Arun Yadav : सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता ने पार्टी में सक्रियता बढ़ाई

अप्रैल से अरुण यादव प्रदेशभर का दौरा करेंगे, शुरुआत टीकमगढ़ से होगी

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Bhopal : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण यादव ने होली मिलन कार्यक्रम के जरिए करके अपनी सक्रियता बढ़ाने के संकेत दिए। इसके बाद बुधवार को उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। सोनिया गांधी को उन्होंने पार्टी के सदस्यता अभियान के अलावा 2023 के विधानसभा आगामी चुनाव की तैयारियों के बारे में भी जानकारी दी।

अरुण यादव ने अप्रैल से प्रदेश के जिलों का दौरा करने का कार्यक्रम बनाया है। वे प्रदेशभर का दौरा करेंगे और इसकी शुरुआत टीकमगढ़ से करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए अब कम समय रह गया है, इसलिए इस तरह की गतिविधियां बढ़ाना जरुरी है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त के बाद जब नेतृत्व पर सवाल उठने लगे, तो अरुण यादव समर्थन में खड़े हुए हैं। यादव को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से जुड़ा माना जाता है साथ ही उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का भी उन्हें समर्थन है।

प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव अब पार्टी की मुख्यधारा में लौटकर पार्टी में सक्रियता बढ़ाएंगे। वे अप्रैल से जिलों का दौरा प्रारंभ करेंगे। इस दौरान पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर संगठन के विस्तार और वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भी चर्चा करेंगे। पश्चिमी मध्यप्रदेश के निमाड़ क्षेत्र के बड़े नेता अरुण यादव ने बुधवार को सोनिया गांधी से की। इस मुलाकात को प्रदेश में कांग्रेस के बदलते राजनीतिक समीकरणों के रूप में देखा जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में अरुण यादव की सोनिया गांधी से मुलाकात की इसी नजरिए से देखा जा रहा है।

अरुण यादव ने हाल ही में टि्वटर पर लिखा था कि ‘किसको फिक्र है कि ‘कबीले’ का क्या होगा, सब इसी बात पर लड़ते है कि ‘सरदार’ कौन होगा! उनका इशारा जी-23 के नेताओं की तरफ था। हालांकि कांग्रेस का एक खेमा इससे यह भी कयास लगा रहा है कि प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसे दी जाएगी। कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि कमलनाथ को जल्दी ही किसी एक पद से मुक्त किया जा सकता है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से अरुण यादव के रिश्ते जाहिर हैं। पिछले दिनों एक शेर ट्वीट करके उन्होंने हलचल मचा दी थी। उस ट्वीट के कई मतलब निकाले गए थे। कमलनाथ और अरुण यादव के बीच संबंध बहुत मधुर नहीं हैं। दोंनों नेताओं के बीच दूरियां तब और बढ़ गई, जब खंडवा उपचुनाव में उम्मीदवार के मामले में कमलनाथ ने अरुण यादव की तैयारियों के सवाल पर सही इशारा नहीं दिया था! कमलनाथ ने कहा था कि संगठन जिसका नाम तय करेगा, वही उम्मीदवार होगा।