Arun Govil On Adipurush: रामायण के आदर्श राम ने भी ‘आदिपुरुष’ के पात्रों के चरित्र को गलत बताया!

राम-सीता-हनुमान को आधुनिकता और पौराणिकता के ढांचे में बांटना गलत!

1406

Arun Govil On Adipurush: रामायण के आदर्श राम ने भी ‘आदिपुरुष’ के पात्रों के चरित्र को गलत बताया!

    Mumbai : रामकथा पर आधारित फिल्म ‘आदिपुरुष’ जब से रिलीज हुई, उसके बाद से फिल्म के संवादों और नाटकीय वीएफएक्स की लगातार आलोचना की जा रही है। दर्शकों और समीक्षकों की फिल्म को लेकर अलग-अलग राय है। किसी को रावण का लुक पसंद नहीं आया तो किसी को हनुमान जी की अच्छी नहीं लगी तो कुछ लोगों को रामायण के दृश्यों को गलत तरह से दर्शाना पसंद नहीं आया। रामानंद सागर के ‘रामायण’ सीरियल को दर्शक रामकथा की सबसे आदर्श प्रस्तुतीकरण मानते हैं, यही कारण है कि फिल्म में दिखाई गई रामकथा रास नहीं आ रही।

‘आदिपुरुष’ फिल्म को लेकर अब रामानंद सागर की ‘रामायण’ में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल ने भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि दर्शकों ने अपनी बात कह दी! रामायण भारतीय संस्कृति की धरोहर है और अब उसे लेकर फिल्म के बारे में जिस तरह से बातें की जा रही हैं, उसे जानकर गहरी ठेस लगी। फिल्म के लिए रामायण की मूल भावना और स्वरूप को इस तरह से बदलने की जरूरत नहीं थी।

आस्था के साथ छेड़छाड़ न हो 
अरुण गोविल के मुताबिक रामायण हमारे लिए आस्था और विश्वास का प्रतीक है। इसके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ की जाए, और इसे स्वीकार भी नहीं किया जा सकता। ‘रामायण’ को लेकर आधुनिकता या पौराणिकता की बात कहना गलत है, फिल्म के स्पेशल इफेक्ट्स और प्रेजेंटेशन की बात अलग है। लेकिन। चरित्रों को सही तरीके से पेश करना जरूरी है। उसे लेकर जो बातें कहीं जा रही है, वो भी चिंता की बात है।

उन्होंने यह भी कहा कि राम-सीता-हनुमान को आधुनिकता और पौराणिकता के ढांचे में बांटना गलत है। ये सभी आदि भी हैं, अनंत हैं और इन सबके स्वरूप पहले से तय हैं। उसी स्वरूप को फिल्म में दिखाने में क्या आपत्ति थी! अरुण ने कहा कि ‘आदिपुरुष’ में रामायण की कहानी को पेश करने से पहले मेकर्स को सोचना था कि वो किस तरह से लोगों की आस्था के विषय से जुड़ी रामायण को पेश करने जा रहे हैं।

‘रामायण में ऐसी भाषा नहीं 
फिल्म के डायलॉग का भी दर्शक काफी विरोध कर रहे हैं। अरुण गोविल ने कहा कि इस तरह की भाषा अच्छी नहीं लगती और मैं हमेशा मर्यादित भाषा का इस्तेमाल करता हूं। ऐसे में रामायण में इस तरह की भाषा का मैं समर्थन नहीं करता हूं… फिर वही बात सामने आती है कि आप रामायण की मूल भावना से हटने की क्या जरूरत थी?

मूल भावना बरकरार रखना जरुरी 
फिल्म में राम, सीता के रोल में प्रभास और कृति सेनन के बारे में अरुण गोविल ने कहा कि इसमें कलाकारों की कोई गलती नहीं होती। जो भी किरदार उन्हें दिया गया, वो मेकर्स तय करते हैं। रामायण पर आगे बनने वाली फिल्मों के मेकर्स को सुझाव देते हुए अरुण गोविल ने कहा कि रामायण की मूल भावना को बरकरार रखकर ओरिजनल स्वरूप से छेड़छाड़ न की जाना ही बेहतर होगा।

‘आदिपुरुष’ में रामायण को हॉलीवुड से इंस्पायर होकर कार्टून फिल्म की दिखाने की बात कही जो बिल्कुल सही नहीं है। उन्होंने कहा कि मेकर्स ने क्रिएटिव लिबर्टी ली है, लेकिन अगर वो फिल्म में अपना नया इनपुट डालना चाहते थे तो यह ठीक नहीं है। अरुण गोविल ने इस दौरान ये भी बताया कि जब ‘आदिपुरुष’ का पहला टीजर सामने आया था तो उनकी मेकर्स से बात हुई थी। उन्होंने अपनी राय उस वक्त उन्हें बता दी थी।