सिर में बस्ता, हाथ में जूते, 2 KM दलदल पार कर स्कूल जा रहे बच्चे

जान जोखिम में डालकर कर रहे पढ़ाई अजयगढ़ विकासखंड अंतर्गत मंझपुरवा का मामला। पूर्व में दलदल की वजह से एक बच्ची की हो चुकी है मौत। बारिश के 4 माह तक दलदल में तब्दील हो जाता है देवगांव-मंझपुरवा मार्ग।

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सिर में बस्ता, हाथ में जूते, 2 KM दलदल पार कर स्कूल जा रहे बच्चे

छतरपुर: आजादी के 75 सालों बाद भी पन्ना जिले के सैकड़ा भर से अधिक गांव सड़क विहीन हैं। बारिश के दिनों में यहां के मार्ग दलदल में तब्दील हो जाते हैं जिससे ग्रामीणों का आवागमन ठप्प हो जाता है। कुछ ग्रामों का संपर्क तो पूरी तरह से टूट जाता है। कुछ ग्रामों में स्कूल नहीं होने से बच्चे कई किलोमीटर दलदल पार कर स्कूल जाने को मजबूर होते हैं।

ऐसा ही मामला पन्ना विधानसभा के अजयगढ़ विकासखंड अंतर्गत बरियारपुर पंचायत के मजरा सलैया मंझपुरवा का देखा जा रहा है। लगभग 400 आबादी और 100 घरों वाले इस गांव के बच्चे बरसात के 4 माह तक सिर में बस्ता हाथों में जूते लेकर 2 किलोमीटर कीचड़ पार करते हुए जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हैं।

बताया जाता है कि 2 वर्ष पूर्व एक बच्ची की इसी दलदली रास्ते में फिसल कर गिरने की वजह से नाक और मुंह में कीचड़ चले जाने की वजह से मौत हो गई थी तब कुछ दिनों तक यह मामला मीडिया की सुर्खियों में बना रहा।

शासन प्रशासन द्वारा यहां सड़क निर्माण के संबंध में कोई विचार नहीं किया गया और आज भी ग्रामीण एवं स्कूली बच्चे इसी समस्या से जूझ रहे हैं।

तस्वीरों में दिख रहे यह नौनिहाल अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि ग्राम वासियों ने इसकी शिकायत जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से ना की हो लेकिन आश्वासन के सिवा उन्हें कुछ भी नहीं मिला।