प्राचीन काल से प्रचलित चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद आज भी लोककल्याणकारी है – – समाजसेवी श्री बुंदेला

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प्राचीन काल से प्रचलित चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद आज भी लोककल्याणकारी है – – समाजसेवी श्री बुंदेला

धनवंतरी जयंती स्वास्थ्य दिवस समारोह के रूप में मनाया

मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

मंदसौर। रत्नाकर मंथन में ईश्वरीय विधान से आयुर्वेद के जनक भगवान धनवंतरी का आविर्भाव हुआ, आयुर्वेद प्राचीन काल से प्रचलित है और वर्तमान में सुरक्षित और निरापद चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित है यह विचार व्यक्त किए प्रख्यात समाजसेवी एवं घुमंतु एवं पिछड़ा उपेक्षित वर्ग के सेवावृति श्री रविप्रताप सिंह बुंदेला ने, आप कालिदास मार्ग स्थित गौशाला भवन के अरविंद आयुर्वेद संस्थान पर आयोजित कार्यक्रम मुख्य अतिथि पद से संबोधित कर रहे थे।

धनवंतरी जयंती स्वास्थ्य दिवस समारोह के रुप में मनाया गया।

श्री बुंदेला ने कहा कि आयुर्वेद को पांचवां वेद भी बताया गया है धन्वंतरि के बाद आयुर्वेद की परंपरा चरक सुश्रुत पतंजलि सुषेण आदि के माध्यम से निरन्तर प्रगति कर रही है।

चिरंजीवी हनुमान के साथ अष्टसिद्धियां नवनिधियां साध्य बनी ओर आयुर्वेद की औषधि संजीवनी लाकर लक्ष्मण के प्राण बचाए थे।

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विशेष अतिथि पूर्व जिला आयुर्वेद अधीक्षक एवं दशपुर जागृति संगठन अध्यक्ष डॉ देवेंद्र पुराणिक ने आयुर्वेद की महत्ता पर प्रकाश डाला और कहा कि आज देश ही नहीं विश्व में आयुर्वेद को अपनाया जा रहा है और निरोगी काया प्राप्त हो रही है।

अमलेश्वर मंदिर समिति अध्यक्ष एवं जिला इंटक उपाध्यक्ष गोपाल गुरु ने अपने अनुभव रखते हुए बताया कि ग़रीबों को लाभ मिला है अन्य पद्धति महंगी ओर कठिन रही मंदसौर से निःशुल्क परामर्श और चिकित्सा मिल रही है और लोग लाभ उठा रहे हैं।

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समारोह के अध्यक्ष वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ किशोर शर्मा ने आयुर्वेद को श्रेष्ठ और सुरक्षित चिकित्सा पद्धति बताया।

आयुष पंचकर्म केंद्र संचालक श्री मुकेश कुमावत ने बताया कि कठिन और जटिल रोगों का उपचार आयुर्वेद और पंचकर्म क्षार सूत्र चिकित्सा सेवाओं से हो रहा है। आयुर्वेद को अपनाया जा रहा है।

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कार्यक्रम के दौरान भोपाल से वर्चुअली जुड़े पूर्व पुलिस आईजी ( सुरक्षा) श्री अशोक कुमार सोनी एवं पूर्व जॉइंट डायरेक्टर जनसंपर्क श्री राजा दुबे ने आयुर्वेद की महत्ता बताते हुए कहा कि यह चिकित्सा पद्धति जलवायु और वातावरण के साथ अधिक उपयोगी सिद्ध हुई है। वरिष्ठ अधिकारी द्वय ने कहा कि अनुसंधान चलते रहने के अधिक उपयोगी बनाने की आवश्यकता है।

इसके पूर्व भगवान धनवंतरी का पूजन अर्चना कर सामूहिक आरती की गई। मालवी कवि विनोद श्याम कुमार चौबे ने आयुर्वेद जनक भगवान धनवंतरी पर गीत वंदना प्रस्तुत की।

शिक्षाविद सुनील कुमार कटलाना महेश चंदवानी गुरुप्रसाद भंडारी योगिता पारीक भेरूलाल टेलर, समर्थ पुरोहित दिव्या भंडारी विवेक मधु सिंधी अभिषेक रिषभ अनुश्री श्रुति जागृति सहित अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
समारोह संचालन वैद्य ललित कुमार बटवाल ने किया। आभार जन परिषद अध्यक्ष डॉ घनश्याम बटवाल ने किया।