Assesment System: प्रदेश के प्रायमरी और मिडिल स्कूलों में मूल्यांकन प्रणाली में होगा बदलाव
भोपाल: प्रदेश के प्रायमरी और मिडिल सरकारी स्कूलों के बच्चों की परीक्षा की उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन की प्रक्रिया में सरकार ने बड़ा बदलाव कर दिया है। अब कॉपी जांचने के दौरान टीचर केवल सही या गलत निशान लगाकर इतिश्री नहीं कर पाएंगे। उन्हें उत्तर में गलत जानकारी को लाल स्याही से गोले में अंकित कर उसकी जगह सही उत्तर भी लिखना होगा। उन्हें बच्चों को यह भी बताना होगा कि उत्तर गलत क्यों है।
शिक्षा विभाग ने प्रायमरी और मिडिल स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अध्ययन के बाद किए जाने वाले मूल्यांकन की प्रक्रिया में कुछ नये बदलाव किए है। सभी जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक और जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्यो को पत्र लिखकर कहा गया है कि अब नये शैक्षणिक सत्र में स्कूली बच्चों के मूल्यांकन की प्रक्रिया में नये निर्देशो का पालन किया जाए। सरकार ने जो सबसे बड़ा बदलाव किया है उसमें अब बच्चे के गलत उत्तर की जगह सहीं उत्तर शिक्षक को कापी में लिखना होगा। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य यह है कि बच्चा यह भी जान सके कि उसने जो गलत उत्तर लिखा है उसका सही जवाब क्या होना चाहिए। उसने गलती कहां की है और आगे यह गलती न हो इसलिए बच्चों को सही उत्तर भी देखने को मिल सकेगा। त्रुटि के बारे में बच्चे को व्यक्तिगत फीडबैक और टीप देकर उनसे पुन: अभ्यास भी कराया जाएगा।
*लर्निंग गैप्स की पहचान कर दक्ष बनाया जाएगा-*
स्कूल में बच्चें में क्या कमी है इसका आकलन भी किया जाएगा। विषय शिक्षकों द्वारा मासिक मूल्यांकन की उत्तरपुस्तिकाओं का प्रश्नवार और छात्रवार विश्लेषण कर लर्निंग गैप्स की पहचान की जाएगी और शाला स्तर पर विशेष शिक्षण की व्यवस्था कर अपेक्षित दक्षता पूर्ण करवाई जाएगी। कक्षा तीन से साल तक के छात्रों के मासिक मूल्यांकन के प्राप्तांकों के आधार पर ग्रे्रड निकालकर इसकी प्रविष्टि वार्षिक प्रगति पत्रक में भी की जाएगी।
*वार्षिक मूल्यांकन में ई ग्रेड तो शाला स्तर पर होगा उपचार-*
यदि किसी स्कूली बच्चे के वार्षिक मूल्यांकन परिणाम में ई ग्रेड मिला है तो जिन विषयों में बच्चा कमजोर है उसमें उसके शैक्षणिक स्तर में सुधार करने का काम शाला स्तर पर कराया जाएगा और बच्चे को अपेक्षित दक्षता हासिल करने की पुष्टि करने के लिए शाला स्तर पर मूल्यांकन किया जाएगा फिर उसे कक्षोन्नति दी जाएगी।
*तैतीस फीसदी से कम अंक तो अतिरिक्त शिक्षण कर फिर से लेंगे परीक्षा-*
कक्षा में लिखित परीक्ष और प्रोजेक्ट कार्य में कक्षा पांचवी और आठवी में न्यूनतम अंक हासिल नहीं करने वाले बच्चों के परीक्षाफल की घोषणा के बाद अनुत्तीर्ण विषयों में अतिरिक्त पढ़ाई करवाई जाएगी और दो माह के भीतर पुन: परीक्षा का अवसर दिया जाएगा। ऐसे बच्चों को अध्ययनरत कक्षा में ही रोका जाएगा।
हर दो माह में शैक्षिक प्रगति पालकों से करेंगे साझा-
पालक शिक्षक बैठक कर हर दो माह में एक बार बच्चों की शैक्षिक प्रगति, सह शैक्षिक और व्यक्तिगत, सामाजिक गुणों की स्थिति को पालकों के साथ साझा किया जाएगा पालकों को छात्र पोर्टफोलियो और समग्र प्रगति पत्रक का अवलोकन भी कराया जाएगा।