Attitude of Nisha Bangre : इस्तीफा देने वाली डिप्टी कलेक्टर ने सरकार को तानाशाह बताया!

उनके मिजाज से लगता नहीं कि वे फिर नौकरी ज्वाइन करेंगी!

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Attitude of Nisha Bangre : इस्तीफा देने वाली डिप्टी कलेक्टर ने सरकार को तानाशाह बताया!

Amla : छतरपुर जिले के लवकुश नगर में पदस्थ एसडीएम निशा बांगरे ने इस्तीफा दे दिया। लेकिन, इसके बाद वे सरकार पर हमलावर हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का रवैया तानाशाहीपूर्ण है। प्रशासनिक अधिकारी तुगलकी फरमान जारी कर रहे है। इस्तीफा देने के बाद पुरानी तारीख में नोटिस भेजा गया और उनसे जवाब मांगा जा रहा है। यह सरकार का तुगलकी फरमान है। उनका कहना है कि बैतूल जिले के अधिकारियों ने पद का दुरुपयोग करते हुए मुख्यमंत्री को गलत जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि निशा बांगरे ने डिप्टी कलेक्टर पद से 22 जून को इस्तीफा दे दिया। निशा के मिजाज से नहीं लगता कि वे फिर नौकरी में आएंगी।

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निशा बांगरे ने कहा कि मैंने अंतरराष्ट्रीय सर्वधर्म शांति कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति के लिए सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) को आवेदन किया था। इस पर जीएडी ने बैतूल जिला प्रशासन को प्रतिवेदन देने को कहा था। बैतूल के प्रशासनिक अधिकारियों ने षड्यंत्र पूर्वक गलत जानकारी दी। इस आधार पर जीएडी ने मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम-1965 के नियम 9(2) और नियम 16(2) का हवाला देते हुए कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नहीं दी। इससे मेरी भावनाएं आहत हुई हैं और मैंने इस्तीफा दिया है।

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निशा बांगरे का कहना है कि अधिकारियों ने सिविल सेवा आचरण नियमों का दुरुपयोग किया है। नियम के अनुसार जब तक रोका न जाए, तब तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी शासन की अनुमति के बिना धार्मिक/चैरिटेबल कार्यक्रम में भाग ले सकता है। इन्होंने इस नियम का भी उल्लंघन किया है। वहां कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं हो रहा था, जिसमें भाग लेने से मुझे रोका गया है।

निशा बांगरे का यह भी कहना है कि मैं जानती हूं मेरे खिलाफ आगे भी शासन और प्रशासन की तरफ से षड्यंत्र होंगे। इसकी शुरुआत हो चुकी है। इस्तीफा देने के बाद पुरानी तारीख में मुझे नोटिस जारी किया गया। इसका जवाब उसी दिन मांग लिया गया। जवाब देने के लिए कम से कम तीन दिन का समय तो देना चाहिए था। यह सीधे तौर पर साजिश है और यह सरकार का तानाशाहीपूर्ण रवैया है। इसे प्रशासन का तुगलकी फरमान माना जाना चाहिए। उनके मिजाज से लगता नहीं कि वे फिर से नौकरी ज्वाइन नहीं करेंगी। लेकिन, वे कुछ अलग करना चाहती हैं। उनका कहना है कि वे समाज की बेहतरी, सामाजिक न्याय और बच्चों को शिक्षित करने का काम करेंगी।

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निशा बांगरे ने अपने इस्तीफे की दो वजह बताईं। उन्होंने अपने इस्तीफे के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया। इसमें वे कह रही हैं कि मुझे अपने घर के शुभारंभ के लिए छुट्टी नहीं मिली। साथ ही इस अवसर पर सर्वधर्म सम्मेलन हो रहा है। इस पर भी सामान्य प्रशासन विभाग ने आपत्ति जताते हुए छुट्टी नहीं दी। इससे मेरी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। साथ ही मेरे मौलिक अधिकारियों का हनन हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैं डिप्टी कलेक्टर पद पर रहते हुए अपनी लड़ाई नहीं लड़ सकती हूं, तो किसी और के लिए कैसे लड़ूंगीं। इसके बाद मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया है।
यह भी कहा जा रहा है कि इस्तीफे के बाद वे राजनीति में उतरने की तैयारी कर रही हैं। आमला विधानसभा क्षेत्र में वह घूम-घूमकर लोगों को सर्वधर्म सम्मेलन के लिए न्यौता दे रही थीं। कुछ दिन पहले वह चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर भी कर चुकी हैं। हालांकि, इस सवाल पर उन्होंने कहा है कि इसके पीछे राजनीतिक वजह नहीं है। इस्तीफा को इससे नहीं जोड़ा जाए।

देखिए वीडियो-