पत्नी की सलाह पर पूरे मनोयोग से अमल करने वाले पति को होती है यश की प्राप्ति-Ashutosh Rana
मध्यप्रदेश के छोटे से कस्बे गाडरवारा से निकलकर अपनी अदाकारी के दम पर बॉलीवुड में विशेष पहचान बनाने वाले कलाकार ‘आशुतोष राना’ Ashutosh Rana को बीते रोज फिल्म फेयर ओटीटी अवॉर्ड्स में ‘बेस्ट एक्टर इन सपोर्टिंग रोल’ का अवार्ड दिया गया।
उन्हें यह अवार्ड फिल्म ‘पगलेट’ में उनके अभिनय के लिए दिया गया। सबसे खास बात यह रही कि जिसके हाथों से अवार्ड दिया गया वह कोई और नहीं बल्कि उनकी धर्मपत्नी एक्ट्रेस ‘रेणुका शहाणे’ थी।
एक तो फिल्म फेयर अवार्ड और फिर वह भी अपनी पत्नी के हाथों मिलने के बाद आशुतोष राणा ने सोशल मीडिया पर अपने भाव व्यक्त करते हुए लिखा कि पगलेट फिल्म में काम करने के लिए उनकी पत्नी रेणुका शहाणे ने ही प्रेरित किया था।
उन्होंने पत्नी की तारीफ करते हुए सभी विवाहित लोगों को सीख देते हुए लिखा कि दंपति का अर्थ एक दूसरे की नाक में दम करने वाला नहीं, बल्कि दम को बढ़ाने वाला होता है। वहीं श्रीमान और श्रीमती शब्द को लेकर भी उन्होंने लिखा है।
पत्नी रेणुका शहाणे से अवॉर्ड लेते अभिनेता आशुतोष राना
पढ़िए क्या लिखा फ़िल्म अभिनेता आशुतोष राणा ने-
“परमपूज्य गुरुदेव दद्दाजी की सदकृपा व आप स्नेही मित्रों की सद्भावना के कारण मुझे फ़िल्म पगलैट के लिए ‘बेस्ट ऐक्टर इन सपोर्टिंग रोल’ का फिल्मफेअर पुरस्कार प्राप्त हुआ।
यह पुरस्कार कई सारे सुखद संयोगों से भरा हुआ है, मेरा नॉमिनेशन मेरे जन्मदिन की पूर्व संध्या अर्थात् 9 नवम्बर को हुआ और पुरस्कार मेरे छोटे पुत्र चिरंजीव सत्येन्द्र के जन्मदिवस की पूर्व संध्या कल शाम यानि 9 दिसम्बर को प्राप्त हुआ।
किंतु सर्वाधिक आनंद का विषय यह है की मुझे यह अवॉर्ड देश की कुशलतम अभिनेत्रियों में से एक जो मुझे सर्वाधिक प्रिय हैं और सौभाग्यवश मेरी धर्मपत्नी भी हैं परमप्रिय ‘Renuka Shahane जी’ के हाथों से प्राप्त हुआ।
वास्तविकता यह है की पगलैट नाम की ये फ़िल्म मैंने परमप्रिय रेणुका जी के कहने पर ही की थी, उन्होंने मुझसे कहा था- राना जी इस फ़िल्म को कुछ भी विचार किए बिना ‘अवश्य कीजिए’।
निष्कर्ष यह निकलता है कि यदि कोई पति अपने कार्य क्षेत्र में अपनी विवेकवान पत्नी की सलाह पर आँख बंद करके पूरे मनोयोग से अमल करता है तो उसे यश की प्राप्ति होती है। इसलिए जो मित्र विवाहित हैं वे स्मरण रखें की दम्पति का अर्थ एक दूसरे की नाक में दम करने वाला नहीं होता बल्कि एक दूसरे की दम को बढ़ाने वाला होता है। 😅
विवाह के बाद स्त्री और पुरुष को श्रीमान-श्रीमती कहने का प्रचलन है तो याद रखें- श्रीमान का अर्थ होता है ऐसा पुरुष जो अपने मान के साथ-साथ अपनी पत्नी के मान का भी ख़याल रखे व श्रीमती का अर्थ होता है ऐसी स्त्री जो अपनी मति ( बुद्धी ) के साथ-साथ अपने पति की बुद्धी पर भी विश्वास रखे। 😁💐
मैं विशेष रूप से श्री Umesh Bist जी जिन्होंने फ़िल्म का निर्देशन किया है व सुश्री Guneet Monga जो फ़िल्म की निर्माता हैं का हृदय से आभारी हूँ।~#आशुतोष_राना (Ashutosh Rana)
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