Arun Yadav’s gesture : अरुण यादव के एक ट्वीट ने भूचाल ला दिया

किसको फिक्र है कि 'कबीले' का क्या होगा! सब इसी बात पर लड़ते है कि 'सरदार' कौन होगा!

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Bhopal : कांग्रेस के बड़े नेता और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने आज ये ट्वीट करके बहुत कुछ कह दिया। ये सिर्फ एक ‘शेर’ नहीं, बल्कि कांग्रेस की हालत की अतिसंक्षिप्त समीक्षा है। उनका ये ‘शेर’ देश और प्रदेश दोनों जगह कांग्रेस ताजा हालातों का खुलासा है। ये बात कोई और कहता तो शायद उसके इतने मतलब नहीं निकाले जाते, जितना अरुण यादव के कहने पर निकाले जा रहे हैं। निश्चित रूप से ‘कबीले’ से आशय कांग्रेस पार्टी है और ‘सरकार’ का मतलब ‘अध्यक्ष’ के लिए छिड़ी जंग है! ये जंग मध्यप्रदेश में भी चल रही है और दिल्ली में भी। प्रदेश में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह में कबीलाई संघर्ष चल रहा है, उससे पार्टी को नुकसान ही हो रहा है। ऐसे में उनका ये ‘शेर’ मौजूं है और बहुत कुछ कहता भी है।

आज जब कांग्रेस संक्रमण काल से गुजर रही है, अरुण यादव जैसे ही कुछ नेता हैं, जो पार्टी को जिंदा रखे हैं। वे मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं और आज भी प्रदेश में कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग का चेहरा हैं। उनकी राजनीतिक सौम्यता और गंभीरता भी उनकी पहचान है। पर, कभी-कभी वे तल्ख़ हो जाते हैं और उनकी यही तल्खी बहुत कुछ कह जाती है, जैसा कि आज उनके ट्वीट से नजर आता है। उम्र और अनुभव के मामले में भी मध्यप्रदेश में उनकी अपनी अलग पहचान है।

मध्य प्रदेश की राजनीति में जब भी बड़े नेताओं का जिक्र होता है, उनमें अरुण यादव को हाशिए पर नहीं रखा जा सकता। बड़े नेताओं में नाम जरूर शामिल रहता है। राजनीति इस नेता को विरासत में जरूर मिली, पर उन्होंने इसे आगे भी बढ़ाया। पिता सुभाष यादव ने जो राजनीतिक विरासत सौंपी थी, आज अरुण यादव उसे बहुत आगे ले गए! केंद्रीय मंत्री भी बने और प्रदेश के अध्यक्ष भी! आज अरुण यादव को पार्टी में राहुल गांधी का करीबी माना जाता है, तो इस बात की पूरी संभावना है कि वे फिर अध्यक्ष पद के बड़े दावेदार बनकर उभर सकते हैं!

अरुण यादव को उनकी बेबाकी के लिए भी जाना जाता है। खंडवा के लोकसभा उप चुनाव में उन्हें अंत तक कांग्रेस की उम्मीदवारी का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। लेकिन, अचानक बदले घटनाक्रम के बाद वे पीछे हट गए थे। याद किया जाए तो उन्होंने तब भी अपनी पीड़ा को बेहद तल्खी से व्यक्त किया था। बुरहानपुर में एक सभा में उन्होंने कहा था ‘कांग्रेस पार्टी ने उन्हें बहुत कुछ दिया है, पार्टी उन्हें हर बार जो निर्देश देती है वह उसका पालन करते हैं। हर बार फसल मैं उगाता हूं, लेकिन उस फसल को काटकर कोई और ले जाता है। 2018 में भी ऐसा ही हुआ था। फसल मैंने उगाई, पार्टी आलाकमान ने कहा किसी और को दे दो, तो मैंने अपनी फसल दे दी। क्योंकि, फसल हम फिर उगा लेंगे। मुझे कांग्रेस पार्टी से बहुत कुछ मिला है और आगे भी बहुत मौके मिलेंगे। इसलिए पार्टी जो कहती है वहीं मैं करता हूं।’