
Bad System of Municipal Corporation : नगर निगम की व्यवस्था बदहाल, सड़कों पर गड्ढे, स्ट्रीट लाइटें खराब, 311 एप्प पर कोई सुनवाई नहीं!
खराब सड़कों ने मुश्किल बढ़ाई, पेचवर्क पर करोड़ों खर्च, निगम में शिकायत सुनने वाला कोई नहीं!
Indore : बरसात का मौसम शुरू होते ही शहर की जनता पर दोहरी मार पड़ रही है। एक ओर करोड़ों रुपए खर्च कर कराए गए पेचवर्क के बावजूद अधिकांश सड़कें फिर गड्ढों से पट गई, दूसरी तरफ स्ट्रीट लाइट बंद रहने से अंधेरे में लोगों का सफर बेहद परेशानी वाला बन गया है। उससे भी ज्यादा खराब बात यह कि नगर निगम के ‘311 एप्प’ पर लोगों की शिकायतों की कोई सुनवाई नहीं हो रही। निगम ने एक व्हाट्सअप नंबर भी शिकायतों के लिए जारी किया, पर उसकी व्यवस्था भी भंग ही है।

इंदौर नगर निगम (आईएमसी) ने बारिश के पहले ही सड़क सुधार कार्यों पर भारी राशि खर्च की थी। लेकिन, शुरुआती बरसात के साथ ही गड्ढे फिर उभर आए। वाहन चालकों को हर दिन जोखिम उठाकर शहर की इन्हीं सड़कों से गुजरना पड़ रहा है। अंधेरे में गड्ढे नजर नहीं आते, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ गई है। जब मुख्य सड़कों की हालत खराब है, तो गलियों और कॉलोनियों की सड़कों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
स्ट्रीट लाइट सुधार के संसाधन ही नहीं
नगर निगम की अव्यवस्थाओं की पोल यह तथ्य खोलता है कि शहर के 22 झोनल कार्यालयों में स्ट्रीट लाइट मेंटिनेंस के संसाधनों का भारी अभाव है। एक झोन में केवल एक वाहन होने के कारण कई शिकायतें लंबित ही रह जाती हैं। स्ट्रीट लाइट सुधार के लिए भी पर्याप्त हाइड्रोलिक मशीनें नहीं हैं और कई जगह एलईडी लाइट लगाने का काम भी अब तक अधूरा पड़ा। नगर निगम का दावा है कि शिकायत मिलते ही कार्यवाही होती है, लेकिन महापौर एप 311 और सीएम हेल्पलाइन 181 पर दर्ज अनेक शिकायतें महीनों से अनसुलझी पड़ी हैं। आश्चर्य इस बात का कि नए व्हाट्सअप नंबर पर तो कोई सुनवाई नहीं हो रही और न कोई जवाबदेह है।
समस्या को नए इंजीनियर और गंभीर बना रहे हैं। अधिकांश इंजीनियरों को क्षेत्र की जानकारी नहीं है और न अनुभव। नागरिकों का कहना है कि कई इंजीनियर फोन तक रिसीव नहीं करते, जिससे शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती। बरसात के मौसम में कॉलोनियों और बस्तियों में जहरीले जीव-जंतुओं के घुसने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। ऐसे में स्ट्रीट लाइट बंद रहने से खतरा दोगुना हो गया है। मुख्य मार्गों से लेकर गली-मोहल्लों तक अंधेरा पसरा रहता है, जिससे नागरिकों की परेशानियां बढ़ रही हैं। लोगों का कहना है कि निगम प्रशासन को सड़कों की गुणवत्ता सुधारने और स्ट्रीट लाइट व्यवस्था दुरुस्त करने के ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि बारिश में उनकी समस्याएं कम हो सकें।
शिकायत सुनने वाला कोई नहीं
इसके अलावा सबसे ज्यादा जरूरत ‘311 एप्प’ पर मिल रही शिकायतों की है। ऑटोमेटिक शिकायतें दर्ज हो रही है और उनके क्रमांक भी आ रहे। पर शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। जबकि, महापौर की अपनी 3 साल की उपलब्धियां की गिनती ही खत्म नहीं हो रही। पर, उससे ज्यादा व्यवस्था में खामियां गिनाई जा सकती है।





