Automatic Segregator : हर सूखा कचरा अपने आप अलग होने लगा

इंदौर में 20 करोड़ का ऑटोमैटिक सेग्रीगेटर लगाया गया

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Indore : शहर में अब सूखे कचरे को ऑटोमेटिक तरीके से अलग करने की योजना पर काम शुरू हो गया। इसमें कई तरह का सूखा कचरा अलग-अलग किया जाएगा। देवगुराड़िया में ऑटोमेटिक सेग्रीगेटर प्लांट लगाया है, जिसकी लागत करीब 20 करोड़ रुपए है। इंदौर शहर के लगातार पांचवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित होने के बाद इंदौर प्रशासन सहित नगर निगम उत्साहित है।

नगर निगम अब सूखे कचरे को अलग-अलग करने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए देवगुराड़िया में ऑटोमेटिक प्लांट लगाया जा रहा है, जिसमें प्लास्टिक और पेपर सहित करीब 12 तरह के सूखे कचरे को अलग-अलग किया जाएगा। गीले कचरे को अलग करके खाद पहले से बनाई जा रही है। पीथमपुर में इसके लिए निजी भागीदारी से प्लांट लगाया जा रहा है, जिसकी अलग-अलग यूनिट स्थापित होंगी। नगर निगम कचरे से खाद, डीजल, पेवर ब्लॉक समेत कई सामग्री बना रहा है। यहाँ कचरे से सीएनजी बनाने का काम भी शुरू होने वाला है।

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सूखे कचरे को भी अलग-अलग किया जाएगा। ऑटोमेटिक मटेरियल, रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) के तहत 20 करोड़ रुपए की लागत से प्लांट लगाया गया है। इसमें प्लास्टिक कचरे की पांच श्रेणियों को अलग-अलग किया जाएगा। पारदर्शी प्लास्टिक, रंगीन प्लास्टिक, सिंगल यूज मिक्स कम घनत्व वाला प्लास्टिक, तेल, शैंपू के पाउच-बोतल आदि को अलग किया जाएगा। अभी तक के औसत की बात करें तो लगभग 500 टन सूखा कचरा प्रतिदिन निकलता है। दो वर्षों से नगर निगम इसे अलग-अलग तकनीक से री-यूज करता है। अब सूखे कचरे को अलग-अलग करने वाला प्लांट लगाने के बाद इस काम में और आसानी हो जाएगी।

कचरे से सीएनजी बनेगी
कचरे से सीएनजी बनाने के लिए भी देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउंड पर प्लांट लगाया गया है। इस सीएनजी से सिटी बस चलाई जाएगी। नगर निगम को भी डेढ़ करोड़ रुपए की सालाना आय होगी। यह एशिया का सबसे बड़ा प्लांट होगा। इस प्लांट से 550 टन घरेलू गीले कचरे से करीब 18 हजार लीटर बायो सीएनजी प्रतिदिन बनाई जाएगी। इस गैस का उपयोग नगर निगम अपनी सिटी बसों को चलाने एवं अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगा। इसे पीपीपी मॉडल के तहत लगभग 150 करोड़ रुपए की लागत से एनवायरमेंटल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड सर्विसेज लिमिटेड दिल्ली स्थापित करेगी।

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वर्तमान में इंदौर से लगभग 610 मीट्रिक टन गीला कचरा प्रतिदिन निकल रहा है जिसमें से 550 मीटर टन कचरे से सीएनजी गैस बनाई जाएगी। कंपनी से हुए अनुबंध के तहत 50 प्रतिशत सीएनजी कंपनी द्वारा बाजार दर से पांच रुपये प्रति लीटर कम दर पर नगर निगम को दी जाएगी।