सत्ता की साधना: दलित-आदिवासियों के ध्यान में लीन भाजपा-कांग्रेस

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भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दल मिशन 2023 यानी विधानसभा चुनाव में अपनी-अपनी पार्टी की जीत सुनिशि्चत करने के मोड मे आ गए हैं तथा यही कारण है कि सत्ता की साधना के लिए दलित-आदिवासियों के ध्यान में भाजपा और कांग्रेस लीन हो गये हैं। इसका कारण यह है कि 82 विधानसभा सीटें आदिवासियों व दलितों के लिए आरक्षित हैं ।

कुल मिलाकर कहा जाए तो 148 ऐसी विधानसभा सीटें हैं जहां प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रुप से किसी भी राजनीतिक दल को सत्ताशीर्ष पर पहुंचाने में इन वर्गों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। भाजपा का प्रयास आदिवासी-दलित मतदाताओं को साध कर मजबूती से उन्हें अपने पक्ष में करना है तो वहीं कांग्रेस यह मशक्कत कर रही है कि इन वर्गों में उसकी जो पैठ है वह न केवल उतनी ही बनी रहे बल्कि कुछ और मजबूत हो। चूंकि प्रदेश में सत्ता की दावेदार यही दोनों पार्टियां हैं इसलिए इनका प्रयास आदिवासी-दलितों को अपने-अपने पक्ष में करने का है।

बहुजन समाज पार्टी का तो जितना दलित आधार है वह धीरे-धीरे सिमट रहा है लेकिन फिर उसके जो प्रतिबद्ध मतदाता हैं वे हाथी को छोड़कर किसी और की सवारी करना पसंद नहीं करते, लगभग आधा दर्जन सीटें वह जीत लेते हैं और अपने असर वाली बाकी सीटों पर भाजपा या कांग्रेस को जिताने में सहायक होते हैं।

भाजपा की संगठनात्मक बैठकें काफी बढ़ गई हैं और विधायकों की मैराथन बैठक के बाद प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में उपदेशों की घुट्टी पिलाने के साथ ही साथ प्रत्येक बूथ, प्रत्येक मंडल तथा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 51 प्रतिशत वोट प्राप्त करने के लिए अभी से जुट जाने का लक्ष्य प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने बैठक के समापन सत्र में दिया है तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तथा नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने महिलाओं, दलितों, आदिवासियों के बीच पार्टी को और अधिक सक्रिय करने का प्रयास प्रारंभ कर दिया है।

15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्बोधन और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अनेक योजनाओं के सहारे आदिवासियों के बीच अपनी पैठ बनाने की जो शुरुआत भाजपा ने की थी उसे शिवराज ने लगातार नई धार दी है और अब आज शनिवार से जननायक क्रांतिवीर टंट्या भील के शहीदी दिवस को प्रदेश की शिवराज सरकार गौरव दिवस के रुप में मनाने जा रही है।

इसके लिए उनके शहीदी स्थल की माटी कलश यात्रा का आगाज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कर दिया है। यह यात्रा खंडवा जिले के पंधाना क्षेत्र के बड़ौदा अहीर से आरंभ हो गयी है। यात्रा निमाड़ -मालवा अंचल के आदिवासी प्रधान जिलो से होती हुई अंततः 4 दिसम्बर शहीद दिवस पर पातालपानी पहुंचेगी। पातालपानी रेलवे स्टेशन का नामकरण वीर टंट्या भील के नाम पर किया जायेगा।

चार दिसम्बर को अमर क्रांतिवीर टंट्या भील को श्रद्धासुमन अर्पित करने के उद्देश्य से भव्य कार्यक्रम किया जायेगा। मुख्य आयोजन में प्रदेश के आदिवासी जिलों से करीब एक लाख आदिवासियों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। टंट्या भील को जबलपुर जेल में फांसी दी गयी थी और उनका अंतिम संस्कार महू के पास पातालपानी में हुआ था। इसके साथ ही भाजपा और विशेषकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दलितों को साधने की एक व्यापक रणनीति बनाकर उस पर सधे हुए कदमों से आगे बढ़ने जा रहे हैं।

भाजपा कार्यसमिति की बैठक में एक तरफ जहां उपदेश दिए गए तो वहीं दूसरी ओर कार्यकर्ताओं को नसीहत दी गई कि वे ऐसा काम करें ताकि 50 साल तक भाजपा प्रदेश में राज कर सके। प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने इस बात पर जोर दिया कि हमारी लड़ाई अपनी विचारधारा को बचाने की है।

विधानसभा चुनाव के दो वर्ष पहले 26 नवम्बर शुक्रवार को मिन्टो हाल जिसका नाम अब कुशाभाऊ ठाकरे के नाम पर होने जा रहा है, में हुई प्रदेश कार्यसमिति की यह बैठक राजनीतिक दृष्टि से काफी अहम् रही। भाजपा कुशाभाऊ ठाकरे की जन्मशती के बहाने चुनावी जीत की पटकथा लिखने की तैयारी कर रही है। पार्टी भले ही पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में ‘‘अबकी बार 200 पार‘‘ के दावे का आंकड़ा तो छू ही नहीं बल्कि वह अपने तीन डेढ़ दशक पुरानी सत्ता से भी हाथ धो बैठी थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने पर फिर से उसकी सरकार बन गयी।

अब कार्यसमिति की बैठक के उद्घाटन सत्र में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने सभी को संकल्प दिलाया कि हमें अपना वोट शेयर 10 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ाकर 51 प्रतिशत से ऊपर ले जाना है और छलकपट करने वालों को जवाब भी देना है तथा 2023 में जीत का इतिहास बनाना है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने काम करने के मॉडल को स्पष्ट करते हुए कहा कि संगठन और सरकार मिलकर काम करेंगे।

प्रदेश कार्यसमिति के समापन सत्र में उन्होंने भविष्य की रुपरेखा को रेखांकित करते हुए कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं और सरकार ने आपसी समन्वय के साथ जब भी काम किया है परिणाम चमत्कारिक रहे हैं। चाहे कोरोना संकट का समय हो, वैक्सीनेशन की बात हो, अन्य उत्सव हों या जनजातीय गौरव दिवस के आयोजन की बात हो, पार्टी व संगठन ने मिलकर अद्भुत काम किए हैं और भविष्य में भी हम ऐसा ही करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुपर ह्यूमन हैं और उनकी सरकार ने अद्भुत काम किए हैं तथा राजनीति का एजेंडा ही बदल दिया।

कमलनाथ की बढ़ती सक्रियता
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ भी अब अपनी सक्रियता बढ़ाते नजर आ रहे हैं और वे कांग्रेस के विभिन्न प्रकोष्ठों, मोर्चो तथा विभागों को सक्रिय कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग की बैठक को सम्बोधित करते हुए कमलनाथ ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता संविधान में मिले आरक्षण के अधिकार को समाप्त करना चाहते हैं।

कई बार भाजपा के नेता आरक्षण समाप्त करने को लेकर बयान देते हैं और फिर जनता के दबाव में उसे वापस ले लेते हैं लेकिन उनकी अन्तर -आत्मा की आवाज बाहर आ ही जाती है। देश व प्रदेश के युवाओं को भ्रमित करने का काम अभियान चलाकर किया जा रहा है, जिससे सावधान रहने की जरुरत है। उनका कहना था कि कांग्रेसी सदस्यता अभियान में अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्तियों को ज्यादा से ज्यादा जोड़ा जाए।

उन्होंने प्रदेश महिला कांग्रेस सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिला कांग्रेस सजावट के लिए नहीं है, लोग बड़ी-बड़ी रैली निकालते हैं और हजारों वोटों से हार जाते हैं। उन्होंने महिला कांग्रेस को गांवों पर फोकस करने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि पूरे जिले पर फोकस मत करिए बल्कि सौ बूथों को मजबूत करें। कमलनाथ ने मैदान में जाकर काम करने की नेक सलाह तो दी है लेकिन इसके साथ ही जो उन्होंने नहीं कहा और जिसकी जरुरत है वह यह है कि कांग्रेस के नेता सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से बाहर निकल कर मैदान में नजर आयें।

फिलहाल पूरी प्रदेश कांग्रेस इन माध्यमों तक ही सक्रिय नजर आती है। कमलनाथ ने दो-टूक शब्दों में महिला कांग्रेस के सम्मेलन में कहा कि सिर्फ नारे लगाने से नहीं बनने वाली कांग्रेस की सरकार रईस के लिए मैदान में सक्रियता दिखाना होगी । आदिवासी विधायकों के साथ मंथन करते हुए कमलनाथ ने कहा कि परिक्रमा वालों को नहीं पराक्रम करने वालों को मिलेगा मौका। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस आदिवासी वर्गों की हमेशा ही हितैषी रही है और आगे भी रहेगी।

देश की आजादी में आदिवासी वर्ग का योगदान किसी से छिपा नहीं है चाहे वह महानायक टंट्या भील हों या महानायक बिरसा मुंडा हों या आदिवासी वर्ग के अन्य महानायक जिन्होंने देश के हित में संघर्ष किया है, कांग्रेस हमेशा से उन्हें याद करती रही है। आदिवासी वर्ग का भला केवल कांग्रेस ही कर सकती है। इन वर्गों को साधने के लिए कांग्रेस जगह-जगह सम्मेलन करने की योजना भी बना रही है।

और यह भी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के समापन सत्र में व्यंग्य करते हुए कहा कि पहले जो लोग हिंदुत्व की बात करने वालों को साम्प्रदायिक कहते थे अब वे सड़क पर रामधुन गा रहे हैं। उनका इशारा कांग्रेस के पूर्व महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की ओर था । शिवराज ने कहा कि कमलनाथ हनुमान चालीसा पढ़ रहे हैं और अखिलेश यादव राम-राम जप रहे हैं।