
Axiom-4 Mission : भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला समेत 4 अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना
भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शुभांशु शुक्ला को अपने शुभकामना संदेश भेजे!
Washington : एक्सिओम-4 मिशन शुरू हो गया है। यह मिशन नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा में कॉम्प्लेक्स 39ए से लॉन्च किया गया। मिशन के तहत 4 अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जा रहे हैं। इस मिशन में शुभांशु शुक्ला पायलट के रूप में काम कर रहे हैं। इस मिशन के जरिए भारत को अपना दूसरा अंतरिक्ष यात्री मिल गया। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हो गए, जहां वे 14 दिनों तक कई वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। इस ऐतिहासिक मिशन को पहले कई बार तकनीकी खामियों के कारण रोका गया था।

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने अपनी शुभकामनाएं में कहा कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में भारत के लिए एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। पूरा देश एक भारतीय की सितारों की यात्रा पर उत्साहित और गौरवान्वित है। वह (शुभांशु शुक्ला) अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के साथी अंतरिक्ष यात्री साबित करते हैं कि दुनिया वास्तव में एक परिवार है ‘वसुधैव कुटुम्बकम।’ इस मिशन की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं, जो नासा और इसरो के बीच स्थायी साझेदारी को दर्शाता है। चालक दल द्वारा किए जाने वाले व्यापक प्रयोग वैज्ञानिक अध्ययन और अंतरिक्ष अन्वेषण की नई सीमाओं को जन्म देंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी शुभकामनाएँ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम भारत, हंगरी, पोलैंड और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरिक्ष मिशन के सफल प्रक्षेपण का स्वागत करते हैं। भारतीय अंतरिक्ष यात्री, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने की राह पर हैं। उनके साथ 1.4 अरब भारतीयों की इच्छाएं, उम्मीदें और आकांक्षाएं जुड़ी हुई हैं। उन्हें और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को सफलता की शुभकामनाएं।
भारतीय वायु सेना ने क्या कहा?
आसमान को जीतने से लेकर सितारों को छूने तक, भारतीय वायुसेना के वायु योद्धा की अदम्य भावना से प्रेरित एक यात्रा। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन पर रवाना हुए, जो राष्ट्र के गौरव को पृथ्वी से परे ले जाएगा। यह भारत के लिए एक ऐसा क्षण है, जो स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा के मिशन के 41 साल बाद आया है। एक मिशन से कहीं बढ़कर यह भारत के निरंतर विस्तारित क्षितिज की पुष्टि है।
अब आगे क्या होगा?
अब सबके मन में सवाल यह है कि आगे क्या होगा। अगर सब कुछ तय योजना के मुताबिक हुआ तो गुरुवार की सुबह एक्सिओम-4 के चालक दल का स्वागत अंतरिक्ष प्रयोगशाला में मौजूद सात वर्तमान एस्ट्रोनॉट द्वारा किया जाएगा। सात एस्ट्रोनॉट में तीन अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री, एक जापान के अंतरिक्ष यात्री और तीन रूस के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं।





