखिरी बार पीटी वर्दी में देखा गया था। वे महू में माल रोड के किनारे वालोंग द्वार के पास यंग ऑफिसर्स आवास के अपने कमरे से सुबह 6 बजे से 7.30 बजे के बीच लापता हुए। उनकी मोटरसाइकिल भी वहीं हैं, इसका आशय है कि पैदल ही निकले। बताया गया कि विभिन्न सेवा पाठ्यक्रमों के लिए इन्फैंट्री स्कूल आने वाले अधिकारियों और अन्य रैंक के कर्मियों के लिए सख्त नियम हैं।

किसी भी प्रशिक्षु को परिसर से बाहर जाने की अनुमति नहीं होती। परिसर में सभी सुविधाएं और दुकानें परिसर में स्थित हैं, ताकि प्रशिक्षु बाहर न निकलें। यदि किसी कारण से बाहर जाने की जरुरत हो, तो उन्हें संबंधित अधिकारी लिखित गेट पास लेना होता है। सभी गेटों पर सुरक्षा के लिए तैनात रक्षा सुरक्षा कोर (डीएससी) के जवान उनके पास देखने के बाद ही उन्हें बाहर जाने की अनुमति देते हैं।