

MP में प्राकृतिक आपदाओं में 13 जिलों में 2018 से 2022 के बीच बटे 8 हजार 680 करोड़ का आडिट, जानकारी होगी आनलाईन
भोपाल: वित्त विभाग और महालेखाकार कार्यालय अब जिलों में प्राकृतिक आपदाओं में बांटी जाने वाली राहत राशि के आंकड़ों को भी आईटी एप्लीकेशन के जरिए आनलाईन करेगा। इनके आडिट और आपत्तियों को भी आईटी एप्लीकेशन के जरिए एक जगह रखा जाएगा।
संचालक बजट तन्वी सुंदरियाल ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और आयुक्तों को इस संबंध में निर्देश जारी किए है। प्रदेश के तेरह जिलों में कलेक्ट कार्यालय और चयनित जिलों के सभी तहसीलदारों के कार्यालय में वर्ष 2018-19 से 2021-22 की अवधि के लिए प्राकृतिक आपदाओं के तहत वित्तीय सहायता पर अनुपालन आडिट किया गया है। इस अवधि में तेरह जिलों में 8 हजार 680 करोड़ रुपए प्रभावितों को बांटे गए है। प्रधान महालेखाकार से संबंधित अन्य मुद्दों में प्रदेश के विभिन्न कार्यालयों में राशि वितरण के लिए कार्यान्वित किए जा रहे आईटी एप्लीकेशन के विवरण और महालेखाकार कार्यालय तक इन आईटी एप्लीकेशन की पहुंच सुनिश्चित करने औ इसमें सहायता देने के लिए महालेखाकार कार्यालय की ओर से सहयोग की जाएगी। सभी विभागों से आईटी एप्लीकेशन के संबंध में विभाग का नाम, कार्य का स्वरुप, योजना, वर्ष 24-25 में हितग्राही की संख्या, आईटी एप्लीकेशन की जानकारी जिसके माध्यम से कार्य संचालित है और महालेखाकार कार्यालय से क्या सहयोग चाहिए है इसका ब्यौरा मांगा गया है।
वर्ष 18 से 2022 के बीच प्राकृतिक आपदाओं में बांटी गई राशि का आईएफएमआईएस में खर्च की लिमिट डीडीओएस ने तय नही की है। जो राशि आनलाईन खातों में ट्रांसफर की गई उसमें कितने ट्रांजेक्शन फेल हुए है इसे कंट्रोल करने के लिए सिस्टम नहीं है। इसी तरह अन्य जो कमियां है उन्हें दूर कने के प्रयास किए जाने है।
चार सालों में बटा 8680 करोड़ रुपया- अतिवृष्टि से हुए नुकसान के लिए 3 हजार 879 रुपए बांटे गए है। आरबीसी छह चार में 1 हजार 685 करोड़ रुपए दिए गए है। फसल नुकसान और अन्य नुकसान के लिए 897 करोड़ रुपए दिए गए है। कीटों से नुकसान पर क्षतिपूर्ति के रुप में 2 हजार 216 करोड़ रुपए बांटे गए है। इन सब को आईटी एप्लीकेशन के जरिए एक जगह पर रखा जाएगा।