Assets of Ramdwar : रामद्वारा की सम्पत्ति को निजी संपत्ति बताकर बेचान करने वालों के खिलाफ एक हुआ रामस्नेही संप्रदाय, आपत्ति दर्ज!

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Assets of Ramdwar : रामद्वारा की सम्पत्ति को निजी संपत्ति बताकर बेचान करने वालों के खिलाफ एक हुआ रामस्नेही संप्रदाय, आपत्ति दर्ज!

लाखों रुपए की धार्मिक सम्पत्ति का चंद रुपए में हुआ विक्रय पत्र का संपादन!

जानिए क्या है पूरा मामला?

Ratlam : दोलत के भूखे भेड़िए को हराम की दोलत की ऐसी हवस होती हैं कि वह धार्मिक सम्पत्ति को भी नहीं छोड़ते ऐसा ही मामला जिले के सैलाना स्थित रामस्नेही रामद्वारा के वार्ड नम्बर 9 का सामने आया हैं जिसमें रामविलास शास्त्री नाम के व्यक्ति ने जितेन्द्र प्रजापत को यह धार्मिक सम्पत्ति बेच डाली इसे लेकर रामस्नेही संप्रदाय ने अपने एडवोकेट के माध्यम नगर पंचायत में आपत्ति दर्ज कराने हेतु निर्देश दिए हैं।

आपको बता दें कि यह सम्पत्ति म्यूनिसिपल क्रमांक 5 कुल क्षेत्रफल 1880 वर्गफुट जिसके विक्रेता रामविलास शास्त्री ने क्रेता जितेन्द्र प्रजापत को विक्रय पत्र 25 दिसम्बर 2024 सम्पादित करने हेतु करवाया। इसकी जानकारी सम्प्रदाय की मुख्य पीठ को लगी तो शीघ्रता से आचार्य रामदयाल महाराज ने साधु जगवल्भराम को इस प्रकरण निस्तारण एवं संप्रदाय की पौराणिक धरोहर रामद्वारा की सम्पत्ति सुरक्षित करने के लिए एडवोकेट नियुक्त करने के निर्देश दिए इस पर साधु जगवल्भराम ने रतलाम के एडवोकेट विवेक उपाध्याय को प्रकरण से अवगत करवाकर नगर पंचायत सैलाना नामांतरण के लिए आपत्ति दर्ज करवाने हेतु निर्देश दिए।

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14 अगस्त 25 दर्ज आपत्ति में रामद्वारा परंपरा के बारे बताया गया कि अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय आचार्य पीठ श्रीराम निवास धाम शाहपुरा, (भीलवाड़ा) के सप्तम आचार्य हिम्मतराम का आचार्य पद सेवा कार्यकाल विक्रम संवत 1921 से 1947 उनके शिष्य परिकर में उनके मुख्य शिष्य साधु रामलाल महाराज की परम्परा से इनके शिष्य साधु सेवाराम हुए व साधु सेवाराम के साधु जगदीशराम हुए व जगदीशराम के ललितराम हुए व ललितराम के शिष्य केशवराम हुए जिन्होंने पिपलोदा रामद्वारा व सैलाना रामद्वारा की स्थापना की थी।

केशवराम के शिष्य हरिराम हुए जो बड़नगर रामद्वारा निवास करते थे। उनके शिष्य वैध निर्मलराम थे व वैध निर्मलराम के 2 शिष्य हुए पहले उम्मेदराम वेदांताचार्य तथा दुसरे रामविलास शास्त्री जो अभी सैलाना रामद्वारा में निवास करते हैं।

अत: केशवराम रामस्नेही संप्रदाय आचार्य पीठ श्रीराम निवास धाम शाहपुरा सप्तम आचार्य हिम्मतराम महाराज की शिष्य परम्परा के साधु हुए जिन्होंने सैलाना रामद्वारा की स्थापना की अत: यह रामद्वारा कोई व्यक्तिगत निजी संपति नहीं अपितु यह रामस्नेही संप्रदाय पीठ श्रीराम निवास धाम शाहपुरा (भीलवाड़ा) परम्परा से सबंधित स्थान हैं। पौराणिक परम्परा का स्थान (रामद्वारा) हैं न की रामविलास शास्त्री की स्वअर्जित निजी संपत्ति हैं अत: निजी स्वअर्जित सम्पत्ति बतलाकर संप्रदाय की धरोहर के स्थान (रामद्वारा) का बेचान कर उसको बेचान करना अवैधानिक हैं, नगर पालिका आयुक्त से निवेदन हैं नामांतरण नहीं करें और संप्रदाय के स्थान को संरक्षित रखने में मदद करें। उन्होंने लिखा कि सैलाना रामद्वारा को इन्हें बेचने का कोई अधिकार नहीं हैं यह अमान्य अवैधानिक माना जाए इस संदर्भ में पूर्ण रूप से मुख्य आचार्य पीठ आपत्ति करता हैं।

क्या कहते हैं साधु-संत!

आपत्ति में रामद्वारा स्थापना संबंधित सम्पूर्ण जानकारी बताई गई यह रामद्वारा संप्रदाय की धार्मिक सम्पत्ति अर्थात धरोहर हैं नहीं की रामविलास शास्त्री की स्वअर्जित निजी संपत्ति, इसका बेचान गलत हुआ राजस्व अधिकारियों को अंधेरे रख सत्य को छुपा कर विक्रय पत्र सम्पादित करवाया गया हैं व ऐसा प्रतीत होता हैं रामविलास शास्त्री बुजुर्ग है उनको भी लोभ-प्रलोभन देकर झांसे में लिया गया वह विक्रय पत्र संपादित करवाया गया अतः न्यायालय द्वारा विक्रय पत्र को शून्य करवाया जाएगा।
जगवल्भराम रामस्नेही!

क्या कहते हैं रामद्वारा के उत्तराधिकारी!

संप्रदाय की सम्पत्ति का बेचान करना गलत हैं यह संप्रदाय की धार्मिक धरोहर है, विक्रेता- क्रेता दोनों ने गलत काम किया धार्मिक परंपरा के स्थान को निजी बतला कर ऐसे बेचान होंगे तो धार्मिक स्थान खत्म हो जाएंगे अत: धार्मिक स्थलों का संरक्षण जनहित के लिए होता हैं न हीं व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए।
ध्यानदास रामस्नेही!

क्या कहते हैं एडवोकेट!

मुख्य पीठ के निर्देशानुसार न्यायालय के माध्यम से आगे रामद्वारा संरक्षण कार्य किया जाएगा व विक्रय पत्र शून्य की प्रक्रिया चालू कर दी गई हैं।
एडवोकेट विवेक उपाध्याय

क्या कहते हैं सीएमओ!

सैलाना रामद्वारा बेचान पत्र दिनांक 25 दिसम्बर 2024 के अनुसार नगर पंचायत नामांतरण आवेदन प्राप्त हुआ जिसके बाद रामस्नेही संप्रदाय मुख्य पीठ शाहपुरा की तरफ से नामांतरण पर आपत्ति दर्ज कराई गई जिसमें बताया गया यह रामद्वारा परंपरागत संप्रदाय की धार्मिक सम्पत्ति हैं जो व्यक्ति विशेष की निजी नहीं बल्कि संप्रदाय की हैं जिसको निजी बताकर बेचान हुआ जो विधि सम्मत नहीं है अत: अब नामांतरण एवं दर्ज आपत्ति उचित निर्णय लिया जाएगा!
मनोज शर्मा- (सीएमओ नगर पंचायत सैलाना)