Ashok Dham Temple Built Between Three Rivers : जानिये उस मंदिर के बारे में जहाँ आज अमित शाह पूजा करेंगे!

यह स्थान तीन नदियों के त्रिमुहानी पर स्थित है

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Ashok Dham Temple

Ashok Dham Temple Built Between Three Rivers: जानिये उस मंदिर के बारे में जहाँ आज अमित शाह पूजा करेंगे !

Ashok Dham Temple:केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज 29 जून को बिहार आ रहे हैं. गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को मुंगेर लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत लखीसराय में रैली करेंगे. गृह मंत्री लखीसराय आगमन के साथ ही सबसे पहले सुप्रसिद्ध अशोक धाम मंदिर पहुंचेंगे और पूजा अर्चना करेंगे.

अशोक धाम मंदिर में गृह मंत्री के आगमन को लेकर विशेष तैयारी की गयी है. तीन नदियों के मुहाने पर बसे इस मंदिर का काफी विशेष महत्व है. इसे बिहार का देवघर भी कहा जाता है. महाशिवरात्रि व सावन महीने में इस मंदिर में शिवभक्तों की भीड़ उमड़ती है.

मंदिर का इतिहास

1994 में लखीसराय को जिला का दर्जा मिला था. यह आज भी मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में ही आता है. पहाड़ों और जंगलों से घिरे और नदियों की धाराओं के बीच बसे लखीसराय स्थित अशोकधाम मंदिर में सनातन धर्म के अनुयायियों की विशेष श्रद्धा है. यहां बाबा इंद्रदमनेश्वर महादेव की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि यहां महादेव वर्ष 1977 में अवतरित हुए. यह स्थान तीन नदियों (किऊल, हरूहर और गंगा) के त्रिमुहानी पर स्थित है. मंदिर ट्रस्ट के सचिव बताते हैं कि नदी तट पर बने मंदिर व धाम का अपना अलग महत्व होता है. तीन नदियों के बीच बने मंदिर का महत्व और बढ़ जाता है.

अशोक धाम नाम क्यों पड़ा?

मंदिर का नाम अशोक धाम क्यों पड़ा, यह भी आपको बताते हैं. दरअसल, शिवलिंग के अवतरध के प्रमुख साक्षी बाबा अशोक जी महाराज थे. इनके ही नाम पर इसे आज अशोक धाम के नाम से जाना जाता है. उन्होंने बताया था कि जब शिवलिंग यहां प्रकट नहीं हुआ था उस समय भी यह जगह काफी स्वच्छ रहता था.

अशोक धाम की कहानी और लखीसराय जिले की पूरी जानकारी

बताते चलें कि आज भी यह मंदिर परिसर बेहद साफ सुथरा रहता है और इसकी वजह बाबा के प्रताप को ही माना जाता है. मंदिर में पर्यावरण संरक्षण का काफी ख्याल रखा जाता है और जगह-जगह पौधे लगाए गए हैं जो आज वृहत वृक्ष का रूप धारण कर चुके हैं. गर्मी में यह अपनी छाया से लोगों को राहत प्रदान करता है.

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कांवरियों का जत्था पहुंचता है अशोक धाम

सावन माह में जब कांवरिये बाबा बैद्यनाथ धाम देवघर के लिए रवाना होते हैं तो यूपी, राजस्थान समेत बिहार के रोहतास, पटना, चंपारण व बेगूसराय आदि जगहों के कांवरिए सुल्तानगंज जाने के दौरान अशोक धाम मंदिर जरूर जाते हैं और यहां मौजूद पेड़ों की छाया में विश्राम करते हैं. मंदिर में पूजा अर्चना के बाद ही वो बढ़ते हैं. ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से अगर यहां पूजा करके कुछ मन्नत मांगी जाए तो वो पूरी होती है.

shravani mela 2022 news of ashok dham lakhisarai and deoghar news skt | Sawan: तीन नदियों के मुहाने पर बसा बिहार का अशोकधाम, देवघर जाने के क्रम में कांवरियों का बनता है पड़ाव

अशोक धाम में वेद विद्यालय व संग्रहालय

अशोक धाम में वेद विद्यालय भी है जहां छोटे-छोटे बच्चे वैदिक मंत्रोच्चारण करते हैं. अशोक धाम में करीब 25 करोड़ से अधिक की राशि से उच्चस्तरीय संग्रहालय बना है जिसे देखने गृह मंत्री अमित शाह भी जाएंगे.

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