Axiom-4 Mission: शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष से पहला सन्देश -“41 साल बाद हम पहुंचे” तिरंगा है हाथ में

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Axiom-4 Mission

Axiom-4 Mission: शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष से पहला सन्देश -“41 साल बाद हम पहुंचे” तिरंगा है हाथ में

Axiom-4 Mission: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ एक्सिओम – 4 मिशन, कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भर चुके हैं। वो अब अंतरिक्ष पर पहुंच गए हैं। उन्होंने वहां से संदेश भी भेजा है। जिसे सुनकर भारतीयों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा।भारत के शुभांशु शुक्ला के साथ तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री को लेकर निकला SpaceX का फाल्कन 9 रॉकेट. लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद ड्रैगन अंतरिक्ष यान इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर डॉक करेगा.

भारत के लिए 25 जून का दिन एक ऐतिहासिक दिन बन गया है। एक लंबे इंतज़ार के बाद Axiom-4 Mission लॉन्च कर दिया गया है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए शुभांशु शुक्ला अपनी टीम के साथ रवाना हो गए हैं। यहां पर वे 14 दिन तक रहेंगे। पूरे देश के लिए आज का दिन गर्व और गौरव से भरा है। इसबीच शुभांशु ने अंतरिक्ष में पहुंचकर भारतीयों के लिए संदेश भी भेजा है। बता दें कि उनका ये मिशन पहले 6 बार तकनीकी दिक्कतों के कारण टल चुका था।

मिशन भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 12:00 बजे फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से जुड़े ड्रैगन कैप्सूल में सभी एस्ट्रोनॉट ने उड़ान भरी। ये स्पेसक्राफ्ट करीब 28.5 घंटे के बाद 26 जून को शाम 04:30 बजे ISS से जुड़ेगा। बता दें कि शुभांशु शुक्ला समेत मिशन के चारों अंतरिक्ष यात्री दो सप्ताह यानी 14 दिनों तक अंतरिक्ष स्टेशन पर रहेंगे। इस दौरान वे विज्ञान, तकनीक, शिक्षा और व्यावसायिक गतिविधियों से जुड़े प्रयोग और मिशन में हिस्सा लेंगे।

Shubhanshu Shukla

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से भारतीयों के लिए संदेश भेजा है। उन्होंने कहा ” नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियों! क्या सफ़र है! हम 41 साल बाद वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं। यह एक अद्भुत सफ़र है। हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ़्तार से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। मेरे कंधों पर मेरा तिरंगा मुझे बताता है कि मैं आप सभी के साथ हूँ। यह मेरी यात्रा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की शुरुआत नहीं है, ये भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है। मैं चाहता हूँ कि आप सभी इस सफ़र का हिस्सा बनें। आपका सीना भी गर्व से चौड़ा होना चाहिए… आइए हम सब मिलकर भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत करें। जय हिंद! जय भारत!”

 

SRO के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इस मिशन के दौरान पांच वैज्ञानिक प्रयोग और दो STEM (Science, Technology, Engineering, Mathematics) डेमो कराएंगे। इनमें से कई प्रयोग भारत और अमेरिका के साझा प्रयास हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संयुक्त घोषणा के तहत शुरू किया गया था।

शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ था और वे इसरो के गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार एस्ट्रोनॉट में से एक हैं. शुक्ला को जून 2006 में इंडियन एयर फोर्स की कॉम्बैट ब्रांच में शामिल किया गया था. एक Combat Leader और अनुभवी परीक्षण पायलट के रूप में, उनके पास Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 सहित कई तरह के प्लेन पर 2,000 घंटे की उड़ान का एक्सपीरियंस है.