Bangladesh में हिंसा भड़कने से अब तक कम से कम 300 लोगों की मौत, पूरे देश में लगा कर्फ्यू
बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन की आग फैलती जा रही है. 4 अगस्त (रविवार) को हुई हिंसा में करीबन 100 लोगों की मौत हो गई है. जिसमें कम से कम एक दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी और कई पत्रकार शामिल हैं. राजधानी ढाका समेत देश के ज्यादातर हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है. बांग्लादेश में जारी हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी चिंता जाहिर की है.बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन लगातार जारी है। यहां रविवार शाम छह बजे कर्फ्यू लगा हुआ है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब तक हिंसा में कम से कम 300 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
प्रदर्शनकारी आज देशव्यापी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए ढाका तक लांग मार्च का आयोजन कर रहे हैं।
बांग्लादेश में जारी हिंसा में 14 पुलिसकर्मियों समेत 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई। वहीं, सैकड़ों घायल हुए हैं। इस बीच बांग्लादेश में तीन दिन के अवकाश का भी एलान कर दिया गया है। प्रदर्शनकारी छात्र लगातार प्रधानमंत्री शेख हसीना का इस्तीफा मांग रहे हैं।
कहां-कितनों की मौत?
एक रिपोर्ट के अनुसार, फेनी में हिंसा के दौरान पांच लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा सिराजगंज में चार, मुंशीगंज में तीन, बोगुरा में तीन, मगुरा में तीन, भोला में तीन, रंगपुर में तीन, पाबना में दो, सिलहट में दो, कोमिल्ला एक, जयपुरहाट में एक ढाका में एक और बारीसाल में एक व्यक्ति की मौत हुई है।
इस दिन रहेगा अवकाश
स्थानीय मीडिया के अनुसार, बांग्लादेश प्रशासन ने सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सोमवार, मंगलवार और बुधवार को तीन दिवसीय अवकाश की घोषणा की है।
बांग्लादेश में भारतीय छात्रों की स्थिति गंभीर,100 से अधिक भारतीय छात्र वहां फंसे
तीन सौ अधिक पुलिसकर्मी घायल
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, हिंसा में अब तक देश भर में 14 पुलिसकर्मी मारे गए हैं। इनमें से 13 की मौत सिराजगंज के इनायतपुर थाने में हुई है। बांग्ला भाषी समाचार पत्र ने बताया कि कोमिला के इलियटगंज में एक व्यक्ति की मौत हो गई। यहां तक कि 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
क्या है मामला?
आपको बता दें कि बांग्लादेश में हाल ही में पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिसंक झड़पें हुईं हैं। दरअसल, प्रदर्शनकारी छात्र विवादित आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। इसके तहत बांग्लादेश के लिए वर्ष 1971 में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता संग्रामियों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित की गईं हैं।
भारत ने अपने नागरिकों से सतर्क रहने को कहा
इससे पहले, भारत ने बांग्लादेश में रहने वाले अपने नागरिकों से संपर्क में रहने और सतर्क रहने को कहा है। बांग्लादेश में भारत के सहायक उच्चायोग की तरफ से जारी एक सोशल मीडिया में पोस्ट कहा गया, सिलहट स्थित भारतीय सहायक उच्चायोग के अधिकार क्षेत्र में रहने वाले छात्रों सहित सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि इस कार्यालय के संपर्क में रहें और सतर्क रहें। किसी आपात स्थिति में +88-01313076402 पर संपर्क करें।