Attack on Forest Outpost : फारेस्ट चौकी पर हमला, बदमाशों ने 17 बंदूक लूटी!

बाकड़ी वन चौकी में करीब 15-20 अज्ञात बदमाशों ने घुसकर वारदात की!

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Attack on Forest Outpost : फारेस्ट चौकी पर हमला, बदमाशों ने 17 बंदूक लूटी!

Burhanpur : जंगल काटने वाले बदमाशों ने वन चौकी में हमला किया, तोड़फोड़ की और 17 बंदूकें और कारतूस लूटकर भाग गए। उन्होंने चौकीदार से मारपीट भी की। यह घटना नेपानगर तहसील के नावरा वन रेंज के बाकड़ी गांव में सोमवार रात घटी। पुलिस, वन विभाग की टीम और कलेक्टर समेत कई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि घटना सोमवार रात साढ़े 9 बजे की है। बाकड़ी वन चौकी में करीब 15-20 अज्ञात बदमाश घुसे।
यहां वन चौकी महज 60 साल के दैनिक वेतनभोगी चौकीदार भोला के हवाले थी। भोला यहां अपनी पत्नी के साथ यहां रहता है। बदमाश उसके साथ मारपीट कर बंदूकें छीनकर ले गए। करीब 17 बंदूकें ले जाने की पुष्टि हुई है। बताया जा रहा है कि 10 स्टॉक रजिस्टर में दर्ज थीं, बाकी अन्य चौकियों की बंदूकें भी यहां रखी थीं। चौकीदार भोला के मुताबिक, बदमाश रात को आए थे। वे बहुत सारे थे, उन्होंने मेरे साथ मारपीट की। चौकीदार को नहीं पता कि कितनी बंदूकें थीं। यहां 11 बंदूकें थीं, बाकी नीम सिटी चौकी क्षेत्र की बंदूकें भी यहीं रखी थीं। बताया गया कि डिप्टी रेंजर तो यहां 2 महीने से नहीं आए।
जिले में 1 लाख 90 हजार 100 हेक्टेयर जंगल है। 57 हजार हेक्टेयर में लाखों पेड़ काटने के बाद अतिक्रमण हो गया। 2018 के बाद से यहां अतिक्रमण लगातार बढ़ा है। अधिकांश अतिक्रमणकारी खंडवा, खरगोन, बड़वानी जिले के हैं। इससे पहले ये बड़वानी में जंगल का सफाया कर चुके हैं। पिछले तीन साल में वन विभाग और पुलिस की टीम पर 10 से ज्यादा हमले हुए। इन हमलों में कई बार ग्रामीण भी घायल हुए। इसी महीने 11 अक्टूबर को जामुन नाला, 19 अक्टूबर को बाकड़ी में वनकर्मियों पर हमला हो चुका है। बुरहानपुर में खरगोन और बड़वानी से भी अतिक्रमणकारी आकर बस गए हैं।

जंगलराज खत्म करने की तैयारी
वन विभाग की नावरा रेंज के जंगल में 200 से ज्यादा लोगों ने कब्जा किया हुआ है। ये लोग यहां दो महीने से जंगल काट रहे हैं। इनको रोकने पर पुलिस और वन विभाग की टीम पर पहले भी हमले हो चुके हैं। रेंज में 2 दिन से ड्रोन से निगरानी हो रही है। 800 से ज्यादा पुलिस, वनकर्मियों और बीएसएफ बल बुलाया गया है।
नावरा रेंज में जंगलराज को पूरी तरह खत्म करने की तैयारी चल रही है। जंगल में घुसकर बैठे 200 से ज्यादा अतिक्रमणकारियों को खदेड़ने के साथ अतिक्रमण को मुक्त कराने जल्द बड़ा अभियान शुरू होगा। तैयारी के लिए बीएसएफ, पुलिस और वन विभाग का 800 से ज्यादा का बल बुलाया गया है। घाघरला में निगरानी सेंटर बनेगा। यहां सबसे ज्यादा अतिक्रमण है। एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने कहा कि अतिक्रमण को हटाने के लिए बड़े स्तर पर कार्रवाई जरूरी है। इसके लिए हम तैयारी कर रहे हैं। बड़ी कार्रवाई कर अतिक्रमणकारियों को खदेड़ा जाएगा।

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8 अक्टूबर से जंगल कटाई तेज
नावरा रेंज में यूं तो लंबे समय से कटाई हो रही है, लेकिन इसमें 8 अक्टूबर से तेजी आ गई। अक्टूबर में अतिक्रमणकारियों ने पानखेड़ा बीट का जंगल काट डाला। सख्ती दिखाने पर वनकर्मियों पर लगातार हमले किए गए। 4 दिन पहले 300 से अधिक अतिक्रमणकारी घाघरला के जंगल में घुस आए और कटाई करने लगे, लेकिन यहां के ग्रामीणों ने आवाज उठाना शुरू कर दी। रविवार को ग्रामीणों ने कलेक्टर से मुलाकात की थी।

कहीं जंगल सुरक्षित नहीं जंगल
जिले में वन विभाग की असीरगढ़, धुलकोट, नेपानगर, नावरा, बुरहानपुर, खकनार, शाहपुर और बोदरली 8 रेंज हैं। खास बात यह है कि कोई रेंज ऐसी नहीं है, जहां जंगल नहीं कटता हो। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2017 तक ही जिले का 55 हजार हेक्टेयर क्षेत्र अतिक्रमण की जद में आ चुका था। बाद में 2 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में और अतिक्रमण कर लिया गया।