आयुर्वेद निरोगी रहने की श्रेष्ठ चिकित्सा पद्धति है – षड्यंत्र पूर्वक रोगों के मानक बदलकर भयाक्रांत कर व्यापार किया जा रहा – – वैद्य श्री राजेश कपूर
जनपरिषद का निःशुल्क चिकित्सा सह – परामर्श शिविर सम्पन्न
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर। विश्व प्रसिद्ध वैद्य राजेश कपूर (सोलन हिमाचल प्रदेश) का असाध्य रोगों पर आयुर्वेद के सरल अनुप्रयोगों पर आधारित व्याख्यान सह प्रशिक्षण शिविर का आयोजन नगर पालिका परिषद अध्यक्ष श्रीमती रमादेवी गुर्जर की अध्यक्षता में
और विशेष अतिथि के जिला प्रेस क्लब अध्यक्ष ब्रजेश जोशी एवं वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल के सानिध्य में जन परिषद मंदसौर चैप्टर के तत्वावधान में बुधवार शाम नगर पालिका सभागृह मंदसौर में आयोजित किया गया।
अतिथियों द्वारा आयुर्वेद के जनक भगवान धनवंतरी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन किया।
आरंभ में स्वागत जन परिषद अध्यक्ष डॉ घनश्याम बटवाल, नरेंद्र कुमार त्रिवेदी, जितेंद्र पांडेय,नंदकिशोर राठौर, प्रदीप शर्मा, नरेंद्र भावसार, श्रीमती चंदा डांगी, सुभाष गुप्ता, कन्हैयालाल सोनगरा, डॉ स्वप्निल ओझा, प्रदीप चंदवानी, आनंदीलाल पंड्या, राजाराम तंवर, अजीजुल्लाह खान, बी एस सिसोदिया, मुकेश चनाल, वीरेंद्र भट्ट, डॉ किशोर शर्मा वैद्य, ललित बटवाल, नीमच से आर बी वर्मा, मीना वर्मा बंशीलाल टांक ने आदि ने किया।
इस अवसर पर डॉ कमलेश धनोतिया जिला आयुष अधिकारी एवं डॉ अर्पित राणावत का उनकी आयुर्वेद चिकित्सा में उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करने पर शॉल, श्रीफल एवं डुपट्टा पहना कर विशेष सम्मान वैद्य श्री कपूर नपाध्यक्ष श्रीमती गुर्जर, डॉ बटवाल एवं श्री जोशी के हाथों से किया गया। पर्यावरण क्षेत्र में समर्पित योगदान के लिये श्री दशरथनन्दन पांडेय को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर वैद्य श्री राजेश कपूर (हिमाचल) ने कहा कि आयुर्वेद का जन्म भारत में हुआ। यह शरीर निरोगी रहने की श्रेष्ठ पद्धति है।
प्राचीन काल से ही आयुर्वेद ने भारत के लोगों को स्वस्थ बनाया है उस दौरान भारत के लोगों की उम्र 120, 150 से 160 वर्ष तक हुआ करती थी धीरे-धीरे विदेशी पद्धतियों ने हमारे स्वास्थ्य को व्यापार का जरिया बना डाला आज अधिक डॉक्टर हैं और अधिक अस्पताल हैं पर परिणाम अधिक बीमार और बीमारियों के रूप में देखने को मिल रहा है। मधुमेह की तो राजधानी बनता जा रहा है भारत, यह चिंता की बात है, युवाओं में रोग बढ़ रहा है प्रतिरोधक क्षमता घट रही।
वैद्य श्री कपूर ने कहा कि दवा कंपनियों के वैश्विक मकड़ जाल में स्वास्थ्य के मानकों में परिवर्तन किए गए ताकि दवाइयों का मार्केट बना रहे पहले बीपी का मानक 160 या बाद में 140 हुआ और अब 120 तक ही बीपी मानक बना दिया गया है। आपने इसे अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र कहा।
आज बीमार को डरा कर ईलाज किया जा रहा है ।कोरोना में व्यक्ति की जान भय से अधिक गई है बीमारी से कम। कोरोना में नहीं मरा जिसने दवाई नहीं खाई और अस्पतालों में भर्ती नहीं हुआ। लोग घरों में सादा भोजन करके भयमुक्त एवं परिवार के बीच रहकर कोरोना से बच गए यानी बीमारी में जो भी व्यक्ति जितना सरल होता है जल्दी ठीक हो जाता है। हमारे किचन के सभी मसाले दवा का स्वरूप ही हैं। हल्दी, काली मिर्च, अजवाइन के साथ तुलसी एवं नीम औषधी वाले पौधे हैं जिनके प्रयोग से बीमारी को दूर भगाया जा सकता है। आपने गौमूत्र, गुड़ आदि का प्रयोग भी बताया।
आपने सफेद ज़हर शक्कर, नमक, टूथपेस्ट, चॉकलेट, कुरकुरे, सॉफ्ट ड्रिंक, तेल फिल्टर तेल के प्रयोग को बीमारी की जड़ बताया है। अगर इसे दूर रहे तो बिना दवा के भी स्वस्थ रहा जा सकता है।
वैद्य श्री कपूर ने फ़ास्ट फूड, कोल्ड्रिंक्स एवं पैक्ड खाद्य पदार्थों से दूर रहने की सलाह देते हुए कहा कि स्वाद के लिए हम बीमारियों को आमंत्रित कर रहे है। मौके पर दुष्प्रभाव की जानकारी भी दी।
आपने प्रश्नोत्तरी के माध्यम से डायबिटीज, रक्तचाप हृदय रोग, प्रोस्टेट और थायराइड रोगों पर श्रोताओं के प्रश्नों को समाधान कारक जवाब दिए।
नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती रमादेवी गुर्जर ने अपने विचार रखे।
जन परिषद द्वारा श्री कपूर को अष्टमुखी पशुपतिनाथ महादेव चित्र भेंट किया व शॉल, श्रीफल प्रदान की गई। साहित्य संग्रह यथार्थ उत्कर्ष एवं उत्थान का सेट संपादक डॉ घनश्याम बटवाल ने वैद्य श्री कपूर को भेंट किया। कार्यक्रम संचालन सचिव नरेंद्र कुमार त्रिवेदी ने किया आभार प्रोजेक्ट प्रभारी जितेंद्र पांडेय ने माना।
इस निःशुल्क आयुर्वेद चिकित्सा सह प्रशिक्षण परामर्श एवं व्याख्यान में बड़ी संख्या में प्रबुद्धजनों, महिलाओं और आयुर्वेद प्रेमियों की उपस्थिति रही।
कई पीड़ितों ने रोगों के बारे में आयुर्वेद व जड़ी बूटियों आदि के बारे में वैद्य श्री कपूर से प्रश्न किये, जिज्ञासाओं को पूछा उनके समाधान और उत्तर दिये।