
Badwani News: तेंदुए द्वारा 2 बच्चों को मार डालने की घटना की दहशत के बीच वन विभाग के प्रयास जारी, गिरफ्त में नहीं आ रहा तेंदुआ!
बड़वानी : मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के राजपुर अनुविभाग के लिम्बई क्षेत्र में तेंदूए द्वारा एक महीने में दो बच्चों को मार डालने की घटना की दहशत के बीच वन विभाग के अथक प्रयास जारी हैं। बीती रात तेंदुआ पिंजरे के ऊपर भी चढ़ गया, लेकिन गिरफ्त में नहीं आया।
लिम्बई के किरता फलिया में शुक्रवार शाम मां के सामने से उठा कर ले गए तेंदुए ने 8 वर्षीय बच्ची को मार डाला था। इसके पहले 16 अगस्त को 4 किलोमीटर दूर इंदल गांव में 8 वर्षीय बालक को मौत का ग्रास बनने के बाद 1 सितंबर को एक महिला पर भी हमला किया था।
बड़वानी के वन मंडल अधिकारी आशीष बंसोड़ ने बताया कि घटना के बाद इंदौर, खंडवा, उज्जैन और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की टीमें बुलाई गई है इसके अलावा इंदौर से डॉग स्क्वायड भी बुलाया गया है। उन्होंने बताया कि ड्रोन कैमरों के अलावा पांच ट्रैप कैमरे और पांच पिंजरे भी स्थापित किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि शनिवार रविवार की दरम्यानी रात तेंदुए ने बेखौफ होकर गांव की गलियों में भी चहल कदमी की। उसने एक कुत्ते को शिकार बनाने की कोशिश की लेकिन ग्रामीणों के हल्ला मचाए जाने के बाद भाग गया। उन्होंने बताया कि तेंदुए के स्पष्ट पगमार्क भी पाए गए।
उन्होंने बताया कि कल शाम गांव के बाहरी इलाके में घने खेतों के बीच तेंदुए ने एक बकरी को मार डाला था। इसके बाद तत्काल दूसरे स्थान से लाकर वहां पिंजरा और ट्रैप कैमरा स्थापित किया गया। उन्होंने बताया कि तेंदुए ने जिस बकरी का शिकार किया था उसकी गंध से वह पिंजरे के पास अवश्य आता, इसलिए मरी हुई बकरी को पिंजरे के अंदर डाल दिया गया।
उन्होंने बताया कि वन विभाग की यह योजना काम की, और तेंदुआ (सम्भवतः मादा) और उसके दो से तीन शावक उस पिंजरे के आसपास मंडराने लगे। तेंदुआ पिंजरे के आसपास और यहां तक उसके ऊपर भी चढ़ गया, लेकिन शिकार का भक्षण करने अंदर नहीं गया। उन्होंने बताया कि उसके लगातार मूवमेंट करने और घनी फसल के बीच आज दोपहर उसे ट्रेंकुलाइज यह जाने की भी कोशिश की गई लेकिन तेंदुआ भाग गया।
उन्होंने बताया कि मृतक बच्ची के परिवार को आज क्षेत्रीय सांसद गजेंद्र सिंह पटेल द्वारा आठ लाख रु मुआवजे का चेक प्रदान कर दिया गया है। ग्रामीणों के कुछ अधिकारियों को हटाने की मांग को लेकर रात भर शव रख कर प्रदर्शन किया गया था, इसके बाद अधिकारियों को वहां से हटाने का प्रस्ताव भी भेज दिया गया है।
उधर भय ग्रस्त ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग को प्रभावित ग्राम के आसपास ही पिंजरे लगाने चाहिए।





