Ashok Manwani: लेखक अशोक मनवानी को श्रीमती हुक्म देवी प्रकाश चंद्र कपूर पुरस्कार
भोपाल :मध्यप्रदेश राष्ट्र भाषा प्रचार समिति का हिन्दी सेवी सम्मान समारोह 2 अक्टूबर को हिन्दी भवन, श्यामला हिल्स में प्रात: 10:30 बजे से होगा, जिसके मुख्य अतिथि राज्यपाल श्री मंगु भाई पटेल हैं। सेवा निवृत्त आयएएस श्री एस पी दुबे कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। अन्य हिन्दी सेवियों के साथ लेखक और जनसम्पर्क विभाग के अधिकारी श्री अशोक मनवानी को कार्यक्रम में सम्मानित किया जा रहा है। श्री अशोक मनवानी को श्रीमती हुक्म देवी प्रकाश चंद्र कपूर पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है। वे गत चार दशक से लेखन क्षेत्र में सक्रिय हैं।
श्री अशोक मनवानी ने सामाजिक क्षेत्र में 50 से भी अधिक बार रक्तदान और सागर विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना और एनसीसी की गतिविधियों के साथ ही विश्वविद्यालय की क्रिकेट टीम में विकेट कीपर के रूप में योगदान दिया है। पत्रकारिता और कला संकाय में डिग्री के साथ ही समाजशास्त्र में एमए और एमफिल भी किया है। इन्होंने 16 वर्ष की उम्र में लेखन और पत्रकारिता प्रारंभ की। बाल पत्रिका पराग के संवाददाता, स्कूल जीवन में बने। छह वर्ष की पत्रकारिता में श्री मनवानी ने दैनिक जागरण 1983, दै. भास्कर 1984, नवभारत भोपाल और नवीन दुनिया जबलपुर, नई दुनिया इंदौर 1985 के लिए लेखन करने के साथ ही राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं रविवार, जनसत्ता, नवभारत टाइम्स के लिए संवाददाता और उप संपादक के रूप में कार्य किया। वर्ष 1986 में आपने दक्षिण भारत से प्रकाशित प्रथम हिन्दी दैनिक आदर्श पत्र, बंगलुरू में भी छह माह सेवाएं दीं, जिसके संपादक डॉ. वेद प्रताप वैदिक थे। वर्ष 1987 में सागर से दैनिक आचरण प्रारंभ होने पर नगर प्रतिनिधि के रूप में सेवाएं दीं। इसके पश्चात श्री मनवानी 22 वर्ष की आयु में जनसम्पर्क विभाग में अधिकारी बने लेकिन गत 37 वर्ष से पत्र-पत्रिकाओं में उनका रचनात्मक लेखन जारी है। साहित्य जगत में प्रवेश के साथ ही लघु कथा और नाटक लेखन में लगभग 20 प्रादेशित और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किए हैं। इनमें भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय, मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी, सिंधी साहित्य अकादमी से हिन्दी और सिंधी की पुस्तकों पर पुरस्कार शामिल हैं। आप भारत सरकार के साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के सिंधी भाषा परामर्श मंडल के सदस्य भी हैं।
श्री मनवानी ने कुछ नाटकों में भी अभिनय किया है। प्रमुख पुस्तकों में कहानी संग्रह मौजूदगी, मिथ्या मंजिल, नाटक संग्रह रक्तदोष, वतन आजाद देखूं, साक्षात्कार संग्रह बातें मुलाकातें, अभिनेत्री साधना शिवदासानी की जीवनी और कुछ अनुवाद पुस्तकें शामिल हैं। अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य की दो पुस्तकों का हिन्दी से सिंधी, लगभग 200 कहानियों और कविताओं का हिन्दी से सिंधी में सिंधी से हिंदी में अनुवाद भी किया है।