विधानसभा प्राक्कलन समिति ने जलसंसाधन विभाग से पूछा- लोकायुक्त, EOW में 43 शिकायतों पर देरी का कारण क्या! 

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विधानसभा प्राक्कलन समिति ने जलसंसाधन विभाग से पूछा- लोकायुक्त, EOW में 43 शिकायतों पर देरी का कारण क्या! 

 

भोपाल:  जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध लोकायुक्त और राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में 43 शिकायतें लंबित चल रही है। इन मामलों में कार्यवाही करने में देरी क्यों हो रही है। इसकी जानकारी विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने विभाग से मांगी है।

मध्यप्रदेश की विधानसभा प्राक्कलन समिति ने जलसंसाधन विभाग से प्रदेशस्तर की 19 बिन्दुओं पर अतिरिक्त जानकारियां मांगी है। इनसे जुड़े दस्तावेज भी मांगे गए है। प्रदेश में जलसंसाधन विभाग के कहां-कहां कार्यालय भवन नहीं है और भवन विहीन कार्यालय हेतु नवीन भवन निर्माण की क्या योजना है यह भी प्रस्तावित करने को कहा है।

प्रमुख अभियंता विनोद कुमार देवड़ा ने सभी मुख्य अभियंता सिविल, विद्युत यांत्रिक, आयुक्त काडा, मुख्य अभियंता बोधि जलसंसाधन विभाग और सभी परियोजना संचालकों को जलसंसाधन विभाग के आय-व्ययक प्राक्कलनों के परीक्षण के लिए जानकारी तैयार कर भेजने को कहा है।

जलसंसाधन विभाग के 2022 में न्यायालयों मे न्यायालयीन प्रकोष्ठ के अंतर्गत अवमानना के 380 प्रकरण थे जो दिसंबर 24 में बढ़कर 406 हो गए थे और लंबित रिट याचिका के मामले वर्ष 2022 में 2 हजार 737 थे उनके विरुद्ध 2024 में इनकी संख्या बढ़कर 3 हजार 277 हो गई है। न्यायालय की अवमानना के प्रकरणों मेंं इजाफा होंने के क्या कारण है और उन्हें शीघ्र निपटाने के लिए क्या कार्ययोजना बनाई गई है यह भी जानकारी मांगी गई है। जिन 108 लघु सिचाई योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति 2024 में दी गई थी उनमें से 70 योजनाओं में निविदा की कार्यवाही पूरी हुई है अथवा नहीं और शेष लघु योजनाओं में निविदा की कार्यवाही कब तक प्रारंभ कर ली जाएगी यह भी पूछा गया है। प्रदेश में निर्माणाधीन 35 लघु सिचाई परियोजना के कार्यो की अद्यतन स्थिति से भी अवगत कराने को कहा गया है

हर खेत को पानी की कितनी योजनाएं हुई पूरी-

प्राक्कलन समिति ने यह भी पूछा है कि वर्ष 2022 से 2025 में वृहद और मध्यम परियोजना एवं प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना हर खेत को पानी के अंतर्गत किन किन परियोजनाओं को पूरा किया गया एवं कितनी निर्माणाधीन है तथा निर्माण कार्य पूर्णता की अवधि क्या है।

कितने पद पड़े है खाली बताना होगा-

विभागीय संरचना के अनुसार जलसंसाधन विभाग में श्रेणीवार अधिकारी, कर्मचारी, तकनीकी कर्मचारी के कितने पद स्वीकृत है और उनमें से कितने भरे हुए है और कितने खाली है यह जानकारी भी मांगी गई है विभागाध्यक्ष और अन्य अधीनस्थ कार्यालयों में रिक्त पदों को भरने के लिए विभागीय स्तर पर क्या कार्यवाही प्रचलित है यह ब्यौरा भी मांगा है।

जलसंरक्षण के लिए क्या किया परिणाम क्या रहे बताएंगे-

जलसंसाधन विभाग द्वारा कौन कौन सी मुख्य परियोजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जलसंरक्षण के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा रहे है तथा उनके क्या परिणाम रहे है यह भी विभाग को बताना होगा। प्रदेश में किन किन जिलों में कौन कौन से वृहद निर्माण कार्य चल रहे है और जिलावार कार्यो की अद्यतन स्थिति क्या है संपूर्ण विवरण मांगा गया है। जलसंसाधन विभाग और किसानों के बीच समन्वय को बेहतर बनाने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे है और त्वरित सिचाई कार्यक्रम में भारत सरकार द्वारा किन क्षेत्रों की सिचाई परियोजनाओं का चयन किया गया है। संपूर्ण विवरण देवें। विज्ञान परियोजना का दूसरा चरण कब से प्रारंभ हुआ एवं इस परियोजना को वित्तीय सहायता कहां से प्रदान की जाती है और कब तक यह योजना चलेगी यह भी पूछा है। डिजिल वाटर लेवल रिकार्डर एवं स्वचालित मौसम विज्ञान प्रणाली के अंतर्गत प्रदेश में कितने वर्षामापी, जल स्तर रिकॉर्डर और मौसम विज्ञान रिकार्डर स्थापित किए गए है यह भी पूछा गया है।

नाबार्ड से कितनी मदद मिली यह भी पूछा-

नाबार्ड ऋण सहायता प्राप्त परियोजना के अंतर्गत किन दो चरणों के लिए ऋण स्वीकृत किया गया है और प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के अंतर्गत नाबार्ड से कितनी वित्तीय सहायता वर्ष 22 से 25 तक प्राप्त हुई यह जानकारी भी मांगी गई है। वृहद सिचाई परियोजना के अंतर्गत छिंदवाड़ा कांपलेक्स सिचाई योजना, काठन जलाशय परियोजना और बाण सागर परियोजना बहुती नहर के निर्मार्णाधीन प्रेशराइज्ड पाईप की अद्यतन स्थिति भी मांगी गई है।