Astronaut Meets PM : अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की प्रधानमंत्री से मुलाकात, मोदी ने ‘एक्सिओम-4 मिशन’ की सफलता पर बधाई दी!

शुभांशु ने टैबलेट पर प्रधानमंत्री को अंतरिक्ष यात्रा की तस्वीरें दिखाई!

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Astronaut Meets PM : अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की प्रधानमंत्री से मुलाकात, मोदी ने ‘एक्सिओम-4 मिशन’ की सफलता पर बधाई दी!

New Delhi : सोमवार शाम अंतरिक्ष यात्री और वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उनके अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से सफल वापसी की जानकारी दी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने शुक्ला को उनकी ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई दी और उनके अंतरिक्ष अनुभव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति तथा महत्वाकांक्षी ‘गगनयान’ मिशन पर चर्चा की। मुलाकात के बाद मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि भारत को शुक्ला की उपलब्धियों पर गर्व है। शुभांशु के साथ मोदी की मीटिंग का वीडियो भी सामने आया।

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शुभांशु शुक्ला ने नासा के एक्सिओम-4 मिशन में बतौर पायलट हिस्सा लिया था। यह मिशन 25 जून को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ था। शुक्ला 15 जुलाई को पृथ्वी पर लौटे और कैलिफोर्निया तट के पास समुद्र में उतरे। इसके साथ ही वे 41 साल बाद अंतरिक्ष जाने वाले पहले भारतीय बन गए। बीते रविवार तड़के वे नई दिल्ली पहुंचे।

प्रधानमंत्री ने शुभांशु शुक्ला का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने शुभांशु से हाथ मिलाया, गले लगाया और कंधे पर हाथ रखकर उनकी उपलब्धि पर बधाई दी। शुभांशु ने टैबलेट पर प्रधानमंत्री को अंतरिक्ष यात्रा की तस्वीरें दिखाई। शुक्ला ने प्रधानमंत्री को एक्सिओम-4 मिशन का ‘मिशन पैच’ भी भेंट किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से ली गई तस्वीरें भी मोदी के साथ साझा की।

 

संसद में शुक्ला की सफलता को देश के लिए गर्व बताया

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने संसद में शुक्ला की इस सफलता को पूरे देश के लिए गर्व का विषय बताया। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि केवल एक मिशन की सफलता नहीं है, बल्कि भारत के ‘विकसित भारत 2047’ लक्ष्य की दिशा में एक अहम कदम है। वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी शुक्ला की इस उपलब्धि की प्रशंसा की और कहा कि यह मिशन भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान कार्यक्रम के लिए एक मजबूत आधार है और इससे देशवासियों का आत्मविश्वास और बढ़ा है।

अंतरिक्ष यात्री शुंभाशु शुक्ला का यह मिशन भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर नई पहचान देता है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का बड़ा स्रोत है।