अथ श्री महाभारत कथा …

अथ श्री महाभारत कथा …

विधानसभा संपन्न हो गई। पांच दिन की जगह चार दिन में संपन्न हो गई। अविश्वास प्रस्ताव भी आया और विश्वास से भर चला गया। सब ठीक ठाक ही चल रहा था। पर एक सवाल के जवाब से सरकार और भाजपा संगठन को एक साथ घेरने की जीतू पटवारी की जिद ने महाभारत खड़ा कर दिया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के नाते विष्णु मैदान में कूद पड़े तो मुख्य सचेतक के नाते डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मोर्चा संभाल लिया और मामला वहां तक पहुंच गया, जिसकी उम्मीद नहीं थी। विधानसभा में शिकायत और कार्यवाही तक बात पहुंच गई तो संगठन ने भी आइना दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ने के संकेत दिए हैं। तो अब दूसरे खेमे से जीतू पटवारी शायद विचार मंथन में मौन हैं, तो भ्राता कुणाल चौधरी ने सांझ ढलने पर मुखरता दिखाते हुए मैदान में दो-दो हाथ करने का बिगुल फूंका है। तो अब शुरू हो गई है अथ श्री महाभारत कथा…। जीतने की जिद जीतू पर भारी पड़ती है या फिर उसी अस्त्र से वह भाजपा सरकार और संगठन की नींद उड़ाते हैं, यह परिणाम बताएगा। तो शिव-विष्णु और नरोत्तम मिलकर संग्राम को किस अंजाम तक ले जाते हैं, यह देखने वाली बात होगी। अब जब युद्ध छिड़ ही गया, तो जीत-हार और नफरत-प्यार के नजारे देखने को मिलेंगे ही। तो एक बार नजर डाल ही लेते हैं कि आखिर महाभारत की नौबत आई ही क्यों…।
jeetu patwari
पहली बारी जीतू पटवारी की थी। सो शीतकालीन सत्र में गरमाहट लाने उन्होंने एक सवाल के जवाब को बताते हुए भाजपा सरकार और संगठन को एक साथ धराशायी करने की चाल चल दी। जीतू पटवारी ने कहा कि कर्ज लेकर घी पीना शिवराज सरकार की नियति, इवेंट और विज्ञापन पर खर्च किए 62 अरब रुपए। तोड़कर बताया कि शिवराज सरकार ने इवेंट पर खर्च किए 50 अरब रुपए, विज्ञापन पर 12 अरब खर्च किए, विदेश यात्राओं पर 350 करोड़ जबकि अमेरिका में रोड शो पर 28 करोड़ रुपए खर्च किए। उन्होंने सत्र के अंतिम दिन खुद बताया कि मैने विधानसभा अध्यक्ष से इसका सबूत सदन की पटल पर रखने की अनुमति मांगी लेकिन अनुमति नहीं दी गई। पटवारी ने बहुत कुछ कहा लेकिन पेंच जहां फंसा वह रामायण इतनी सी थी कि उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोई कितना भी आर्थिक रूप से संपन्न आदमी हो अगर उसके घर में एक कप चाय बनती है तो कितने की बनती है? हम 20 रुपए की चाय पी सकते हैं, 30 की पी सकते हैं, कोई विदेशी मसाला ले आए तो सौ रुपए प्रति कप चाय होगी। लेकिन सरकार ने भाजपा कार्यालय में चार सौ रुपए प्रति कप चाय में खर्च की। इसके पहले जीतू पटवारी ने सदन में आरोप लगाया कि बीजेपी कार्यालय में चाय नाश्ते के लिए 9 करोड़ रुपए शासकीय फंड से दिए गए। पटवारी के मुताबिक ये सरकार के रिकॉर्ड में है। हालांकि, सदन में पूछे जाने पर सीएम चौहान ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। और इसके बाद जो होना था, वह अब हो रहा है यानि अथ श्री महाभारत कथा…।
अब गेंद मुख्य सचेतक के पाले में पहुंच गई थी और फिर पलटवार करने में उनसे उत्तम कोई नहीं है। सो सत्र संपन्न होने के दूसरे दिन ही डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने निशाना साधा कि कोई अपने पाप के लिए कोई सदन का उपयोग कैसे करता है, यह नजारा सदन के अंतिम दिन देखने को मिला। कोई व्यक्ति अपने हितों के लिए कैसे पार्टी को गर्त में ले जाता है, यह भी देखने को मिला। सरपंच-उप सरपंच गायब थे और गांव लूटने व श्रेय लूटने की होड़ कोई और कर रहा था। बिना ड्राइवर और कंडक्टर के गाड़ी चल रही थी अविश्वास की। कमलनाथ ने अविश्वास को बकवास मान लिया और सुनने नहीं आए। कांग्रेसियों में झूठ बोलने की होड़ लगी थी। इसके बाद उन्होंने जीतू पटवारी के सदन में भाजपा और सरकार पर आरोप का भी जिक्र किया और फिर चेतावनी भी दी कि सरकार और संगठन पर झूठा आरोप लगाने वाले पटवारी को छोड़ेंगे नहीं। मामला प्रश्न और संदर्भ समिति में ले जाएंगे और झूठ की पूरी सजा भी दिलवाएंगे।
कार्यसमिति में शिव ने सराहा विष्णु-कार्यकर्ताओं का काम, तो विष्णु ने मोदी-शिव सरकार की योजनाओं को दिया विकास का नाम
सरकार का पक्ष हो गया तो संगठन के मुखिया के नाते विष्णु दत्त शर्मा ने भी अपनी जिम्मेदारी पूरी की। उन्होंने निशाना साधा कि भाजपा पर लगाए गए आरोप झूठे हैं, अब जीतू पटवारी इस्तीफा दें। तो चेतावनी भी दी कि जीतू पटवारी के खिलाफ भाजपा उचित कानूनी कार्रवाई करेगी। जीतू पटवारी ने भाजपा को बदनाम करने के लिए आपराधिक षडयंत्र कर सदन का दुरूपयोग किया। उन्होंने जिस तरह से सदन को गुमराह करने का प्रयास किया,वह बेहद आपत्तिजनक है। विधायक पटवारी ने यह दावा किया था कि अगर आरोप गलत निकले तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सारे साक्ष्य मीडिया के सामने प्रस्तुत किए हैं, जिनसे यह साबित हो गया है कि जीतू पटवारी झूठ बोल रहे थे। इसलिए अब उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। दावा किया कि भाजपा ने अपने हर कार्यक्रम के लिए पेमेंट किया है। उसके बिल हैं और पूरे साक्ष्य हैं। विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है, झूठ बोलने का केंद्र नहीं है। उसे जीतू पटवारी ने अपने कुत्सित उद्देश्यों के लिए गुमराह करने का प्रयास किया है। विधानसभा की एथिक्स कमेटी से जीतू पटवारी की शिकायत भाजपा विधायक करेंगे। इसके साथ ही पार्टी की ओर से भी उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जवाब उन्हें प्रदेश की जनता को भी देना होगा। भाजपा के लोग कांग्रेस की तरह चीन से चंदा लेकर,  उसकी दलाली करके अपना संगठन नहीं चलाते। यह कोई आरोप नहीं है, बल्कि स्थापित सत्य है जिसका जवाब कांग्रेस नेतृत्व के पास नहीं है। पूरा देश जानता है कि कांग्रेस का चरित्र कैसा है और सोनिया गांधी‌ तथा राहुल गांधी को देश की जनता को इसका जवाब देना होगा।
अब जब मामला पूरे दिन उछल कूद करता रहा और पटवारी मौन रहे तो पटवारी के दल से विधायक कुणाल चौधरी ने मोर्चा संभाला। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को जवाब दिया कि मामला कर्ज लेके भाजपा कार्यकर्ताओं को सरकारी पैसे से अनेकों बार भोजन कराने को लेकर है। और यह भी प्रत्युत्तर दिया कि अगर सरकार सदन में मामले को ले जा रही है तो हम मैदान में निपटेंगे।
खैर पटवारी मैदान से गायब हैं और विष्णु, नरोत्तम और कुणाल की उपस्थिति दर्ज हो गई‌ है। अब आगे देखते हैं अथ श्री महाभारत कथा…। कौन जीतने की चाहत में हारने को मजबूर होता है और कौन न्याय की राह पर जीत की मंजिल पर पहुंचता है।
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कौशल किशोर चतुर्वेदी

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के जाने-माने पत्रकार हैं। इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया में लंबा अनुभव है। फिलहाल भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र एलएन स्टार में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले एसीएन भारत न्यूज चैनल के स्टेट हेड रहे हैं।

इससे पहले स्वराज एक्सप्रेस (नेशनल चैनल) में विशेष संवाददाता, ईटीवी में संवाददाता,न्यूज 360 में पॉलिटिकल एडीटर, पत्रिका में राजनैतिक संवाददाता, दैनिक भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ, एलएन स्टार में विशेष संवाददाता के बतौर कार्य कर चुके हैं। इनके अलावा भी नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित विभिन्न समाचार पत्रों-पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन किया है।