सावधान ! बच्चे ऑनलाइन कुछ भी खरीद सकते है ?

8 साल के लड़के ने ऑनलाइन मंगवाई AK-47 राइफल, कम्पनी ने की घर पर डिलीवर

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सावधान ! बच्चे ऑनलाइन कुछ भी खरीद सकते है ?

ऑनलाइन डिलीवरी की सहूलियत कभी जी का जंजाल भी बन सकती है इसका एहसास एक मां को उस समय हुआ जब उसके 8 साल के बेटे खतरनाक चीज आर्डर कर दी। अभी तक लोगों ऑनलाइन फूड आइटम्स, गैजेट्स या दूसरे घरेलू आइटम्स मंगवाए होंगे लेकिन 8 साल के एक लड़के ने डार्क वेब के जरिए ऑनलाइन AK-47 ऑर्डर कर दी।

सबसे अधिक हैरानी की बात यह है कि उसे ये राइफल डिलीवर भी कर दी गई। खुद लड़के की मां ने इस हैरतअंगेज कहानी को बयां किया है। मामला नीदरलैंड का है जहां एक महिला ने दावा किया कि उसके 8 वर्षीय बेटे ने उसकी जानकारी के बिना ऑनलाइन AK-47 खरीद डाली।

ये राइफल जब घर पहुंची तो उसके होश उड़ गए। उसने फौरन जानकारी जुटानी शुरू की तो पता चला कि इसके पीछे इंटरनेट की काली दुनिया डार्क वेब थी, जहां धड़ल्ले से इस तरह के अवैध काम होते हैं । यूरोन्यूज को दिए इंटरव्यू में AK-47 खरीदने वाले लड़के की मां बारबरा जेमेन ने खुलासा किया कि उनका बेटा कंप्यूटर पर बहुत समय बिताता था और उसने हैकिंग आदि शुरू कर दी थी। उन्होंने यहां तक ​​कहा कि हैकर्स ने उनके बेटे का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए भी किया। बारबरा के मुताबिक जब हम बेटे के कमरे में जाते वो ऑनलाइन गेम्स खेलते वक्त कोड वर्ड में बात करता रहता था। चीजें तब बिगड़ीं जब पता चला कि बेटे ने AK-47 मंगवा ली । बेटे ने सीमा शुल्क से बचने के प्रयास में बंदूक को पोलैंड से बुल्गारिया भेज दिया, फिर वो नीदरलैंड पहुंची।

बारबरा ने आगे कहा कि मैंने राइफल को स्थानीय पुलिस विभाग को सौंप दिया। पूछताछ के बाद पुलिस ने उसके बेटे के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की। जांच में पता चला कि वह अंतरराष्ट्रीय हैकरों के जाल में फंस गया था। इस घटना के बाद बारबरा ने खुद को साइबर सुरक्षा में ट्रेंड करने का फैसला किया। अब वह डच पुलिस में साइबर स्पेशल वालंटियर हैं। बारबरा ने बताया कि डार्क वेब इंटरनेट का वो हिस्सा है, जहां पर मौजूद कंटेंट तक गुगल, बिंग जैसे सर्च इंजन के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता। इसके लिए स्पेशल ब्राउजर और परमिशन की जरूरत होती है। डार्क वेब पर मौजूद कंटेंट किसी कानून के दायरे में नहीं आता । इसके जरिए ड्रग्स, हथियार सहित तमाम गैरकानूनी काम होते हैं। ये अनियन रूटिंग टेक्नोलॉजी पर काम करता है, जो यूजर्स को ट्रैकिंग और सर्विलांस से बचाता है।

यहां पर ऐसे स्कैमर्स भी होते हैं, जो बेहद सस्ते में वो चीजें भी बेचते हैं जो बैन हैं। लोग सस्ते में चीज खरीदने के चक्कर में लाखों रुपये गवां देते हैं। ऐसे किसी स्कैमर के जाल में महिला का लड़का फंस गया और ऑनलाइन राइफल ऑर्डर कर डाली। बारबरा कहती हैं कि आजकल यह बहुत आसान है कि कोई भी साइबर क्राइम का शिकार हो जाए। क्योंकि, अधिकांश बच्चों के पास लैपटॉप और मोबाइल हैं. एक अनजान क्लिक से वो हैकर्स के चंगुल में फंस सकते हैं। ऐसे में जागरूकता बहुत जरूरी है।