राजनीति का बिगड़ा चरित्र

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राजनीति याने राज्य की नीतियां इसलिए राजनीति यह इतना पवित्र शब्द है जो आम जनता को राहत उनकी सुरक्षा, सहूलियत और कमाई के जरीये बढ़ाने के लिए नीति निर्धारण, संविधानिक अधिकार, न्याय व्यवस्था, डाक व्यवस्था एवं शहरो के लिए मास्टर प्लान ऐसे अनेक सभी रोजमर्रा की आवश्यकता, पानी, बिजली, सड़क आदि सभी सुविधा सुचारू रूप से बनाने के लिए राजनीति बनाई जाती है।

अब प्रश्न यह है राज्य का राजा और शासन तंत्र कैसा है वह कौन सी नीतियां बनाते हैं निश्चित तौर पर नीतीयाॅ तो बहुत अच्छी बनाते होंगे परंतु उन नीतियों से किसको फायदा या नुकसान होता है यह उनकी इच्छा पर निर्भर होता है।

शासक ईमानदार और सेवाभावी है तो राज्य में जनता सुखी रहेगी और शासक का एक ही उद्देश्य हो कि सरकारी खजाना भरना तो वह जनता पर टैक्स ही टैक्स लगाएगे। शासक अपने करीबी लोगों मे मंत्रालय एवं विभाग बांटते हैं चाहे वह लायक है या नहीं। आजकल शासन पार्टी वाद से चलता है, पार्टी की सरकार रहे इसलिए मंत्रालय और विभाग गलत हाथों में देना भी मजबूरी है।

पंचायत, जनपद, नगर निगम, प्रदेश या देश की सत्ता बनाए रखने के लिए हालात इतने कठिन हो चुके हैं कि कई गलत आदमी चुनाव जीतकर राजनेता बन गए। ऐसे समय स्वच्छंद राजनीति की उम्मीद कम हो जाती है। हालांकि कई अच्छे नेता राजनीति में आज भी है जो वास्तविक जनसेवक है।