CM शिवराज ने जब केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस बुला लिया था बैंस को

कम बोलने वाले सख्त प्रशासक है CS 

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CM शिवराज ने जब केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस बुला लिया था बैंस को

भोपाल।प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस अगले साल 31 मई तक मुख्य सचिव की जिम्मेदारी निभाएंगे। केंद्रीय कार्मिक और पेंशन मंत्रालय ने बुधवार को बैंस की सेवा वृद्धि के आदेश जारी कर दिए। इसके बाद अगले मुख्य सचिव को लेकर छाया कुहासा साफ हो गया। मुख्य सचिव बैंस की सेवा वृद्धि के बाद इस पद के लिए नए नामों को भी विराम लग गया है। बैंस कम बोलने वाले सख्त प्रशासक के रूप में जाने जाते हैं। CM शिवराज सिंह चौहान , बैंस की कार्यप्रणाली से इतने प्रभावित रहे है इसका एक उदाहरण यह है कि उन्होंने 2014 में बैंस को दिल्ली में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस भोपाल बुला लिया था। इसके लिए उन्हें उस समय विशेष प्रयास करना पड़े थे।

*24 मार्च 2020 को बने थे मुख्य सचिव*

24 मार्च 2020 के मुख्य सचिव पद की जिम्मेदारी संभालने वाले 1985 बैच के IAS अधिकारी इकबाल सिंह बैंस ने कोरोना के कठिन दौर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्राथमिकताओं को बखूबी निभाया और प्रशासनिक तंत्र को मजबूत करने का काम किया। इसी के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनका कार्यकाल बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा।

*प्रतिनियुक्ति से वापस बुला लिया था शिवराज ने*

शिवराज, बैंस की वर्किंग से इस हद तक प्रभावित रहे हैं कि जब बैंस जुलाई 2013 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर संयुक्त सचिव बनकर चले गए थे तो केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद शिवराज ने अगस्त 2014 में केंद्र सरकार से आग्रह करके वापस मध्यप्रदेश बुला लिया था और अपना प्रमुख सचिव बनाया था। तब तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के हस्तक्षेप के बाद बैंस की प्रतिनियुक्ति समय से पहले खत्म कर उन्हें मध्य प्रदेश भेजा गया था। इसके बाद सत्ता परिवर्तन के उपरांत जब कमलनाथ सरकार आई और गई तथा 24 मार्च 2020 को शिवराज सिंह चौहान फिर चौथी बार मुख्यमंत्री बने तो सत्ता संभालते ही कमलनाथ सरकार में मुख्य सचिव बनाए गए एम. गोपाल रेड्डी को हटा कर इकबाल सिंह बैंस को मुख्य सचिव बना दिया था। तब छह अफसरों की वरिष्ठता को नजर अंदाज किया गया था।

*कम बोलने वाले सख्त प्रशासक*

1985 बैच के IAS अफसर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को कम और सिर्फ काम की बातें बोलने वाला सख्त प्रशासक माना जाता है। देश में पहली बार आनंद विभाग का गठन भी उनकी ही पहल पर हुआ था। कृषि, उद्यानिकी, ऊर्जा, विमानन, आबकारी आयुक्त, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य जैसे विभागों में काम कर चुके इकबाल ने सीहोर, खंडवा, गुना और भोपाल कलेक्टर के रूप में भी सफल जिम्मेदारी निभाई थी। बैंस जब कलेक्टर थे तब भी उनकी प्रशासनिक कार्यशैली की सराहना होती थी।