Autonomous College : शहर के दो कॉलेज ही ऑटोनोमी पाने के दावेदारी
Indore : शहर के कॉलेजों को अब दाखिले के लिए शासन और परीक्षा के लिए यूनिवर्सिटी पर निर्भर नहीं रहना होगा। वे अपने हिसाब से भर्ती परीक्षा से छात्रों को न सिर्फ दाखिले देंगे, बल्कि अपना सिलेबस भी पढ़ा सकेंगे। शर्त यह है, कि ये कॉलेज नैक से ए-ग्रेड पाने के आधार पर UGC से ऑटोनॉमी हासिल करने में कामयाब रहे हों।
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (University Grant Commission) ने नए रेगुलेशन 2022 को मंजूरी दे दी है। इसके तहत नैक से ‘ए’ या इससे ऊपर की ग्रेड पाने वाले सभी निजी, सरकारी या अनुदान प्राप्त कॉलेज सीधे ऑटोनॉमी की दावेदारी कर सकते हैं। ये ऑटोनॉमी उन्हें यूनिवर्सिटी स्तर पर नहीं, बल्कि सीधे यूजीसी से मिलेगी।
ऑटोनॉमी मिलने के बाद उन्हें कोर्स और सिलेबस में जरूरत के अनुसार बदलाव करने और परीक्षा कराने का भी अधिकार मिल जाएगा। अभी शहर में होलकर साइंस कॉलेज, क्रिश्चियन एमिनेंट, और जीडीसी के पास ही ऑटोनॉमी है। होलकर कॉलेज को पिछली बार बी-ग्रेड मिली थी। ‘नैक’ के अगले दौरे में कॉलेज की ग्रेड नहीं सुधरी तो ऑटोनॉमी से भी हाथ धोना पड़ेगा। एक बार ए-ग्रेड मिलने पर सीधे 10 साल के लिए ऑटोनॉमी मिलेगी और दूसरी बार ए मिलने पर 15 साल बाद स्थायी स्वायत्तता मिल जाएगी।
कई कॉलेजों का अस्तित्व खतरे में
नई शिक्षा नीति में कॉलेजों के सामने दो ही विकल्प रहेंगे कि वे या तो ऑटोनोमस का दर्जा हासिल कर लें या फिर विभागों की तरह ही यूनिवर्सिटी के दायरे में संचालित हों। कॉलेजों के अपने इंफ्रास्ट्रक्चर, टीचिंग, रिसर्च, प्लेसमेंट और अन्य गतिविधियों पर गंभीरता से ध्यान देना होगा, नहीं तो उनका अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा।
दो कॉलेज ही ऑटोनोमी के दावेदार
इंदौर के प्रेस्टीज कॉलेज, सेंट पॉल कॉलेज और आईपीएस बिजनेस स्कूल के पास ही ए-ग्रेड है। प्रेस्टीज यूनिवर्सिटी शुरू होने के कारण यह संस्थान ऑटोनॉमी की दौड़ से बाहर हो गया है। सेंट पॉल और आईपीएस बिजनेस स्कूल ही अब ऑटोनॉमी के लिए दावेदारी कर सकते हैं। बाकी कॉलेजों के पास बी-प्लस और इससे नीचे की ग्रेड है। आधे से ज्यादा कॉलेज ऐसे हैं, जिन्होंने अब तक एक बार भी नैक का दौरा नहीं कराया। जीएसीसी सिर्फ एक बार ए ग्रेड पाने में सफल रहा था। सबसे पहले ए और ए प्लस ग्रेड लाने वाले श्री क्लॉथ मार्केट गर्ल्स कॉलेज की ग्रेड भी अक्टूबर में खत्म हो रही है।