

Bageshwar Dham in Ratlam : हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर धीरेंद्र शास्त्री नवंबर माह में पैदल यात्रा करेंगे!
बागेश्वर धाम सरकार ने बच्ची को दिए 500 रुपए, दादी बोली धन्य हो गई मैं और मेरा परिवार, भरी गर्मी में धीरेंद्र शास्त्री से मिलने उमड़े श्रद्धालु!
Ratlam : मध्य प्रदेश के रतलाम शहर में देश भर में विख्यात डी पी ज्वैलर्स के आग्रह पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बुधवार को पहली बार रतलाम पहुंचे। उन्हें देखने के लिए भीड़ हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ी।
अपने दिव्य आशीर्वाद वचन के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर और देश में छुआ-छूत को मिटाने को लेकर वह नवंबर माह में पैदल यात्रा निकालेंगे।
प्रवचन के दौरान भीड़ में एक महिला अपनी पोती को लेकर दर्शन करने खड़ी थी। धीरेंद्र शास्त्री ने उस बच्ची को देखा और इशारा करते हुए अपने पास बुलाया। उन्होंने बच्ची का नाम पूछा और अपने झोले से 500 रुपए निकालकर दिए।
बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री बीकानेर के नौखा से दोपहर लगभग 12:20 बजे रतलाम में बंजली हवाई पट्टी पर चार्टर प्लेन से उतरे थे वे यहां से सागोद रोड पर एक निजी कार्यक्रम के लिए रवाना हुए। यहां लोगों से मुलाकात और भोजन के बाद बंजली चौराहा स्थित आयोजन स्थल पर पहुंचे। अपने दिव्य आशीर्वाद वचन के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर और देश में छुआ-छूत को मिटाने को लेकर वह नवंबर माह में पैदल यात्रा निकालेंगे।
उन्होंने कहा कि जो कन्वर्टेड मुस्लिम है वह भी हिंदू है। देश में जुलूस पर हो रही पत्थर बाजी को लेकर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यह हिंदू को डराने की साजिश है, लेकिन हिंदू डरेगा, झुकेगा नहीं। इस देश में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति हिंदू है। मुस्लिम भी हिंदू है, जो कन्वर्टेड है।
शास्त्री ने नीमच के जैन संतों पर हुए हमले को लेकर कहा कि वह घटना निंदनीय है। यह देश का दुर्भाग्य हैं कि संतों पर हमले किए जा रहें हैं। पत्थर फेंके जा रहे हैं। संतों को सुरक्षा देना चाहिए। मेरा कहना है पत्थर फेंकना हो तो देशद्रोहियों पर फेंकों।
अपने उद्बोधन में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हिंदू राष्ट्र की शुरुआत रतलाम से हो सकती है। मैं रतलाम में पहली बार आया हूं, बहुत सुना हैं यहां के बारे में। ये संतों की नगरी है। अगली बार जल्द यहां आकर कथा करूंगा और दरबार भी लगाऊंगा।हिंदू एक ऐसी विचारधारा है, जो तीसरे विश्व युद्ध से बचाएगा। उन्होंने बच्चों को सीख देते हुए कहा कि बच्चों कलेक्टर, एसपी, मिनिस्टर बनो मगर कट्टर हिंदू जरूर बनो। हम लोग पूजा-पाठ छोड़ रहे हैं। संस्कार खो रहें हैं मंदिर जाओ, तिलक लगाओ। मुसलमान से सीखो वह क्या नमाज पढ़ना भूलते हैं। ईसाई चर्च जाना छोड़ते हैं तो फिर हम सनातनी होकर मंदिर से दूर क्यों रहते है। अभी समय हैं एक होकर हिंदू राष्ट्र बनाने का, हमें मुसलमानों से कोई दिक्कत नहीं है दिक्कत उन लोगों से है, जो बोलते हैं कि सर, तन से जुदा कर देंगे।