आयुर्वेद चिकित्सा ऐसी पद्धति हैं जिसमें रोग जड़ से समाप्त होकर रोगी का जीवन निरोगी होता है : डॉ बलराज चौहान

आयुर्वेद महासम्मेलन का 116 वां स्थापना दिवस संपन्न

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आयुर्वेद चिकित्सा ऐसी पद्धति हैं जिसमें रोग जड़ से समाप्त होकर रोगी का जीवन निरोगी होता है : डॉ बलराज चौहान

Ratlam : आयुर्वेद चिकित्सा ऐसी पद्धति हैं जिसमें रोग जड़ से समाप्त होता हैं तथा व्यक्ति निरोग जीवन व्यतीत करता हैं।
शहर के 80 फिट रोड स्थित आयुर्वेद चिकित्सा शिविर गायत्री परिवार नगर ट्रस्ट के सहयोग से आयोजित किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ बलराज चौहान थे।तथा अध्यक्षता डॉक्टर आई पी त्रिवेदी ने कि।कार्यक्रम का शुभारंभ शहर सराय स्थित श्री लक्ष्मी औषधि भंडार पर वैद्य सुशील शर्मा एवं अतिथियों द्वारा भगवान धन्वंतरी के चित्र पर माल्यार्पण दीप प्रज्वलित कर पूजन किया गया।सारस्वत अतिथि के रूप में वैद्य एचके सोनी,डॉक्टर मोहनलाल ठन्ना रहें जिनका शाल एवं श्रीफल से अभिनंदन किया गया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ बलराज चौहान ने कहा कि
रतलाम नगर में पौधों के लिए नर्सरी तथा आयुष कार्यालय सागोद रोड पर बनकर तैयार हैं, जिससे मानव सेवा में सहयोग मिलेगा।अध्यक्षता कर रहे डॉक्टर आई पी त्रिवेदी ने महासम्मेलन के 116 वें वर्ष स्थापना दिवस पर इतिहास की जानकारी दी।

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शिविर में 110 रोगियों की निशुल्क ब्लडप्रेशर,शुगर,रोग परीक्षण एवं उपचार किया गया। इस अवसर पर डॉ सुरेंद्र पुरोहित, डॉ दिलीप पंड्या,डॉ डीसी राठौड़,महासचिव आरएस सोनी, डॉ जेपी सिंह,डॉ मोर्य,डॉ निर्मला डांगी,डॉ दिनेश तिवारी,डॉ सोनगरा,डॉ सिसोदिया,डॉ एमएस चौहान,डॉक्टर जगदीश उपाध्याय,वैद्य राजेंद्र पटवा,वैद्य रामेश्वर सोनी,महेश गोयल, किशोर चौधरी,मनीष शर्मा,ऋषि राज जो जो वेद रामजी ने अपनी सेवाएं दी।कार्यक्रम का संचालन राधेश्याम सोनी ने किया तथा आभार डॉ ओ.पी.जोशी द्वारा माना गया।