Ashok Tanwar Again in Congress : हरियाणा में भाजपा की सरकार बनाते-बनाते अशोक तंवर 5 साल बाद फिर कांग्रेस में लौटे!

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Ashok Tanwar Again in Congress : हरियाणा में भाजपा की सरकार बनाते-बनाते अशोक तंवर 5 साल बाद फिर कांग्रेस में लौटे!

कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्होंने 3 पार्टियों में चक्कर लगाया, भाजपा से लोकसभा भी हारे!

Mahendragarh (Hariyana) : अशोक तंवर आज दोपहर करीब 12 बजे नलवा में भाजपा के मंच पर थे और पार्टी के उम्मीदवार रणधीर परिहार के लिए प्रचार कर रहे थे। अशोक तंवर यहां से सीधा महेंद्रगढ़ की रैली में पहुंचे, जहां उन्होंने राहुल गांधी के सामने कांग्रेस का दामन थाम लिया। पूर्व सांसद अशोक तंवर 5 साल बाद वापस कांग्रेस में आ गए। महेंद्रगढ़ की रैली में तंवर ने राहुल गांधी के सामने कांग्रेस का दामन थाम लिया। मंच पर उनके धुरविरोधी भूपिंदर सिंह हुड्डा भी थे। कांग्रेस में शामिल होने से एक घंटे पहले तक अशोक तंवर भाजपा उम्मीदवार के लिए रैली कर रहे थे। अचानक उनका मन बदला और वे अपनी पुरानी पार्टी में लौट आए।

नलवा में वे रणधीर परिहार के पक्ष में प्रचार करते दिखे थे। प्रचार के दौरान उनके साथ मंच भाजपा के बड़े नेता कुलदीप बिश्नोई और राजस्थान के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी थे। तंवर इस दौरान भाजपा की सरकार बनाने की अपील भी की। उन्होंने इससे पहले जींद में एक रैली की थी, यहां पर उन्होंने सफीदों से प्रत्याशी राम कुमार गौतम के लिए वोट मांगा।

सिरसा लोकसभा चुनाव भाजपा से हारे

2024 के लोकसभा चुनाव में अशोक तंवर को भाजपा ने सिरसा से उम्मीदवार बनाया था. हालांकि, कांग्रेस की कुमारी सैलजा ने उन्हें पटखनी दी थी। अशोक तंवर के ज्वॉइनिंग से पहले सैलजा भी सोनिया गांधी से मिलीं। कहा जा रहा है कि सैलजा और सोनिया की मुलाकात में ही तंवर की एंट्री को हरी झंडी मिली। तंवर इसके बाद ही महेंद्रगढ़ के लिए रवाना हुए।

कांग्रेस के बाद तीन पार्टी में रहे, फिर लौट

अशोक तंवर 2019 से पहले हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष थे। लेकिन, विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी ने उनकी जगह सैलजा की ताजपोशी कर दी। नाराज तंवर पार्टी छोड़ ‘आप’ में चले गए। कुछ महीने ‘आप’ में रहने के बाद तंवर ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। उन्हें वहां भी सफलता नहीं मिली। तंवर इसके बाद भाजपा में शामिल हो गए। तंवर को भाजपा ने लोकसभा चुनाव में हरियाणा की सिरसा सीट से उम्मीदवार भी बनाया, पर जीत नहीं पाए।

कहा जा रहा है कि तंवर विधानसभा चुनाव भी लड़ना चाहते थे। लेकिन, भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इसके बाद से ही वे कांग्रेस में वापसी की कोशिशों में लग गए थे।

राहुल गांधी के नजदीक रहे तंवर

एनएसयूआई से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले अशोक तंवर एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। अशोक तंवर की गिनती एक वक्त राहुल गांधी के करीबी नेताओं में होती थी। 2009 में तंवर कांग्रेस के टिकट पर सिरसा सीट से सांसद का चुनाव जीते थे। 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले तंवर को हरियाणा भेजा गया था।।लेकिन, वे सही साबित नहीं हुए। इसके बाद से ही वे पार्टियों के चक्कर लगाते रहे और अंततः कांग्रेस में लौट आए।